रेवाड़ी: सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूलों में बच्चों को दोपहर का भोजन प्रदान करने वाली मिड-डे-मिल की महिलाओं और वर्करों ने धरना दिया. सरकार से मिली परिवार सम्मान निधि योजना के तहत सालाना 6000 रूपये की राशि के लिए अनेकों शर्तें लागू कर दी गई हैं. जिससे परेशान होकर मिड-डे-मिल वर्करों को मजबूर होकर सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है.
मुख्यमंत्री से शर्तें को हटाने का निवेदन
आपको बता दें कि 11 सितंबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर ने एक घोषणा की थी. जिसमें मिड-डे-मिल वर्करों को परिवार सम्मान निधि योजना के तहत सालाना 6000 रूपये देने की बात कही थी. लेकिन सरकार ने इस राशि को प्राप्त करने के लिए अनेकों शर्तें लागू कर दिए. जिसे मात्र कुछ वर्कर ही पूरा कर पाएंगे.
अब ऐसे में इन मिड-डे-मिल वर्करों ने प्रदर्शन कर सीटीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को इन शर्तों को हटाने का निवेदन किया है. जिससे सभी वर्करों को इस योजना का लाभ मिल सके.
वेतन बढ़ाने की मांग
मिड-डे-मिल वर्कर यूनियन की जिला प्रधान मीनाक्षी ने सरकार से मांग की है कि वे प्रदेश की सभी 32 हजार वर्करों को सरकार की इस परिवार सम्मान निधि योजना का लाभ दिया जाए. उनका कहना है कि सरकार को उनका काम देखते हुए कम से कम 18 हजार रूपये वेतन दिया जाना चाहिए. जिससे उनके परिवार का गुजारा आसानी से हो सके.
क्या है शर्तें?
- बीपीएल कार्ड होने की शर्त
- सालाना एक लाख 80 हजार से कम आय की शर्त
- वर्कर की उम्र कंडीशन हटाना
- योजना के लिए कोई शुल्क ना लिया जाए
- योजना की समय सीमा बढ़ाई जाए
- फॉर्म भरने की जिम्मेदारी स्कूल अध्यापक को दी जाए ताकि उन्हें कठिनाइयों के बगैर ये राशि उपलब्ध हो सके.
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