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अब आयुर्वेद से होगा कोरोना वायरस का इलाज! औषधीय पौधों की तरफ बढ़ा लोगों का रुझान - Corona Virus Ayurvedic Medicine

कोरोना काल के चलते अब लोगों का रुझान प्राचीन सभ्यता की और बढ़ रहा है. अब लोग फास्टफूड को छोड़ औषधीय पौधों से अपनी इम्युनिटी बढ़ाने में जुटे हुए हैं. नर्सरियों में औषधीय पौधों जैसे गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा और सदाबहार की मांग बढ़ने लगी है.

people are using medicine plants for better immunity system to fight coronavirus
अब आयुर्वेद से होगा कोरोना वायरस का इलाज! औषधीय पौधों की तरफ बढ़ा लोगों का रुझान
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Published : Jul 8, 2020, 4:17 PM IST

रेवाड़ी: कोरोना वायरस ने लोगों की दिनचर्या को पूरी तरह बदल दिया है. कोरोना के चलते लोगों की जीवनशैली में भी कई तरह के बदलाव आए हैं. लोग इस बीमारी का तोड़ ढूंढने के लिए तरह-तरह के उपाय अपनाकर रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा रहे हैं. ऐसे में अब लोगों का औषधीय पौधों की तरफ भी रुझान बढ़ रहा है.

छोटी-बड़ी नर्सरियों में औषधीय पौधों की बिक्री 50 फीसदी तक बढ़ गई है. नर्सरियों में इस समय सजावटी पौधों से ज्यादा लोग गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा और सदाबहार जैसे पौधों की मांग कर रहे हैं, क्योंकि ये पौधे कहीं ना कहीं शारीरिक क्षमता बढ़ाने में मददगार हैं. हालांकि इनके सेवन के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर से भी परामर्श करना जरूरी है.

अब आयुर्वेद से होगा कोरोना वायरस का इलाज! औषधीय पौधों की तरफ बढ़ा लोगों का रुझान

जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. अजीत सिंह का कहना है कि ये औषधीय पौधे कहीं ना कहीं शरीर की इम्युनिटी सिस्टम बढ़ाने में सहायक हैं. तुलसी के पौधे के भी कई फायदे हैं. ये खांसी, खराश संबंधी दिक्कत को दूर करने में मददगार है. इसी तरह अश्वगंधा शक्तिवर्धक है और ये रक्त कणिकाओं को बढ़ाता है.

नर्सरियों में बढ़ी गिलोय और तुलसी के पौधों की डिमांड

नर्सरी संचालक रूपचंद का कहना है कि अब पिछले एक पखवाड़े से औषधीय पौधों की डिमांड बढ़ी है. पहले कम पौधे बिकते थे, लेकिन अब ये पौधे ज्यादा बिक रहे हैं. एक व्यक्ति तुलसी के कई-कई पौधे ले जा रहा है. तुलसी के एक दिन में 20 से 25 पौधे तक बिक जाते हैं.

ये भी पढ़ेंः कोरोना काल: शिक्षा विभाग ने मिड-डे-मील को नहीं होने दिया प्रभावित, हो रही होम डिलीवरी

किस पौधे का क्या है औषधीय महत्व ?

  • गिलोय: ये एक बैल की तरह का पौधा होता है, जो ज्वरनाशक है यानी बुखार में ये काम आता है. ये पौधा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मददगार है. खान-पान के पाचन में सहायक है और इसका तना काफी फायदेमंद होता है.
  • तुलसी: ये भी ज्वरनाशक होता है. खांसी में बेहतर होने के साथ ही ये सांस संबंधी बीमारी को भी दूर करती है. इसकी जड़, शाखाएं, पत्ती और बीज का अलग-अलग महत्व है.
  • अश्वगंधा: ये शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है. ये पौधा रक्त कोशिकाओं को मजबूत करता है. हड्डियों के लिए भी उपयोगी है जैसे हड्डियों के दर्द में भी सहायक होता है.
  • सदाबहार: कैंसर, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप के लिए अत्यंत फायदेमंद है. फोड़ा-फुंसी में भी इसका प्रयोग होता है. शुगर के लेवल को कम करने में भी ये बेहतर काम करता है.

जिला फॉरेस्ट अधिकारी सुंदर सांभरिया ने बताया कि जिले में 14 हर्बल पार्क बनाएं हुए हैं, जिनमें औषधि पौधे लगाए हुए हैं. उन्होंने बताया कि हर्बल पार्क के लिए जगह पंचायतों द्वारा दी गई है, इसलिए इन औषधीय पौधों का लाभ ग्रामीण भी ले रहे हैं. अब औषधीय पौधों की डिमांड को बढ़ता देख विभाग द्वारा भी इनपर ध्यान दिया जा रहा है.

रेवाड़ी: कोरोना वायरस ने लोगों की दिनचर्या को पूरी तरह बदल दिया है. कोरोना के चलते लोगों की जीवनशैली में भी कई तरह के बदलाव आए हैं. लोग इस बीमारी का तोड़ ढूंढने के लिए तरह-तरह के उपाय अपनाकर रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा रहे हैं. ऐसे में अब लोगों का औषधीय पौधों की तरफ भी रुझान बढ़ रहा है.

छोटी-बड़ी नर्सरियों में औषधीय पौधों की बिक्री 50 फीसदी तक बढ़ गई है. नर्सरियों में इस समय सजावटी पौधों से ज्यादा लोग गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा और सदाबहार जैसे पौधों की मांग कर रहे हैं, क्योंकि ये पौधे कहीं ना कहीं शारीरिक क्षमता बढ़ाने में मददगार हैं. हालांकि इनके सेवन के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर से भी परामर्श करना जरूरी है.

अब आयुर्वेद से होगा कोरोना वायरस का इलाज! औषधीय पौधों की तरफ बढ़ा लोगों का रुझान

जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. अजीत सिंह का कहना है कि ये औषधीय पौधे कहीं ना कहीं शरीर की इम्युनिटी सिस्टम बढ़ाने में सहायक हैं. तुलसी के पौधे के भी कई फायदे हैं. ये खांसी, खराश संबंधी दिक्कत को दूर करने में मददगार है. इसी तरह अश्वगंधा शक्तिवर्धक है और ये रक्त कणिकाओं को बढ़ाता है.

नर्सरियों में बढ़ी गिलोय और तुलसी के पौधों की डिमांड

नर्सरी संचालक रूपचंद का कहना है कि अब पिछले एक पखवाड़े से औषधीय पौधों की डिमांड बढ़ी है. पहले कम पौधे बिकते थे, लेकिन अब ये पौधे ज्यादा बिक रहे हैं. एक व्यक्ति तुलसी के कई-कई पौधे ले जा रहा है. तुलसी के एक दिन में 20 से 25 पौधे तक बिक जाते हैं.

ये भी पढ़ेंः कोरोना काल: शिक्षा विभाग ने मिड-डे-मील को नहीं होने दिया प्रभावित, हो रही होम डिलीवरी

किस पौधे का क्या है औषधीय महत्व ?

  • गिलोय: ये एक बैल की तरह का पौधा होता है, जो ज्वरनाशक है यानी बुखार में ये काम आता है. ये पौधा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मददगार है. खान-पान के पाचन में सहायक है और इसका तना काफी फायदेमंद होता है.
  • तुलसी: ये भी ज्वरनाशक होता है. खांसी में बेहतर होने के साथ ही ये सांस संबंधी बीमारी को भी दूर करती है. इसकी जड़, शाखाएं, पत्ती और बीज का अलग-अलग महत्व है.
  • अश्वगंधा: ये शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है. ये पौधा रक्त कोशिकाओं को मजबूत करता है. हड्डियों के लिए भी उपयोगी है जैसे हड्डियों के दर्द में भी सहायक होता है.
  • सदाबहार: कैंसर, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप के लिए अत्यंत फायदेमंद है. फोड़ा-फुंसी में भी इसका प्रयोग होता है. शुगर के लेवल को कम करने में भी ये बेहतर काम करता है.

जिला फॉरेस्ट अधिकारी सुंदर सांभरिया ने बताया कि जिले में 14 हर्बल पार्क बनाएं हुए हैं, जिनमें औषधि पौधे लगाए हुए हैं. उन्होंने बताया कि हर्बल पार्क के लिए जगह पंचायतों द्वारा दी गई है, इसलिए इन औषधीय पौधों का लाभ ग्रामीण भी ले रहे हैं. अब औषधीय पौधों की डिमांड को बढ़ता देख विभाग द्वारा भी इनपर ध्यान दिया जा रहा है.

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