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रेवाड़ी: हादसे में जान गंवाने वाले फोटोग्राफर की मौत पर लोगों ने निकाला कैंडल मार्च - रेवाड़ी न्यूज

दो सांडों की लड़ाई में जान गंवाने वाले फोटोग्राफर संजय वर्मा को लेकर शहरवासियों ने कैंडल मार्च निकाला. इस दौरान लोगों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार की सहायता और सड़कों से आवारा पशुओं को हटाने की अपील की.

people take out candle march regarding scooty rider death in fight between two bulls rewari
सांड की टक्कर से जान गंवाने वाले फोटोग्राफर की मौत को लेकर लोगों ने निकाला कैंडल मार्च
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Published : Aug 16, 2020, 7:28 AM IST

रेवाड़ी: सांड की टक्कर से जान गंवाने वाले युवक संजय वर्मा की मौत के बाद शहर में गुस्सा है. शनिवार की शाम को शहरवासियों ने कैंडल मार्च निकालकर प्रशासन और नगर परिषद को जगाने का प्रयास किया. साथ ही नगर परिषद और जींद प्रशासन होश में आओ के स्लोगन भी दिखाए.

बिना किसी संगठन के बैनर तले लोग स्वेच्छा से ठठेरा चौक पर एकत्रित हुए. जहां पर सभी लोगों ने मोमबत्ती जलाकर संजय की आत्मिक शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा. इस दौरान मृतक संजय उर्फ डोली के दोनों बेटे नकुल व आयुष भी मौजूद रहे. यहां से कैंडल मार्च निकालते हुए लोग मोती चौक होते हुए नगर परिषद कार्यालय तक पहुंचे. नगर परिषद कार्यालय के गेट के सामने ही लोगों ने अधिकारियों को सद्बुद्धि देने की बात कहते हुए अपनी कैंडल रखी रख दी.

सांड की टक्कर से जान गंवाने वाले फोटोग्राफर की मौत को लेकर लोगों ने निकाला कैंडल मार्च

गौरतलब है कि 12 अगस्त को पेशे से फोटोग्राफर संजय कुमार को कायस्थवाड़ा चौक पर दो सांडों ने टक्कर मार दी. जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. इस हादसे के बाद से ही लोगों में गुस्सा है, क्योंकि तमाम हादसों के बाद भी नगर परिषद द्वारा सड़कों पर घूमने वाले बेसहारा पशुओं को नहीं पकड़ा जा रहा है. जिसको लेकर ही लोगों ने कैंडल मार्च निकाला. वहीं संजय को न्याय दिलाने के लिए युवा सोशल मीडिया पर भी कैंपेन चला रखा है. जिसे काफी लोग सपोर्ट कर रहे हैं.

इस संबंध में एडवोकेट सुनील भार्गव व एडवोकेट राजेंद्र सिंह ने बताया कि अधिकारियों की लापरवाही से संजय की जान गई है. इसलिए अधिकारियों पर कार्रवाई हो. वहीं मर्तक की पत्नी को सरकारी नौकरी मिले और परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए.

बता दें कि, बेसहारा पशुओं को सड़कों से हटाने के लिए अधिवक्ता सुनील भार्गव पिछले 10 सालों से संघर्ष कर रहे हैं. कोर्ट के माध्यम से कई बार अधिकारियों को लताड़ भी पड़ चुकी है. 2016 में शहर से कुछ पशुओं को हटाकर प्रशासन ने रेवाड़ी को कैटल फ्री घोषित कर दिया गया था, लेकिन आज भी शहर में सैकड़ों की संख्या में बेसहारा पशु घूमते नजर आ जाएंगे. जो कि हादसों का कारण बनते हैं.

सहकारिता न्याय एवं सामाजिक विभाग राज्य मंत्री ओमप्रकाश यादव ने कहा कि समय-समय पर पशुओं को सड़कों से हटाया जाता है, लेकिन फिर भी पड़ोसी राज्य राजस्थान से कुछ पशु हरियाणा में प्रवेश कर जाते हैं. जो हादसों का कारण बनते हैं. उन्होंने कहा कि हम पूरा प्रयास करेंगे कि सड़कों से आवारा पशुओं को हटाया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार के हिसाब से जो भी सहायता मृतक के परिवार के लिए बन पाएगा, वो किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: दो सांडों की लड़ाई के बीच गई स्कूटी सवार युवक की जान

रेवाड़ी: सांड की टक्कर से जान गंवाने वाले युवक संजय वर्मा की मौत के बाद शहर में गुस्सा है. शनिवार की शाम को शहरवासियों ने कैंडल मार्च निकालकर प्रशासन और नगर परिषद को जगाने का प्रयास किया. साथ ही नगर परिषद और जींद प्रशासन होश में आओ के स्लोगन भी दिखाए.

बिना किसी संगठन के बैनर तले लोग स्वेच्छा से ठठेरा चौक पर एकत्रित हुए. जहां पर सभी लोगों ने मोमबत्ती जलाकर संजय की आत्मिक शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा. इस दौरान मृतक संजय उर्फ डोली के दोनों बेटे नकुल व आयुष भी मौजूद रहे. यहां से कैंडल मार्च निकालते हुए लोग मोती चौक होते हुए नगर परिषद कार्यालय तक पहुंचे. नगर परिषद कार्यालय के गेट के सामने ही लोगों ने अधिकारियों को सद्बुद्धि देने की बात कहते हुए अपनी कैंडल रखी रख दी.

सांड की टक्कर से जान गंवाने वाले फोटोग्राफर की मौत को लेकर लोगों ने निकाला कैंडल मार्च

गौरतलब है कि 12 अगस्त को पेशे से फोटोग्राफर संजय कुमार को कायस्थवाड़ा चौक पर दो सांडों ने टक्कर मार दी. जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. इस हादसे के बाद से ही लोगों में गुस्सा है, क्योंकि तमाम हादसों के बाद भी नगर परिषद द्वारा सड़कों पर घूमने वाले बेसहारा पशुओं को नहीं पकड़ा जा रहा है. जिसको लेकर ही लोगों ने कैंडल मार्च निकाला. वहीं संजय को न्याय दिलाने के लिए युवा सोशल मीडिया पर भी कैंपेन चला रखा है. जिसे काफी लोग सपोर्ट कर रहे हैं.

इस संबंध में एडवोकेट सुनील भार्गव व एडवोकेट राजेंद्र सिंह ने बताया कि अधिकारियों की लापरवाही से संजय की जान गई है. इसलिए अधिकारियों पर कार्रवाई हो. वहीं मर्तक की पत्नी को सरकारी नौकरी मिले और परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए.

बता दें कि, बेसहारा पशुओं को सड़कों से हटाने के लिए अधिवक्ता सुनील भार्गव पिछले 10 सालों से संघर्ष कर रहे हैं. कोर्ट के माध्यम से कई बार अधिकारियों को लताड़ भी पड़ चुकी है. 2016 में शहर से कुछ पशुओं को हटाकर प्रशासन ने रेवाड़ी को कैटल फ्री घोषित कर दिया गया था, लेकिन आज भी शहर में सैकड़ों की संख्या में बेसहारा पशु घूमते नजर आ जाएंगे. जो कि हादसों का कारण बनते हैं.

सहकारिता न्याय एवं सामाजिक विभाग राज्य मंत्री ओमप्रकाश यादव ने कहा कि समय-समय पर पशुओं को सड़कों से हटाया जाता है, लेकिन फिर भी पड़ोसी राज्य राजस्थान से कुछ पशु हरियाणा में प्रवेश कर जाते हैं. जो हादसों का कारण बनते हैं. उन्होंने कहा कि हम पूरा प्रयास करेंगे कि सड़कों से आवारा पशुओं को हटाया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार के हिसाब से जो भी सहायता मृतक के परिवार के लिए बन पाएगा, वो किया जाएगा.

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