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ट्रैक्टर परेड के लिए दिल्ली जाने को किसान बेकरार, खेड़ा बॉर्डर पर पुलिस ने की बैरिकेडिंग

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Published : Jan 6, 2021, 7:41 PM IST

खेड़ा बॉर्डर पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगा दी है. वार्ता विफल होने के बाद किसानों ने दिल्ली कूच करने की ठान ली है. कल यानी 7 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर परेड का आह्वान किया है.

Police put barricades on Kheda border to stop farmers
Police put barricades on Kheda border to stop farmers

रेवाड़ी: केंद्र सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद दिल्ली-जयपुर हाईवे पर जमे हजारों किसानों ने दिल्ली कूच की तैयारी कर ली है. राजस्थान के पार रेवाड़ी सीमा में सैकड़ों पुलिस व सुरक्षाकर्मी बैरिकेड लगाकर जहां तैनात हैं वहीं राजस्थानी सीमा में हजारों किसान बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने को बेकरार दिखाई दे रहे हैं.

खेड़ा बॉर्डर पर पुलिस सख्त

बता दें कि वार्ता विफल होने के बाद अब किसान पहले से ज्यादा दिल्ली जाने को बेकरार हैं और यहां हालात कभी भी बेकाबू हो सकते हैं. इसलिए पुलिस ने अतिरिक्त बैरिकेडिंग करना शुरू कर दिया है. ऐसा ही नजारा धारूहेड़ा के मसानी बैराज के पास का है. यहां पर वो किसान भी शामिल है जो 3 दिन पूर्व जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर से बैरिकेड तोड़कर यहां पहुंच गए थे.

ट्रैक्टर परेड के लिए दिल्ली जाने को किसान बेकरार, खेड़ा बॉर्डर पर पुलिस ने की बैरिकेडिंग

बॉर्डर पर लगाए बैरिकेडिंग

पुलिस प्रशासन ने एनएच-71 गंगायचा जाट टोल के पास भी अब नए बैरिकेड लगा दिए हैं. इस मार्ग से झज्जर दिशा की ओर से सैकड़ों किसान मसानी बैराज पहुंच रहे हैं. इस समय पुलिस को हाईवे के जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर पर व मसानी बैराज के पास किसानों से मोर्चा लेते हुए उन्हें रोकना पड़ रहा है.

तीसरा मोर्चा हाईवे को रोककर बनीपुर चौक पर पिछले 15 दिनों से चल रहा धरना समाप्त हो गया है और यहां के किसान मसानी बैराज पहुंच चुके हैं. नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता रामकिशन मेहलावत ने कहा कि मसानी बैराज में 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश व भीषण ठंड के बीच किसान भारी संख्या में डटे हुए हैं.

ये भी पढ़ें- सोनीपत में किसान आंदोलन को लेकर परेड की तैयारियां पूरी, देखिए किसानों का ट्रैक्टर पर करतब

उन्होंने कहा कि बातचीत का दौर कई बार विफल हो चुका है ये बातचीत कब सफल होगी कहा नहीं जा सकता. इसलिए अब हमारा दिल्ली जाना मुख्य लक्ष्य है. इसके लिए हमने व्यापक तैयारियां वह चर्चा की है हमें अपने केंद्रीय नेतृत्व के आदेश का बस इंतजार है.

कड़कड़ाती ठंड और बारिश के बाद भी किसानों का जज्बा कम होता दिखाई नहीं दे रहा है. बस अब उनकी एक ही जिद है कि 26 जनवरी को वो दिल्ली में ट्रैक्टर परेड करेंगे. इसके लिए शीर्ष नेतृत्व अब दिल्ली कूच के लिए रणनीति तैयार कर रहा है. अब देखना होगा कि पुलिस द्वारा की गई बैरिकेडिंग क्या किसानों को दिल्ली कुछ करने से रोक पाएंगी या किसान दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने में सफल होंगे.

रेवाड़ी: केंद्र सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद दिल्ली-जयपुर हाईवे पर जमे हजारों किसानों ने दिल्ली कूच की तैयारी कर ली है. राजस्थान के पार रेवाड़ी सीमा में सैकड़ों पुलिस व सुरक्षाकर्मी बैरिकेड लगाकर जहां तैनात हैं वहीं राजस्थानी सीमा में हजारों किसान बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने को बेकरार दिखाई दे रहे हैं.

खेड़ा बॉर्डर पर पुलिस सख्त

बता दें कि वार्ता विफल होने के बाद अब किसान पहले से ज्यादा दिल्ली जाने को बेकरार हैं और यहां हालात कभी भी बेकाबू हो सकते हैं. इसलिए पुलिस ने अतिरिक्त बैरिकेडिंग करना शुरू कर दिया है. ऐसा ही नजारा धारूहेड़ा के मसानी बैराज के पास का है. यहां पर वो किसान भी शामिल है जो 3 दिन पूर्व जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर से बैरिकेड तोड़कर यहां पहुंच गए थे.

ट्रैक्टर परेड के लिए दिल्ली जाने को किसान बेकरार, खेड़ा बॉर्डर पर पुलिस ने की बैरिकेडिंग

बॉर्डर पर लगाए बैरिकेडिंग

पुलिस प्रशासन ने एनएच-71 गंगायचा जाट टोल के पास भी अब नए बैरिकेड लगा दिए हैं. इस मार्ग से झज्जर दिशा की ओर से सैकड़ों किसान मसानी बैराज पहुंच रहे हैं. इस समय पुलिस को हाईवे के जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर पर व मसानी बैराज के पास किसानों से मोर्चा लेते हुए उन्हें रोकना पड़ रहा है.

तीसरा मोर्चा हाईवे को रोककर बनीपुर चौक पर पिछले 15 दिनों से चल रहा धरना समाप्त हो गया है और यहां के किसान मसानी बैराज पहुंच चुके हैं. नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता रामकिशन मेहलावत ने कहा कि मसानी बैराज में 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश व भीषण ठंड के बीच किसान भारी संख्या में डटे हुए हैं.

ये भी पढ़ें- सोनीपत में किसान आंदोलन को लेकर परेड की तैयारियां पूरी, देखिए किसानों का ट्रैक्टर पर करतब

उन्होंने कहा कि बातचीत का दौर कई बार विफल हो चुका है ये बातचीत कब सफल होगी कहा नहीं जा सकता. इसलिए अब हमारा दिल्ली जाना मुख्य लक्ष्य है. इसके लिए हमने व्यापक तैयारियां वह चर्चा की है हमें अपने केंद्रीय नेतृत्व के आदेश का बस इंतजार है.

कड़कड़ाती ठंड और बारिश के बाद भी किसानों का जज्बा कम होता दिखाई नहीं दे रहा है. बस अब उनकी एक ही जिद है कि 26 जनवरी को वो दिल्ली में ट्रैक्टर परेड करेंगे. इसके लिए शीर्ष नेतृत्व अब दिल्ली कूच के लिए रणनीति तैयार कर रहा है. अब देखना होगा कि पुलिस द्वारा की गई बैरिकेडिंग क्या किसानों को दिल्ली कुछ करने से रोक पाएंगी या किसान दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने में सफल होंगे.

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