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'खट्टर अंकल' हमें अध्यापक चाहिए, बिन अध्यापक हम कैसे पढ़ें'

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Published : Jan 25, 2020, 10:18 PM IST

मोहल्ला तेजपुरा गांव के स्कूल की प्राथमिक पाठशाला नंबर-4 में पहली से पांचवीं तक पांच कक्षाएं लगती हैं, इसमें 58 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं. हालत ये है कि एक अस्थाई टीचर इन छात्रों को दो कमरों में बैठाकर पढ़ाती हैं.

Tejpura village in Rewari does not have a teacher in government school
Tejpura village in Rewari does not have a teacher in government school

रेवाड़ी: जिले का मोहल्ला तेजपुरा गांव प्राथमिक पाठशाला नंबर-4 की खंडहर इमारत को लेकर सुर्ख़ियों में रह चुका है. मीडिया में खबर दिखाए जाने के बाद सकूल की मरम्मत तो हो गई, लेकिन विभाग अध्यापकों को मुहैया करवाना ही भूल गया. स्कूल में एक भी स्थाई टीचर नहीं है.

दो कमरों में लगती हैं 1 से 5 तक की कक्षाएं
मोहल्ला तेजपुरा गांव के स्कूल की प्राथमिक पाठशाला नंबर-4 में पहली से पांचवीं तक पांच कक्षाएं लगती हैं, इसमें 58 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं. हालत ये है कि एक अस्थाई टीचर इन छात्रों को दो कमरों में बैठाकर पढ़ाती हैं. जिससे बच्चों और स्थाई टीचर को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

मोहल्ला तेजपुरा गांव के स्कूल की प्राथमिक पाठशाला नंबर-4 में एक भी स्थाई टीचर नहीं है

शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
स्कूल की बनाई गई कमेटी के उपप्रधान राम अवतार ने आरोप लगाया कि सरकार प्राइवेट स्कूलों को प्रमोट कर रही है और सरकारी स्कूलों की ओर ध्यान नहीं दे रही. 6 महीने पहले वो शिकायत कर अधिकारियों से शिक्षकों की मांग कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

प्राथमिक स्कूल में एक भी स्थाई अध्यापक नहीं
राम अवतार ने बताया कि यहां 3 अध्यापकों की पोस्ट खाली है, लेकिन सरकार ने एक अस्थाई अध्यापक को 58 बच्चों का भविष्य संवारने के लिए लगाया हुआ है. यहां पढ़ने वाली छात्राओं का कहना है कि सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा जरूर दे रही है, लगता है कि वो हम बेटियों पढ़ना नहीं चाहती

6 महीने से एक अस्थाई अधियापिका दे रही हैं शिक्षा
छात्राओं का कहना है कि बिना अध्यापक उन्हें पढ़ने में काफी परेशानी होती है. परीक्षा सिर पर है लेकिन पढ़ाने वाला कोई नहीं. अध्यापक सुमन देवी का कहना है कि पिछले 6 महीनों से यहां वो पांच कक्षाओं को अकेले ही पढ़ा रही हैं. दो कमरों में पांच कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाना पड़ रहा है. जो काफी मुश्किल है.

इसके साथ मिड-डे मील, पेंशन के लिए कागजात तैयार करना, बच्चों का परिणाम तैयार करना जैसी अन्य काम भी स्वयं कर रही हैं. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पर तलवार लटकी हुई है. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए. शिक्षिका ने बताया कि वो अधिकारियों को लिखित में शिकायत भी दे चुकी हैं.

ये भी पढ़ें- हरियाणा के युवाओं के लिए खुशखबरी, इंटरव्यू और परीक्षा देने के लिए बसों में नहीं देना होगा किराया

खंड शिक्षा अधिकारी पृथ्वी सिंह ने कहा कि 19 दिसंबर 2018 तक दो अस्थाई अध्यापक यहां बच्चों को पढ़ा रहे थे, लेकिन सरकार ने अस्थाई अध्यापकों को हटाने के निर्देश जारी किए. इसलिए यहां से उन्हें हटाना पड़ा. अब हमने इस सकूल की शिकायत मिलने के बाद उच्च अधिकारियों को लिखा हुआ है. अप्रैल तक अध्यापक यहां आ जाएंगे.

रेवाड़ी: जिले का मोहल्ला तेजपुरा गांव प्राथमिक पाठशाला नंबर-4 की खंडहर इमारत को लेकर सुर्ख़ियों में रह चुका है. मीडिया में खबर दिखाए जाने के बाद सकूल की मरम्मत तो हो गई, लेकिन विभाग अध्यापकों को मुहैया करवाना ही भूल गया. स्कूल में एक भी स्थाई टीचर नहीं है.

दो कमरों में लगती हैं 1 से 5 तक की कक्षाएं
मोहल्ला तेजपुरा गांव के स्कूल की प्राथमिक पाठशाला नंबर-4 में पहली से पांचवीं तक पांच कक्षाएं लगती हैं, इसमें 58 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं. हालत ये है कि एक अस्थाई टीचर इन छात्रों को दो कमरों में बैठाकर पढ़ाती हैं. जिससे बच्चों और स्थाई टीचर को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

मोहल्ला तेजपुरा गांव के स्कूल की प्राथमिक पाठशाला नंबर-4 में एक भी स्थाई टीचर नहीं है

शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
स्कूल की बनाई गई कमेटी के उपप्रधान राम अवतार ने आरोप लगाया कि सरकार प्राइवेट स्कूलों को प्रमोट कर रही है और सरकारी स्कूलों की ओर ध्यान नहीं दे रही. 6 महीने पहले वो शिकायत कर अधिकारियों से शिक्षकों की मांग कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

प्राथमिक स्कूल में एक भी स्थाई अध्यापक नहीं
राम अवतार ने बताया कि यहां 3 अध्यापकों की पोस्ट खाली है, लेकिन सरकार ने एक अस्थाई अध्यापक को 58 बच्चों का भविष्य संवारने के लिए लगाया हुआ है. यहां पढ़ने वाली छात्राओं का कहना है कि सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा जरूर दे रही है, लगता है कि वो हम बेटियों पढ़ना नहीं चाहती

6 महीने से एक अस्थाई अधियापिका दे रही हैं शिक्षा
छात्राओं का कहना है कि बिना अध्यापक उन्हें पढ़ने में काफी परेशानी होती है. परीक्षा सिर पर है लेकिन पढ़ाने वाला कोई नहीं. अध्यापक सुमन देवी का कहना है कि पिछले 6 महीनों से यहां वो पांच कक्षाओं को अकेले ही पढ़ा रही हैं. दो कमरों में पांच कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाना पड़ रहा है. जो काफी मुश्किल है.

इसके साथ मिड-डे मील, पेंशन के लिए कागजात तैयार करना, बच्चों का परिणाम तैयार करना जैसी अन्य काम भी स्वयं कर रही हैं. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पर तलवार लटकी हुई है. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए. शिक्षिका ने बताया कि वो अधिकारियों को लिखित में शिकायत भी दे चुकी हैं.

ये भी पढ़ें- हरियाणा के युवाओं के लिए खुशखबरी, इंटरव्यू और परीक्षा देने के लिए बसों में नहीं देना होगा किराया

खंड शिक्षा अधिकारी पृथ्वी सिंह ने कहा कि 19 दिसंबर 2018 तक दो अस्थाई अध्यापक यहां बच्चों को पढ़ा रहे थे, लेकिन सरकार ने अस्थाई अध्यापकों को हटाने के निर्देश जारी किए. इसलिए यहां से उन्हें हटाना पड़ा. अब हमने इस सकूल की शिकायत मिलने के बाद उच्च अधिकारियों को लिखा हुआ है. अप्रैल तक अध्यापक यहां आ जाएंगे.

Intro:रेवाड़ी 25 जनवरी।
सरकार कहती है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ लेकिन यहां पढ़ने के लिए बेटियां तो है लेकिन अध्यापक नहीं है। यह कहना है उन छात्राओं का जो इस विद्यालय मैं शिक्षा ग्रहण कर अपना भविष्य बनाना चाहती हैं।


Body:रेवाड़ी जिला के मोहल्ले तेजपुरा स्थित प्राथमिक पाठशाला नंबर-4 पहले भी खंडहर इमारत को लेकर सुर्ख़ियों में रह चुका है। मीडिया में खबर दिखाए जाने के बाद सकूल की मरम्मत तो करवा दी गई लेकिन अध्यापक आज तक मुहैया नहीं करवाए। यहां पढ़ने वाली ग़रीब परिवारों की बेटियों का कहना है कि सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा जरूर दे रही है। लेकिन हम बेटियों पढ़ना चाहती हैं अपना भविष्य बनाना चाहती हैं। लेकिन बगैर अध्यापक के हम पढ़ेंगे कैसे और नहीं पड़ेंगे तो हम कामयाब कैसे होंगे। शिक्षा मंत्री जी जरा इन बेटियों की पुकार भी सुन लो ताकि आपकी सरकार का नारा बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ साकार हो सके।
प्राथमिक पाठशाला नंबर 4 इन दिनों अध्यापक की कमी से जूझ रहा है और परीक्षा भी सर पर आन पड़ी है ऐसे में बच्चे ही नहीं वहां मौजूद एक स्थाई अध्यापिका को भी अब बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी है।
पाठशाला में पढ़ा रही अध्यापक सुमन देवी का कहना है कि पिछले 6 महीनों से यहां में पांच कक्षाओं को अकेले ही पढ़ा रही हूं और मिड डे मील, पेंशन के लिए कागजात तैयार करना, बच्चों का परिणाम तैयार करना जैसी अन्य काम भी स्वयं कर रही हूं ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पर तलवार लटकी हुई है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि वह लिखित में इसकी शिकायत कर अधिकारियों को अवगत भी करा चुकी हैं।
इस प्राथमिक पाठशाला नंबर 4 में पहली से पांचवीं तक पांच कक्षाएं लगती है, और इसमें 58 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर अपना भविष्य बनाने यहां आते हैं। लेकिन उन्हें यहां शिक्षा कैसे मिलेगी यह तो सरकार ही बताएगी। स्कूल द्वारा बनाई गई कमेटी के उपप्रधान राम अवतार ने बताया कि सरकार प्राइवेट स्कूलों को प्रमोट कर रही है और सरकारी स्कूलों की ओर ध्यान नहीं दे रही। 6 महीने पहले वह शिकायत कर अधिकारियों से शिक्षकों की मांग कर चुके हैं यहां 3 अध्यापकों की पोस्ट खाली है लेकिन सरकार ने एक अस्थाई अध्यापक के जिम में 58 बच्चों का भविष्य संवारने के लिए लगाया हुआ है अब अकेली अध्यापक इन बच्चों को क्या और कैसे पढ़ाई की यह तो हमारी समझ से परे की बात है हमारी मांग है कि सरकार यह जल्द से जल्द अध्यापकों की नियुक्ति करें ताकि परीक्षाओं में बच्चे उत्तीर्ण हो सके।
अब जरा यहां पढ़ने वाली इन बेटियों की भी सुन लीजिए इन बेटियों का कहना है कि खट्टर अंकल वैसे तो कहते हैं कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ लेकिन एक अध्यापक हमें कितना पढ़ा पाएगी। अगर हम नहीं पड़ेंगे तो कामयाब कैसे होंगे इन बच्चों को अपने भविष्य की अब चिंता सताने लगी है।
अब जरा खंड शिक्षा अधिकारी पृथ्वी सिंह को भी सुन लीजिए उन्होंने कहा की 19 दिसंबर 2018 तक दो अस्थाई अध्यापक यहां बच्चों को पढ़ा रहे थे। लेकिन सरकार ने अस्थाई अध्यापकों को हटाने के निर्देश जारी किए इसलिए यहां से उन्हें हटाना पड़ा अब हमने इस सकूल की शिकायत मिलने के बाद उच्च अधिकारियों को लिखा हुआ है। अप्रैल महा तक अध्यापक यहां आ जाएंगे। लेकिन इन साहब को यह कौन बताए की परीक्षाएं तो अप्रैल से पहले ही हो जाएंगी और बच्चों को इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा।
बाइट--1 से 2 छात्राएं।
बाइट--रामौतार, स्कूल कमेटी उप प्रधान।
बाइट--सुमन देवी, अस्थाई अध्यापिका।
बाइट--पृथ्वी सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी।


Conclusion:अब देखना होगा कि सरकार इन बच्चों के भविष्य को देखते हुए यहां परीक्षाओं से पहले अध्यापक की नियुक्ति करेगी या फ़िर इन छात्राओं को अपनी गरीब होने की कीमत चुकानी पड़ेगी।

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