रेवाड़ी: दोपहर का भोजन प्रदान करने वाली देश की सबसे बड़ी योजना मिड-डे-मील है. जिसमें देशभर में 26 लाख वर्कर है. जो 12 लाख स्कूलों में देश के करीब 11 करोड़ बच्चों को दोपहर का भोजन उपलब्ध करवाते है. लेकिन काफी लंबे से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. वर्कर सैकड़ों की संख्या में नगर के नेहरू पार्क में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहें है. मिड-डे-मील वर्कर्स पिछले लंबे समय से इन मांगो के लेकर संघर्ष कर रहे है.
- न्यूनतम वेतन
- मानदेय में बढ़ोतरी
- सामाजिक सुरक्षा की गारंटी
- चतुर्थ श्रेणी का दर्जा देना
- 12 महीने के बदले 18000 रुपये वेतन
- निजीकरण पर पूर्ण रोक
- मृत्यु पर 5 लाख की सहायता
- 180 दिनों का प्रसूति लाभ
- योजना के लिए पर्याप्त बजट आवंटन करना
सभी वर्कर्स को पहचान-पत्र उपलब्ध करवाएं और मिड-डे-मील योजना को मजबूत बनाने की मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं.
बड़ा आंदोलन करने पर होंगे मजबूर
केंद्र सरकार मिड-डे-मील वर्कर्स की मांगों को लगातार अनदेखा कर रही है. आज सैकड़ों की संख्या में नगर के नेहरू पार्क से प्रदर्शन करते हुए, जिला सचिवालय पहुंच सरकार के खिलाफ़ जमकर नारेबाजी की.
अपनी मांगो का एक मांग पत्र देश के प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम जिला उपायुक्त को सौंपा है. उन्होनें कहा कि सरकार उनकी जायज़ मांगों की और ध्यान नही दे रही है.अगर समय रहते उनकी मांगे नही मानी तो वह बड़ा आंदोलन करने पर विवश होंगे.
आने वाली 8 सितंबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री निवास का करनाल में घेराव भी किया जाएगा. आने वाले विधानसभा चुनाव में भी वह सरकार के खिलाफ़ मतदान करेंगे, भाजपा को एक भी वोट नही देंगे.