रेवाड़ीः बिहार के सुपर-30 की तर्ज पर हरियाणा में भी सुपर-100 के जरिए प्रतिभाओं को तराशने की मुहिम शुरू हो चुकी है. इसके तहत विकल्प नाम का एक निजी संस्थान सरकार के सहयोग से सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले गरीब बच्चों को IIT और NEET जैसे बड़े कॉम्पटीशन की तैयारी के लिए फ्री कोचिंग देता है. इस पहल के तहत दो संस्थान एक पंचकूला और एक रेवाड़ी में चलाए जा रहे हैं. इस बार रेवाड़ी के 48 छात्रों ने IIT-JEE मेन्स की परीक्षा में हिस्सा लिया और उनमें से 43 छात्र सेलेक्ट हो गए.
क्या है सुपर-100 प्रोग्राम?
आईआईटी छात्र रहे नवीन कुमार मिश्रा ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर 2013 में विकल्प संस्थान की शुरूआत की. जिसके जरिए सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों को प्रतिष्ठित परीक्षाओं के लिए तैयार करने का बीड़ा उठाया गया. उसके बाद 2015 तक चले संस्थान के पहले बैच के 18 छात्र-छात्राओं में से 15 का चयन आईआईटी में हुआ, वहीं एक छात्रा का सेलेक्शन दिल्ली एम्स में पढ़ाई के लिए हुआ.
सुपर-100 प्रोग्राम की शुरूआत
साल 2017 में विकल्प संस्थान के प्रमुख नवीन कुमार मिश्रा की मुलाकात नारनौल के तत्कालीन उपायुक्त राजनारायण कौशिक से हुई. जिन्होंने इस मुहिम की सराहना की. कुछ समय बाद राजनारायण कौशिक एजुकेशन विभाग के डायरेक्टर बना दिए गए. डायरेक्टर बनने के बाद राजनारायण ने विकल्प संस्थान की पहल को सरकारी स्तर पर चलाने की योजना बनाई और निर्णय लिया गया कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब छात्र-छात्राओं के लिए सुपर-100 नाम से एक कार्यक्रम चलाया जाएगा.
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2018 में शुरू हुआ सुपर-100 का पहला बैच
सुपर-100 प्रोग्राम के तहत छात्रों के चयन के लिए 2018 में पहली बार प्रदेश के सभी जिलों में परीक्षा का आयोजन हुआ. जिसमें कोचिंग के लिए 200 छात्र-छात्राओं का चयन हुआ. उसके बाद 2019 में दूसरे और अब 2020 में इस प्रोग्राम के तीसरे बैच के लिए छात्र-छात्राओं का चयन होगा.
कैसे होता है छात्रों का चयन ?
सुपर-100 प्रोग्राम के तहत पढ़ाई के लिए छात्र या छात्रा के 10वीं में कम से कम 80 फीसदी अंक होने चाहिए. इसके लिए उन्हें एक टेस्ट भी देना पड़ता है. ये टेस्ट सरकारी स्तर पर आयोजित किया जाता है. जो छात्रों के गृह जिले में ही होता है. इसकी जानकारी स्कूल और विज्ञापन के जरिए बच्चों और उनके परिजनों को दी जाती है. जिला स्तर पर होने वाले टेस्ट में सेलेक्ट होने के बाद छात्र चार दिन रेवाड़ी और पंचकूला के विकल्प संस्थान में पढ़ाई करते हैं, उसके बाद उनका एक और टेस्ट लिया जाता है. दूसरे टेस्ट में पास होने के बाद ही छात्र का चयन विकल्प संस्थान के सुपर-100 बैच में पढ़ने के लिए होता है.
सरकार उठाती है छात्रों का खर्च
सुपर-100 प्रोग्राम के तहत छात्रों के रहने, खाने-पीने, हॉस्टल और किताबों की व्यवस्था सरकार की ओर से की जाती है. छात्रों को पढ़ाने की व्यवस्था विकल्प संस्थान अपने खर्च पर करता है. इस प्रोग्राम के तहत सरकार की ओर से विकल्प संस्थान को कोई रकम नहीं दी जाती है.
सुपर-100 प्रोग्राम गरीब परिवारों के छात्रों के हौसलों की उड़ान को पंख लगाने का काम कर रहा है. अगर ये कार्यक्रम व्यापक स्तर पर चलाया जाए तो निश्चित रूप से आर्थिक तंगी से जूझ रहे ज्यादा से ज्यादा परिवारों के बच्चों के सपने साकार हो पाएंगे.
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