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रेवाड़ी: जज बनना चाहता था, बन गया नशा तस्कर, पुलिस ने ऐसे किया काबू

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Published : Jan 22, 2020, 5:02 PM IST

पुलिस ने ब्राउन शुगर के साथ तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक बादर राम आरएएस प्री क्लियर कर चुका है. वो कर्ज उतारने के लिए सोने से महंगी ब्राउन शुगर का तस्कर बन गया. बादर राम आरएएस मेंस की तैयारी कर रहा था.

police arrested three people with brown sugar in rewari
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

रेवाड़ी: कर्ज वो चीज है जिस पर चढ़ जाए उसकी नींद उड़ा देता है, साथ ही कर्ज का बोझ उतारने के लिए कोई खुदकुशी तो कोई अपराध की दुनिया का रास्ता पकड़ लेता है. आर्थिक तंगी के बीच पले बढ़े राजस्थान के जिला पाली गांव आकड़ावास निवासी बादल राम भी वही शख्स है जो राजस्थान में सेकंड क्लास मजिस्ट्रेट बनने का सपना संजोए कुछ दिन पहले तक तैयारी कर रहा था.

कुछ महीने पहले ही उसने राजस्थान लोक सेवा आयोग आरएएस परीक्षा का प्री-क्लियर किया था और अब मेंस की तैयारी देनी थी, लेकिन इसी बीच एक ऐसा मोड़ आया और वो ग्रुप डी की नौकरी लगने के लिए किसी कबूतर बाज के चक्कर में फंस गया. नौकरी भी नहीं मिली और उस पर 15 रुपये लाख का कर्ज भी हो गया.

ब्राउन शुगर के साथ तीन आरोपी काबू

इसी कर्ज को उतारने के लिए उसने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया. सोमवार को इसी दुनिया के साथ कदमताल करते हुए वो रेवाड़ी में सोने से महंगी नशीली ब्राउन शुगर की सप्लाई करने पहुंच गया, लेकिन उसका पहला ही पड़ाव उस पर भारी पड़ गया और वो सीआईए रेवाड़ी की टीम के हत्थे चढ़ गया.

दरअसल, स्कूल टाइम से ही होनहार 25 वर्षीय बादर राम के पिता पेमाराम राजस्थान में बिजली निगम के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद से रिटायर हैं. पांच भाई-बहनों में तीन बहनों की शादी हो चुकी है उसकी शादी 4 महीने पहले ही हुई थी. उसका एक छोटा भाई भी है. आर्थिक तंगी से परेशान परिवार को उभारने के लिए बादर राम लगातार नौकरी की तलाश में लगा हुआ था. उसने जयपुर में भी तैयारी की लेकिन साल 2019 में ग्रुप डी की भर्ती में पैसे देकर नौकरी पाने का लालच उसे भारी पड़ गया.

तीन नंबर से सब इंस्पेक्टर बनने से चूका बादर राम ने पूछताछ में बताया कि वर्ष 2019 में उसने राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर का पेपर दिया था. इस पेपर में वह मात्र 3 अंकों से रह गया था. उसने उसके बाद राजस्थान सिविल सेवा आयोग की ओर से आयोजित आरएएस की परीक्षा दी उसमें उसने पहले ही प्रयास में प्री क्लियर कर दिया.

अभी वो मेंस की तैयारी कर रहा था लेकिन अगस्त महीने में उससे ग्रुप डी की भर्ती में नौकरी लगने के लिए राजस्थान के ही एक व्यक्ति से संपर्क किया बादर राम ने दूसरों से 15 लाख रुपये का कर्ज लेकर उसे दे दिया. उसे ना तो नौकरी मिली और ना ही उसे पैसा वापस मिले. बाद में पैसे लेने वाले ठग बाद जेल में बंद हो गया और पैसे मांगने वालों की कतार घर के बाहर लगनी शुरू हो गई. इसी से परेशान बादर राम रास्ता तलाश रहा था.

स्टेशन पर माल देकर लौट गया सरगना

बादर राम ने बताया कि उसे किसी परिचित ने ब्राउन शुगर बेचने वाले एक सरगना से मिलवाया था. उसने सिर्फ इतना बताया था कि बैग लेकर उसे रेवाड़ी में फ्लाईओवर पर सप्लाई देकर आना है. सोमवार की शाम बैग में 734 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ सरगना उसे जयपुर स्टेशन के पास छोड़ कर आया था. बाद में वो एक्सप्रेस ट्रेन से रेवाड़ी जंक्शन पहुंचा था. उसकी पीठ पर बैग लटका हुआ था. उसने रेवाड़ी पहुंचने के बाद सरगना को फोन कर सूचित भी कर दिया था. माल को लेने के लिए किसी लोकल आदमी को ही उसके पास आना था, लेकिन उससे पहले ही वो पुलिस की गिरफ्त में आ गया. सीआई की टीम अब सरगना के साथ-साथ माल खरीदने के लिए आने वाले को भी दबोच लिया है.

ब्राउन शुगर सोने से महंगा
पुलिस के अनुसार ये एक ऐसे तरह का महंगा ड्रक्स है. जिसकी चपेट में आकर उसके बाद इस नशे की लत से बाहर निकलना मुश्किल है. इसकी कीमत के बारे में बताया जाता है कि वो सोने से भी महंगा है बिकता है. पिछले एक साल के दौरान इस नशे का चलन बढ़ा है. हाई प्रोफाइल घर के बच्चे इस नशे की दलदल में ज्यादा फंस रहे हैं.

पंजाब के बाद अब हरियाणा भी नशे की गिरफ्त में धीरे-धीरे जकड़ता जा रहा है. अब देखना होगा कि सरकार इस पर किस तरह अंकुश लगाएगी और युवाओं में लगी नशे की आदत को किस तरह से छुड़ा पाएगी.

ये भी पढ़ें- भिवानी: गणतंत्र दिवस पर सुरक्षा को लेकर चलाया चेकिंग अभियान

रेवाड़ी: कर्ज वो चीज है जिस पर चढ़ जाए उसकी नींद उड़ा देता है, साथ ही कर्ज का बोझ उतारने के लिए कोई खुदकुशी तो कोई अपराध की दुनिया का रास्ता पकड़ लेता है. आर्थिक तंगी के बीच पले बढ़े राजस्थान के जिला पाली गांव आकड़ावास निवासी बादल राम भी वही शख्स है जो राजस्थान में सेकंड क्लास मजिस्ट्रेट बनने का सपना संजोए कुछ दिन पहले तक तैयारी कर रहा था.

कुछ महीने पहले ही उसने राजस्थान लोक सेवा आयोग आरएएस परीक्षा का प्री-क्लियर किया था और अब मेंस की तैयारी देनी थी, लेकिन इसी बीच एक ऐसा मोड़ आया और वो ग्रुप डी की नौकरी लगने के लिए किसी कबूतर बाज के चक्कर में फंस गया. नौकरी भी नहीं मिली और उस पर 15 रुपये लाख का कर्ज भी हो गया.

ब्राउन शुगर के साथ तीन आरोपी काबू

इसी कर्ज को उतारने के लिए उसने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया. सोमवार को इसी दुनिया के साथ कदमताल करते हुए वो रेवाड़ी में सोने से महंगी नशीली ब्राउन शुगर की सप्लाई करने पहुंच गया, लेकिन उसका पहला ही पड़ाव उस पर भारी पड़ गया और वो सीआईए रेवाड़ी की टीम के हत्थे चढ़ गया.

दरअसल, स्कूल टाइम से ही होनहार 25 वर्षीय बादर राम के पिता पेमाराम राजस्थान में बिजली निगम के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद से रिटायर हैं. पांच भाई-बहनों में तीन बहनों की शादी हो चुकी है उसकी शादी 4 महीने पहले ही हुई थी. उसका एक छोटा भाई भी है. आर्थिक तंगी से परेशान परिवार को उभारने के लिए बादर राम लगातार नौकरी की तलाश में लगा हुआ था. उसने जयपुर में भी तैयारी की लेकिन साल 2019 में ग्रुप डी की भर्ती में पैसे देकर नौकरी पाने का लालच उसे भारी पड़ गया.

तीन नंबर से सब इंस्पेक्टर बनने से चूका बादर राम ने पूछताछ में बताया कि वर्ष 2019 में उसने राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर का पेपर दिया था. इस पेपर में वह मात्र 3 अंकों से रह गया था. उसने उसके बाद राजस्थान सिविल सेवा आयोग की ओर से आयोजित आरएएस की परीक्षा दी उसमें उसने पहले ही प्रयास में प्री क्लियर कर दिया.

अभी वो मेंस की तैयारी कर रहा था लेकिन अगस्त महीने में उससे ग्रुप डी की भर्ती में नौकरी लगने के लिए राजस्थान के ही एक व्यक्ति से संपर्क किया बादर राम ने दूसरों से 15 लाख रुपये का कर्ज लेकर उसे दे दिया. उसे ना तो नौकरी मिली और ना ही उसे पैसा वापस मिले. बाद में पैसे लेने वाले ठग बाद जेल में बंद हो गया और पैसे मांगने वालों की कतार घर के बाहर लगनी शुरू हो गई. इसी से परेशान बादर राम रास्ता तलाश रहा था.

स्टेशन पर माल देकर लौट गया सरगना

बादर राम ने बताया कि उसे किसी परिचित ने ब्राउन शुगर बेचने वाले एक सरगना से मिलवाया था. उसने सिर्फ इतना बताया था कि बैग लेकर उसे रेवाड़ी में फ्लाईओवर पर सप्लाई देकर आना है. सोमवार की शाम बैग में 734 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ सरगना उसे जयपुर स्टेशन के पास छोड़ कर आया था. बाद में वो एक्सप्रेस ट्रेन से रेवाड़ी जंक्शन पहुंचा था. उसकी पीठ पर बैग लटका हुआ था. उसने रेवाड़ी पहुंचने के बाद सरगना को फोन कर सूचित भी कर दिया था. माल को लेने के लिए किसी लोकल आदमी को ही उसके पास आना था, लेकिन उससे पहले ही वो पुलिस की गिरफ्त में आ गया. सीआई की टीम अब सरगना के साथ-साथ माल खरीदने के लिए आने वाले को भी दबोच लिया है.

ब्राउन शुगर सोने से महंगा
पुलिस के अनुसार ये एक ऐसे तरह का महंगा ड्रक्स है. जिसकी चपेट में आकर उसके बाद इस नशे की लत से बाहर निकलना मुश्किल है. इसकी कीमत के बारे में बताया जाता है कि वो सोने से भी महंगा है बिकता है. पिछले एक साल के दौरान इस नशे का चलन बढ़ा है. हाई प्रोफाइल घर के बच्चे इस नशे की दलदल में ज्यादा फंस रहे हैं.

पंजाब के बाद अब हरियाणा भी नशे की गिरफ्त में धीरे-धीरे जकड़ता जा रहा है. अब देखना होगा कि सरकार इस पर किस तरह अंकुश लगाएगी और युवाओं में लगी नशे की आदत को किस तरह से छुड़ा पाएगी.

ये भी पढ़ें- भिवानी: गणतंत्र दिवस पर सुरक्षा को लेकर चलाया चेकिंग अभियान

Intro:रेवाड़ी 22 जनवरी।
ब्राउन शुगर मामले में अभी तक तीन आरोपी काबू
आर ए एस प्री क्लियर कर चुका है बादर राम
कर्ज उतारने के लिए बन गया सोने से महंगी ब्राउन शुगर का तस्कर
मेंस की तैयारी में जुटा था बादर राम
सब इंस्पेक्टर में भी 3 अंकों से पिछड़ा
पांच भाई-बहनों में बड़ा भाई बादर राम की 4 माह पहले हुई थी शादी
धंधे में कदम रखते ही पहुंचा सलाखों के पीछे, ट्रेन से बैठकर पहुंचा था रेवाड़ी
ग्रुप डी की नौकरी के लिए लिया था 15 लाख का कर्ज़
नौकरी लगवाने वाला धोखाधड़ी के मामले में जेल में बंद
पैसे मांगने वालों का घर पर लगा रहता था तांता
परेशान होकर चुना अपराध का रास्ता


Body:कर्ज़ वह चीज है जिस पर चढ़ जाए उसकी नींद उड़ा देता है, साथ ही कर्ज का बोझ उतारने के लिए कोई खुदकुशी तो कोई अपराध की दुनिया का रास्ता पकड़ लेता है। आर्थिक तंगी के बीच पले बढ़े राजस्थान के जिला पाली गांव आकड़ावास निवासी बादल राम भी वही शख्स है जो राजस्थान में सेकंड क्लास मजिस्ट्रेट बनने का सपना सजोए कुछ दिन पहले तक तैयारी कर रहा था। कुछ माह पहले ही उसने राजस्थान लोक सेवा आयोग आर ए एस परीक्षा का प्री-क्लियर किया था। और अब मेंस की तैयारी देनी थी। लेकिन इसी बीच एक ऐसा मोड़ आया और वह ग्रुप डी की नौकरी लगने के लिए किसी कबूतर बाज के चक्कर में फस गया। नौकरी भी नहीं मिली और उस पर ₹15 लाख का कर्ज भी हो गया। इसी कर्ज को उतारने के लिए उसने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। सोमवार को इसी दुनिया के साथ कदमताल करते हुए वह रेवाड़ी में सोने से महंगी नशीली ब्राउन शुगर की सप्लाई करने पहुंच गया। लेकिन उसका पहला ही पड़ाव उस पर भारी पड़ गया और वह सीआईए रेवाड़ी की टीम के हत्थे चढ़ गया। दरअसल स्कूल टाइम से ही होनहार 25 वर्षीय बादर राम के पिता पेमाराम राजस्थान में बिजली निगम के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद से रिटायर हैं। पांच भाई-बहनों में तीन बहनों की शादी हो चुकी है उसकी शादी 4 माह पहले ही हुई थी। उसका एक छोटा भाई भी है। आर्थिक तंगी से परेशान परिवार को उभारने के लिए बादर राम लगातार नौकरी की तलाश में लगा हुआ था। उसने जयपुर में भी तैयारी की लेकिन वर्ष 2019 में ग्रुप डी की भर्ती में पैसे देकर नौकरी पाने का लालच उसे भारी पड़ गया। तीन नंबर से सब इंस्पेक्टर बनने से रहे बादर राम ने पूछताछ में बताया कि वर्ष 2019 में उसने राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर का पेपर दिया था। इस पेपर में वह मात्र 3 अंकों से रह गया था उसने उसके बाद राजस्थान सिविल सेवा आयोग की ओर से आयोजित आर ए एस की परीक्षा दी उसमें उसने पहले ही प्रयास में प्री क्लियर कर दिया। अभी वह मेंस की तैयारी कर रहा था लेकिन अगस्त माह में उससे ग्रुप डी की भर्ती में नौकरी लगने के लिए राजस्थान के ही एक व्यक्ति से संपर्क किया बादर राम ने दूसरों से ₹15 लाख कर्ज लेकर उसे दे दिया। उसे ना तो नौकरी मिली और ना ही उसे पैसा वापस मिले। मिला बाद में पैसे लेने वाले ठग बाद जेल में बंद हो गया और पैसे मांगने वालों की कतार घर के बाहर लगनी शुरू हो गई। इसी से परेशान बादर राम रास्ता तलाश रहा था। स्टेशन पर माल लेकर देकर लौट गया सरगना बादर राम ने बताया कि उसे किसी परिचित ने ब्राउन शुगर बेचने वाले एक सरगना से मिलवाया था उसने सिर्फ इतना बताया था कि बैग लेकर उसे रेवाड़ी में फ्लाईओवर पर सप्लाई देकर आना है सोमवार की शाम बैग में 734 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ सरगना उसे जयपुर स्टेशन के पास छोड़ कर आया था बाद में वह एक्सप्रेस ट्रेन से रेवाड़ी जंक्शन पहुंचा था उसकी पीठ पर बैग लटका हुआ था उसने रेवाड़ी पहुंचने के बाद सरगना को फोन कर सूचित भी कर दिया था माल को लेने के लिए किसी लोकल आदमी को ही उसके पास आना था लेकिन उससे पहले ही वह पुलिस की गिरफ्त में आ गया सीआई की टीम अब सरगना के साथ-साथ माल खरीदने के लिए आने वाले को भी दबोच लिया है ब्राउन शुगर सोने से महंगा पुलिस के अनुसार यह एक ऐसे तरह का महंगा डक्स है जिसकी चपेट में आकर उसके बाद इस नशे की लत से बाहर निकलना मुश्किल है इसकी कीमत के बारे में बताया जाता है कि वह सोने से भी महंगा है बिकता है पिछले एक साल के दौरान इस नशे का चलन बढ़ा है हाई प्रोफाइल घर के बच्चे इस नशे की दलदल में ज्यादा फंस रहे हैं।
बाइट--विद्यासागर, CIA इंचार्ज रेवाड़ी।


Conclusion:पंजाब के बाद अब हरियाणा भी नशे की गिरफ्त में धीरे-धीरे जकड़ता जा रहा है अब देखना होगा कि सरकार इस पर किस तरह अंकुश लगाएगी और युवाओं में लगी नशे की आदत को किस तरह से छुड़ा पाएगी।
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