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रेवाड़ी: परिवार सम्मान निधि योजना बनी आफत, मिड-डे मील की वर्करों ने दिया धरना

मिडे-डे मील की महिलाओं और वर्करों ने धरना दिया. परिवार सम्मान निधि योजना के तहत सालाना 6000 रूपये मिलने वाली राशि पर लगी शर्तों को हटाने की मांग की है.

मिड-डे मील की महिलाओं और वर्करों ने दिया धरना
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Published : Sep 16, 2019, 11:44 AM IST

रेवाड़ी: सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूलों में बच्चों को दोपहर का भोजन प्रदान करने वाली मिड-डे-मिल की महिलाओं और वर्करों ने धरना दिया. सरकार से मिली परिवार सम्मान निधि योजना के तहत सालाना 6000 रूपये की राशि के लिए अनेकों शर्तें लागू कर दी गई हैं. जिससे परेशान होकर मिड-डे-मिल वर्करों को मजबूर होकर सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है.

मुख्यमंत्री से शर्तें को हटाने का निवेदन

आपको बता दें कि 11 सितंबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर ने एक घोषणा की थी. जिसमें मिड-डे-मिल वर्करों को परिवार सम्मान निधि योजना के तहत सालाना 6000 रूपये देने की बात कही थी. लेकिन सरकार ने इस राशि को प्राप्त करने के लिए अनेकों शर्तें लागू कर दिए. जिसे मात्र कुछ वर्कर ही पूरा कर पाएंगे.

मिड-डे मील की महिलाओं और वर्करों ने दिया धरना, देखें वीडियो

अब ऐसे में इन मिड-डे-मिल वर्करों ने प्रदर्शन कर सीटीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को इन शर्तों को हटाने का निवेदन किया है. जिससे सभी वर्करों को इस योजना का लाभ मिल सके.

वेतन बढ़ाने की मांग
मिड-डे-मिल वर्कर यूनियन की जिला प्रधान मीनाक्षी ने सरकार से मांग की है कि वे प्रदेश की सभी 32 हजार वर्करों को सरकार की इस परिवार सम्मान निधि योजना का लाभ दिया जाए. उनका कहना है कि सरकार को उनका काम देखते हुए कम से कम 18 हजार रूपये वेतन दिया जाना चाहिए. जिससे उनके परिवार का गुजारा आसानी से हो सके.

क्या है शर्तें?

  • बीपीएल कार्ड होने की शर्त
  • सालाना एक लाख 80 हजार से कम आय की शर्त
  • वर्कर की उम्र कंडीशन हटाना
  • योजना के लिए कोई शुल्क ना लिया जाए
  • योजना की समय सीमा बढ़ाई जाए
  • फॉर्म भरने की जिम्मेदारी स्कूल अध्यापक को दी जाए ताकि उन्हें कठिनाइयों के बगैर ये राशि उपलब्ध हो सके.

ये भी पढ़े- हिसार में सर्व कर्मचारी संघ के कच्चे कर्मचारियों ने किया धरना प्रदर्शन

रेवाड़ी: सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूलों में बच्चों को दोपहर का भोजन प्रदान करने वाली मिड-डे-मिल की महिलाओं और वर्करों ने धरना दिया. सरकार से मिली परिवार सम्मान निधि योजना के तहत सालाना 6000 रूपये की राशि के लिए अनेकों शर्तें लागू कर दी गई हैं. जिससे परेशान होकर मिड-डे-मिल वर्करों को मजबूर होकर सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है.

मुख्यमंत्री से शर्तें को हटाने का निवेदन

आपको बता दें कि 11 सितंबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर ने एक घोषणा की थी. जिसमें मिड-डे-मिल वर्करों को परिवार सम्मान निधि योजना के तहत सालाना 6000 रूपये देने की बात कही थी. लेकिन सरकार ने इस राशि को प्राप्त करने के लिए अनेकों शर्तें लागू कर दिए. जिसे मात्र कुछ वर्कर ही पूरा कर पाएंगे.

मिड-डे मील की महिलाओं और वर्करों ने दिया धरना, देखें वीडियो

अब ऐसे में इन मिड-डे-मिल वर्करों ने प्रदर्शन कर सीटीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को इन शर्तों को हटाने का निवेदन किया है. जिससे सभी वर्करों को इस योजना का लाभ मिल सके.

वेतन बढ़ाने की मांग
मिड-डे-मिल वर्कर यूनियन की जिला प्रधान मीनाक्षी ने सरकार से मांग की है कि वे प्रदेश की सभी 32 हजार वर्करों को सरकार की इस परिवार सम्मान निधि योजना का लाभ दिया जाए. उनका कहना है कि सरकार को उनका काम देखते हुए कम से कम 18 हजार रूपये वेतन दिया जाना चाहिए. जिससे उनके परिवार का गुजारा आसानी से हो सके.

क्या है शर्तें?

  • बीपीएल कार्ड होने की शर्त
  • सालाना एक लाख 80 हजार से कम आय की शर्त
  • वर्कर की उम्र कंडीशन हटाना
  • योजना के लिए कोई शुल्क ना लिया जाए
  • योजना की समय सीमा बढ़ाई जाए
  • फॉर्म भरने की जिम्मेदारी स्कूल अध्यापक को दी जाए ताकि उन्हें कठिनाइयों के बगैर ये राशि उपलब्ध हो सके.

ये भी पढ़े- हिसार में सर्व कर्मचारी संघ के कच्चे कर्मचारियों ने किया धरना प्रदर्शन

Intro:परिवार सम्मान निधि योजना बनी वर्करों के जी का जंजाल,,,
6000 रूपये सालाना देने के पीछे लगाई अनेकों शर्तें,,,
शर्तें हटवाने के लिए मिड-डे-मिल की महिलाएं उतरी सड़कों पर,,,
रेवाड़ी, 15 सितंबर। Body:सरकारी व सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूलों में बच्चों को दोपहर का भोजन प्रदान करने वाली महिला वर्करों को सरकार द्वारा दी गई परिवार सम्मान निधि योजना के तहत सालाना 6000 हजार रूपये की राशि के लिए इतनी शर्ते लागू कर दी की इन मिड-डे-मिल वर्करों को आज मजबूर होकर सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करना पड़ा।
आपको बता दें की 11 सितंबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर द्वारा एक घोषणा करते हुए मिड-डे-मिल वर्करों को परिवार सम्मान निधि योजना के तहत सालाना 6000 रूपये देने की बात कही गई थी। लेकिन सरकार ने इस राशि को प्राप्त करने के लिए अनेकों शर्तें लागू कर दी जिसे मात्र कुछ वर्कर ही पूरा कर पाएंगे। अब ऐसे में इन मिड-डे-मिल वर्करों ने आज प्रदर्शन कर सीटीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को इन शर्तों को हटाने का निवेदन किया गया है ताकि सभी वर्करों को इस योजना का लाभ मिल सकें। मिड-डे-मिल वर्कर् यूनियन की जिला प्रधान मीनाक्षी ने सरकार से मांग की है की वह प्रदेश की सभी 32000 हजार वर्करों को सरकार की इस परिवार सम्मान निधि योजंना का लाभ दिया जाएं। उनका कहना है की सरकार को उनका काम देखते हुए कम से कम 18 हजार रूपये वेतन दिया जाए ताकि उनको परिवार चलाने में आसानी हो।
अब आपको बता दें की यह शर्ते आखिर है क्या-क्या?
बीपीएल कार्ड होने की शर्त, सालाना एक लाख 80 हजार से कम आय की शर्त, वर्कर की उम्र कंडीशन हटाना, योजना लिए कोई शुल्क ना लिया जाए, योजना की समय सीमा बढ़ाई जाए, फॉर्म भरने का जिम्मा लिए स्कूल अध्यापक को दिया दिया जाये ताकि उन्हें कठिनाइयों के बगैर यह राशि उपलब्ध हो सकें।
बाइट--संगीता, मिड-डे-मिल वर्कर।
बाइट--मीनाक्षी, प्रधान मिड-डे-मिल वर्कर यूनियन। Conclusion:अब देखना होगा की परिवार सम्मान निधि योजना इन महिलाओं को सम्मान दिला पायेगा या नहीं 
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