रेवाड़ीः पिछले साल कुछ दरिदों की हवस का शिकार हुई रेवाड़ी की बेटी अपमान भरी जिंदगी जीने को मजबूर है. एक तरफ आरोपी पक्ष पीड़ित पक्ष पर दबाव बना रहा है तो दूसरी तरफ पीड़िता की मां ने अध्यापकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पीड़िता की मां के मुताबिक अध्यापकों ने कहा कि जब कैदी सबके बीच बैठकर पेपर दे सकते हैं तो वो क्यों नहीं. पीड़िता की मां ने पुलिस प्रशासन से मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
पीड़ित मां का आरोप
गैंगरेप पीड़िता की मां का आरोप है कि अध्यापकों ने ये भी कहा है कि अगर पीड़िता सबके बीच बैठकर पेपर देगी तो अच्छा है सबको पता चल जाएगा कि उसके साथ क्या हुआ है. पीड़िता की मां ने कॉलेज के तीन अध्यापकों पर आरोप लगाएं है कि मेरी बेटी को हादसे की याद दिलाते हुए कहा गया कि ऐसे वारदातें तो देश में और भी कई लड़कियों के साथ घट चुकी है. ये कोई उनसे अलग नहीं है. आरोप है कि अध्यापकों ने कहा कि कैदी भी सभी छात्रों के बीच बैठकर अपनी परीक्षा देते है फिर पीड़िता को भी देना होगा. इसके लिए कोई अलग रूल नहीं बनाया जा सकता है.
आरोपी पक्ष भी दे रहा था धमकी
पीड़िता की मां ने बताया कि उनकी बेटी को लगातार आरोपी पक्ष के लोग जान से मारने की धमकियां दे रहे थे, जिसको लेकर कोर्ट के आदेश पर उसे और उसके परिवार को पुलिस सुरक्षा मुहैया करवा दी गई. उन्होंने कहा कि इतने समय से सब ठीक चल रहा था लेकिन अब जब उसके बीएससी के पेपर है तो परीक्षा देने से कॉलेज के अध्यापकों द्वारा उसे वंचित कर दिया गया.
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ये है मामला
कोसली क्षेत्र के एक गांव कनीना निवासी छात्रा को तीन लड़कों ने अगवा करके गैंगरेप किया था. बता दें कि लड़की नेशनल कबड्डी की खिलाड़ी है उनको राष्ट्रपति भी सम्मानित कर चुके हैं. 12 सितंबर को लड़की पिता के साथ कनीना आई थी. बस स्टैंड से गुजर रही थी तो गांव के पंकज और मनीष मिले. आरोप है कि पंकज ने लड़की को पानी पिलाया. इससे वो बेहोश हो गई. इसके बाद दोनों उसे एक सुनसान जगह पर ले गए, जहां निशु नामक युवक पहले मौजूद था. तीनों ने उसके साथ रेप किया. गैंगरेप के बाद उसे गंभीर हालत में बस स्टैंड पर छोड़ दिया था.