रेवाड़ी: दिल्ली में हुई हिंसा का असर अब किसान आंदोलन पर पड़ता दिख रहा है. कई संगठन संयुक्त किसान मोर्चा का साथ छोड़ चुके हैं. ऐसी ही खबर रेवाड़ी शाहजहांपुर बॉर्डर से भी आ रही है. यहां किसान महापंचायत के नेता रामपाल जाट ने शाहजहांपुर बॉर्डर (राजस्थान-हरियाणा सीमा) को खाली करने का फैसला लिया है.
रामपाल जाट का कहना है कि उनका संगठन (किसान महापंचायत) 21 जनवरी को ही संयुक्त किसान मोर्चा से अलग हो गया है. लेकिन हम किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अब हम हर बात का विश्लेषण करने के बाद आंदोलन का समर्थन करेंगे. अभी हमने शाहजहांपुर (राजस्थान-हरियाणा सीमा) पर धरना स्थल खाली करने का निर्णय लिया है.
संयुक्त किसान मोर्चा के लिए बढ़ी मश्किलें
गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद अब किसान आंदोलन के भविष्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं. बीते दिन दो किसान संगठनों ने अपना आंदोलन खत्म किया था, अब गुरुवार को एक और संगठन आंदोलन से अलग हुआ है.
गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) ने अपना आंदोलन समाप्त किया. बीते दिन राष्ट्रीय मजदूर किसान संगठन और भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने अपना प्रदर्शन समाप्त किया था.
ये भी पढे़ं- दिल्ली में हुई हिंसा के बाद किसानों ने सिंघु बॉर्डर पर निकाली सद्भावना यात्रा