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उपभोक्ताओं को चूना लगा रहे एजेंसी संचालक! सिलेंडर में 3 से 5 किलोग्राम कम मिल रही है गैस

एक ओर जहां केंद्र की मोदी सरकार उज्जवला जैसी कल्याणकारी योजनाएं चलाकर पूरे देश को गैस कनैक्शन देने में लगी है वहीं दूसरी ओर कुछ गैस एजेंसियां सरकार को ही चूना लगा रही हैं.

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Published : Feb 12, 2019, 5:51 PM IST

गैस सिलेंडर में धांधली.


रेवाड़ीः सरकारी योजनाओं को पलीता लगाने का ताजा मामला रेवाड़ी से सामने आया है. जहां गैस एजेंसी संचालकों की मनमानी सिर चढ़कर बोल रही है और सरकारी योजना को जमकर पलीता लगाया जा रहा है.

haryana, gas cylinder
गैस सिलेंडर में धांधली.
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जानकारी के मुताबिक यहां लोगों को बुकिंग कराने के बावजूद सप्लाई नहीं मिल रही है और जो सप्लाई मिल रही है, उसमें करीब 3 से 5 किलोग्राम गैस कम मिल रही है. इसके अलावा यहां ऐसे भी अनेक उपभोक्ता हैं, जिन्हें कई-कई महीनों से सप्लाई मिल ही नहीं रही.

गैस सिलेंडर में धांधली.
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उपभोक्ताओं की मानें तो शिकायत करने के बावजूद उनकी कोई सुनवाई तक नहीं होती. उल्टा संचालक उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं और उन्हें डांटकर भगा दिया जाता है. उन्होंने आरोप लगाया कि ये सारा खेल उनके हिस्से की सप्लाई कालाबाजारी के चलते खेला जा रहा है.

वहीं इस मामले पर एजेंसी मैनेजर का कहना है कि सप्लाई पीछे से ही देरी से मिल रही है. जहां तक कम वजन का मामला है तो ऐसा कुछ नहीं है. अब देखना ये होगा कि क्या अधिकारी लोगों को इस समस्या से निजात दिला पाएंगे या फिर धींगामस्ती का ये खेल इसी तरह जारी रहेगा.


रेवाड़ीः सरकारी योजनाओं को पलीता लगाने का ताजा मामला रेवाड़ी से सामने आया है. जहां गैस एजेंसी संचालकों की मनमानी सिर चढ़कर बोल रही है और सरकारी योजना को जमकर पलीता लगाया जा रहा है.

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गैस सिलेंडर में धांधली.
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जानकारी के मुताबिक यहां लोगों को बुकिंग कराने के बावजूद सप्लाई नहीं मिल रही है और जो सप्लाई मिल रही है, उसमें करीब 3 से 5 किलोग्राम गैस कम मिल रही है. इसके अलावा यहां ऐसे भी अनेक उपभोक्ता हैं, जिन्हें कई-कई महीनों से सप्लाई मिल ही नहीं रही.

गैस सिलेंडर में धांधली.
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उपभोक्ताओं की मानें तो शिकायत करने के बावजूद उनकी कोई सुनवाई तक नहीं होती. उल्टा संचालक उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं और उन्हें डांटकर भगा दिया जाता है. उन्होंने आरोप लगाया कि ये सारा खेल उनके हिस्से की सप्लाई कालाबाजारी के चलते खेला जा रहा है.

वहीं इस मामले पर एजेंसी मैनेजर का कहना है कि सप्लाई पीछे से ही देरी से मिल रही है. जहां तक कम वजन का मामला है तो ऐसा कुछ नहीं है. अब देखना ये होगा कि क्या अधिकारी लोगों को इस समस्या से निजात दिला पाएंगे या फिर धींगामस्ती का ये खेल इसी तरह जारी रहेगा.

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पहले चोरी, ऊपर से सीनाजोरी...
सरकारी योजना को पलीता लगा रहे एजैंसी संचालक
सिलेंडर में 3 से 5 मिलोग्राम कम मिल रही गैस
बुकिंग के बावजूद 15-15 दिनों तक नहीं मिल रही सप्लाई
उपभोक्ताओं का आरोप;
कालाबाजारी के चलते हो रही है सप्लाई में देरी
शिकायत करने पर डांटकर भगा देते हैं एजैंसी के कारिंदे
सप्लाई के दौरान वेट मशीन तक नहीं रखते सप्लायर
रेवाड़ी स्थित गणव गैस एजैंसी का मामला
रेवाड़ी, 12 फरवरी।
एंकर: बीजेपी राज में आपने लोगों को अकसर यह कहते सुना होगा कि अब गैस सप्लाई की किल्लत नहीं रहेगी और केंद्र की मोदी सरकार भी उज्जवला जैसी कल्याणकारी योजनाएं चलाकर पूरे देश को गैस कनैक्शन देने में लगी है, लेकिन अगर फिर भी गैस की सप्लाई ना मिले तो इसे आप क्या कहेंगे।
जी हां, दरअसल हम बात रेवाड़ी की कर रहे हैं, जहां गैस एजैंसी संचालकों की मनमानी सिर चढक़र बोल रही है और सरकारी योजना को जमकर पलीता लगाया जा रहा है। यहां लोगों को बुकिंग कराने के बावजूद जहां सप्लाई नहीं मिल रही है, वहीं जो सप्लाई मिल रही है, उसमें करीब 3 से 5 किलोग्राम गैस कम मिल रही है। इसके अलावा यहां ऐसे भी अनेक उपभोक्ता हैं, जिन्हें कई-कई महीनों से सप्लाई मिल ही नहीं रही। यह सुनकर आपको हैरानी जरूर हो रही होगी।
इसे लेकर आज एक उपभोक्ता का गुस्सा उस वक्त फूट पड़ा, जब घर ले जाने पर सिलेंडर में 3 किलोग्राम गैस कम मिली। जब वह सिलेंडर लेकर वापस आया तो पहले तो एजैंसी वालों ने उसका सिलेंडर बदलने से ही इंकार कर दिया और मीडिया कर्मियों के पहुंचने पर सिलेंडर बदलकर देने की बात कही, लेकिन हैरानी उस वक्त हुई जब एजैंसी पर गैस का वजन करने के लिए मशीन ही उपलब्ध नहीं मिली। इसके बाद तो अनेक उपभोक्ता अपनी समस्या लेकर सामने आ खड़े हुए।
उपभोक्ताओं की मानें तो शिकायत करने के बावजूद उनकी कोई सुनवाई तक नहीं होती। उल्टा दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें डांटकर भगा दिया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सारा खेल उनके हिस्से की सप्लाई कालाबाजारी के चलते खेला जा रहा है।
इस मामले पर एजैंसी मैनेजर का कहना है कि सप्लाई पीछे से ही देरी से मिल रही है। जहां तक कम वजन का मामला है तो ऐसा कुछ नहीं है।
इधर, दफ्तर में बैठे साहब का कहना है कि जिले में गैस की सप्लाई सुचारू हो रही है। फिर भी अगर कहीं कोई शिकायत है तो मौके पर जाकर उसे चैक कराया जाएगा और कमी मिलने पर एजैंसी संचालक के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाएगा।
अब देखना होगा कि क्या अधिकारी लोगों को इस समस्या से निजात दिला पाएंगे या फिर धींगामस्ती का यह खेल इसी तरह जारी रहेगा।
बाइट: पूनम, उपभोक्ता
बाइट: महेश, उपभोक्ता
बाइट: विशाल, उपभोक्ता
बाइट: अनिल, उपभोक्ता
बाइट: अमर सिंह, उपभोक्ता
बाइट: कैलाश, उपभोक्ता
बाइट: सप्लायर
बाइट: लालसिंह, मैनेजर गणव गैस एजैंसी रेवाड़ी
बाइट: अशोक रावत, डीएफएससी (जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक) रेवाड़ी
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