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रेवाड़ी में धूमधाम से मनाया गया होलिका दहन, लोगों ने की देश-प्रदेश में खुशहाली की कामना - रेवाड़ी न्यूज

रेवाड़ी में रविवार को बहुत उत्साह के साथ होलिका दहन किया गया. इस दौरान लोगों ने देश-प्रदेश और समाज में खुशहाली के लिए भगवान से प्रार्थना की.

holika dahan celebrated in rewari
रेवाड़ी में धूमधाम से मनाया गया होलिका दहन
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Published : Mar 29, 2021, 9:31 AM IST

रेवाड़ी: असत्य पर फिर हुई सत्य की जीत. होलिका दहन में जल गई होली और बच गया विष्णु भक्त प्रहलाद. जी हां भारतीय संस्कृति का पारंपरिक त्योहार होली आज हर्षोल्लास के साथ देश व दुनिया में मनाया जा रहा है. जिसका लेकर रविवार को होलीका पूजन किया गया और उसके बाद अब रात्रि के दौरान होलिका दहन कर असत्य पर सत्य की जीत हुई.

ये भी पढ़ें:किसानों ने होलिका दहन पर सीएम और डिप्टी सीएम का फूंका पुतला, कृषि कानूनों की जलाई प्रतियां

होली के पर्व के दौरान सवा महीने पहले लकड़ियों को एकत्रित कर होली सजाई जाती है. होली पर्व के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर उसकी पूजा करती हैं. पूजा के दौरान महिलाएं अपने परिवार व समाज की खुशहाली की दुआएं करती हैं. रात्रि के समय सभी लोग होली के पास एकत्रित होकर पूरे विधि-विधान से पूजन करने के उपरांत होलिका को आग के हवाले कर देते हैं. जब लपटे उठने लगती हैं तो होली के अंदर यानी होलिका की गोद में बैठे प्रहलाद को निकाल लिया जाता है. इस तरह सत्य की असत्य पर जीत का पर्व होली हर वर्ष मनाया जाता है.

ये भी पढ़ें: भिवानी: होलिका दहन से पहले महिलाओं ने संतान की लंबी उम्र के लिए रखा व्रत

ये पर्व हमें समाज में फैली बुराइयों से दूर रहकर सत्य मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है. इस लिए होली को आपसी प्रेम और भाईचारे का त्योहार भी कहते हैं. होलिका दहन के अलगे दिन लोग एक दूसरे की रंग-गुलाल लगाकर आपसी मतभेदों को दूर कर समाज को एक नई दिशा प्रदान करते हैं.

रेवाड़ी: असत्य पर फिर हुई सत्य की जीत. होलिका दहन में जल गई होली और बच गया विष्णु भक्त प्रहलाद. जी हां भारतीय संस्कृति का पारंपरिक त्योहार होली आज हर्षोल्लास के साथ देश व दुनिया में मनाया जा रहा है. जिसका लेकर रविवार को होलीका पूजन किया गया और उसके बाद अब रात्रि के दौरान होलिका दहन कर असत्य पर सत्य की जीत हुई.

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होली के पर्व के दौरान सवा महीने पहले लकड़ियों को एकत्रित कर होली सजाई जाती है. होली पर्व के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर उसकी पूजा करती हैं. पूजा के दौरान महिलाएं अपने परिवार व समाज की खुशहाली की दुआएं करती हैं. रात्रि के समय सभी लोग होली के पास एकत्रित होकर पूरे विधि-विधान से पूजन करने के उपरांत होलिका को आग के हवाले कर देते हैं. जब लपटे उठने लगती हैं तो होली के अंदर यानी होलिका की गोद में बैठे प्रहलाद को निकाल लिया जाता है. इस तरह सत्य की असत्य पर जीत का पर्व होली हर वर्ष मनाया जाता है.

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ये पर्व हमें समाज में फैली बुराइयों से दूर रहकर सत्य मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है. इस लिए होली को आपसी प्रेम और भाईचारे का त्योहार भी कहते हैं. होलिका दहन के अलगे दिन लोग एक दूसरे की रंग-गुलाल लगाकर आपसी मतभेदों को दूर कर समाज को एक नई दिशा प्रदान करते हैं.

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