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हरियाणा में 10वीं की फर्जी मार्कशीट पर दाखिला देने का खुलासा, 92 स्कूलों के खिलाफ FIR

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Published : Aug 11, 2022, 6:29 PM IST

Updated : Aug 11, 2022, 6:37 PM IST

हरियाणा में फर्जी मार्कशीट का मामला (fake marksheet case in haryana) सामने आया है. प्रदेश के कई स्कूलों ने 10वीं की फर्जी मार्कशीट के आधार पर सैकड़ों छात्रों को 11वीं में दाखिला दे दिया. जब इस मामले की जांच की गई तो पूरे मामला का भंडाफोड़ हुआ. इस पूरे मामले में हरियाणा के 92 स्कूलों के खिलाफ रेवाड़ी में एफआईआर दर्ज की गई है.

fake marksheet case in haryana
fake marksheet case in haryana

रेवाड़ी: हरियाणा में फर्जी मार्कशीट (fake marksheet case in haryana) के जरिए परीक्षा दिलाने के मामले की जांच में पता चला कि प्रदेश के 92 स्कूलों ने 129 छात्रों को ना केवल दाखिला दिया, बल्कि उन्हें 12वीं की परीक्षा भी दिला दी. हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने जब इसकी जांच की तो इस मामले का भंडाफोड़ हुआ. पूरे मामले में रेवाड़ी में सभी 92 स्कूलों पर FIR दर्ज कराई गई है.

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (Haryana Board of School Education) ने सेशन 2021-22 में कोरोना के चलते अप्रैल 2021 में 12वीं की बोर्ड की परीक्षा नहीं ली थी. बोर्ड की तरफ से जो रिजल्ट जारी करते हुए अंक दिए गए थे वो 10वीं की मार्कशीट के आधार पर दिए थे. इसके लिए 10वीं के सभी छात्रों की मार्कशीट भी मंगवाई गई थी. बोर्ड ने जब मार्कशीट की जांच की तो पता चला कि जिस बोर्ड से 10वीं पास की मार्कशीट दी गई है, वो बोर्ड ही फर्जी है.

सबसे बड़ी बात यह है कि 92 स्कूलों ने इन बच्चों को मार्कशीट की सही से जांच किए बगैर ही 11वीं में उन्हें दाखिला भी दे दिया. बोर्ड सचिव की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा के 92 स्कूल ऐसे है, जिनके 129 स्टूडेंट का रिजल्ट रोका गया है. ये सभी 10वीं की फर्जी मार्कशीट के आधार पर 12वीं की परीक्षा में शामिल हुए थे. इस पूरे मामले में रेवाड़ी के कोसली में 92 स्कूलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

जिन बोर्ड की मार्कशीट फर्जी पाई गई है उनमें हरियाणा काउंसिल ऑफ ओपन स्कूलिंग के 26, उत्तर प्रदेश स्टेट ओपन बोर्ड के 34, सेकेंडरी एजुकेशन ऑफ भिवानी हरियाणा से 1, ग्रामीण मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान से 2, उर्दू एजुकेशन बोर्ड नई दिल्ली से 2, हरियाणा स्टेट बोर्ड ऑफ स्कूलिंग से 1, कौंसिल ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन मोहाली से 4, राजकीय इंस्टिट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 4, यूपी बोर्ड ऑफ मदरसाएजुकेशन लखनऊ से 1, ऑल इंडिया कौंसिल ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन दिल्ली से 1 मार्कशीट फर्जी मिली.

इसके अलावा असम हायर सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड से 1 बिहार बोर्ड ऑफ ओपन स्कूलिंग एक्जामिनेशन पटना से 4, बोर्ड ऑफ स्कूल टेक्निकल सीबी से 1, बॉर्ड ऑफ सेकेंडरी सीनियर सेकेंडरी एजुकेशन अलीगढ़ से 1, सेंट्रल बोर्ड ऑफ ओपन स्कूल एजुकेशन राजस्थान से 1, कौंसिल ऑफ स्कूल टेक्निकल एजुकेशन मध्यप्रदेश से 1, इंडियन बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन से 1, इंदिरा गांधी बोर्ड ऑफ हाई स्कूलिंग दिल्ली से 5, इंटरमीडिएट कौंसिल ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन दिल्ली से 1, झारखंड स्टेट ओपन स्कूल रांची से 18, महाराष्ट्रा बोर्ड ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन से 1, मुम्बई हिंदी विद्यापीठ से 1 छात्र ने फर्जी मार्कशीट लगाई.

प्रारंभिक शिक्षा पूर्णता प्रमाण पत्र से 1, रूरल इंस्टिट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग से 7, संगई इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी से 3, द सेंट्रल बोर्ड ऑफ हायर एजुकेशन दिल्ली से 1, उच्चतर माध्यमिक शिक्षा मंडल दिल्ली से 1, उत्तराखंड बोर्ड ऑफ हायर स्कूल इंटरमीडिएट एजुकेशन देहरादून से 1 स्टूडेंट ऐसा शामिल है, जिसकी 10वीं की मार्कशीट फर्जी मिली है. हरियाणा विद्यालय बोर्ड भिवानी की तरफ से इसको लेकर पंचकूला स्थित क्राइम ब्रांच को शिकायत दी गई थी. अब उन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिन्होंने फर्जी सर्टिफिकेट मुहैया कराया था. इन सभी के खिलाफ एफआईआर हुई दर्ज कर ली गई है. इनमें राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ बोर्ड शामिल हैं.

रेवाड़ी: हरियाणा में फर्जी मार्कशीट (fake marksheet case in haryana) के जरिए परीक्षा दिलाने के मामले की जांच में पता चला कि प्रदेश के 92 स्कूलों ने 129 छात्रों को ना केवल दाखिला दिया, बल्कि उन्हें 12वीं की परीक्षा भी दिला दी. हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने जब इसकी जांच की तो इस मामले का भंडाफोड़ हुआ. पूरे मामले में रेवाड़ी में सभी 92 स्कूलों पर FIR दर्ज कराई गई है.

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (Haryana Board of School Education) ने सेशन 2021-22 में कोरोना के चलते अप्रैल 2021 में 12वीं की बोर्ड की परीक्षा नहीं ली थी. बोर्ड की तरफ से जो रिजल्ट जारी करते हुए अंक दिए गए थे वो 10वीं की मार्कशीट के आधार पर दिए थे. इसके लिए 10वीं के सभी छात्रों की मार्कशीट भी मंगवाई गई थी. बोर्ड ने जब मार्कशीट की जांच की तो पता चला कि जिस बोर्ड से 10वीं पास की मार्कशीट दी गई है, वो बोर्ड ही फर्जी है.

सबसे बड़ी बात यह है कि 92 स्कूलों ने इन बच्चों को मार्कशीट की सही से जांच किए बगैर ही 11वीं में उन्हें दाखिला भी दे दिया. बोर्ड सचिव की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा के 92 स्कूल ऐसे है, जिनके 129 स्टूडेंट का रिजल्ट रोका गया है. ये सभी 10वीं की फर्जी मार्कशीट के आधार पर 12वीं की परीक्षा में शामिल हुए थे. इस पूरे मामले में रेवाड़ी के कोसली में 92 स्कूलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

जिन बोर्ड की मार्कशीट फर्जी पाई गई है उनमें हरियाणा काउंसिल ऑफ ओपन स्कूलिंग के 26, उत्तर प्रदेश स्टेट ओपन बोर्ड के 34, सेकेंडरी एजुकेशन ऑफ भिवानी हरियाणा से 1, ग्रामीण मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान से 2, उर्दू एजुकेशन बोर्ड नई दिल्ली से 2, हरियाणा स्टेट बोर्ड ऑफ स्कूलिंग से 1, कौंसिल ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन मोहाली से 4, राजकीय इंस्टिट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 4, यूपी बोर्ड ऑफ मदरसाएजुकेशन लखनऊ से 1, ऑल इंडिया कौंसिल ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन दिल्ली से 1 मार्कशीट फर्जी मिली.

इसके अलावा असम हायर सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड से 1 बिहार बोर्ड ऑफ ओपन स्कूलिंग एक्जामिनेशन पटना से 4, बोर्ड ऑफ स्कूल टेक्निकल सीबी से 1, बॉर्ड ऑफ सेकेंडरी सीनियर सेकेंडरी एजुकेशन अलीगढ़ से 1, सेंट्रल बोर्ड ऑफ ओपन स्कूल एजुकेशन राजस्थान से 1, कौंसिल ऑफ स्कूल टेक्निकल एजुकेशन मध्यप्रदेश से 1, इंडियन बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन से 1, इंदिरा गांधी बोर्ड ऑफ हाई स्कूलिंग दिल्ली से 5, इंटरमीडिएट कौंसिल ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन दिल्ली से 1, झारखंड स्टेट ओपन स्कूल रांची से 18, महाराष्ट्रा बोर्ड ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन से 1, मुम्बई हिंदी विद्यापीठ से 1 छात्र ने फर्जी मार्कशीट लगाई.

प्रारंभिक शिक्षा पूर्णता प्रमाण पत्र से 1, रूरल इंस्टिट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग से 7, संगई इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी से 3, द सेंट्रल बोर्ड ऑफ हायर एजुकेशन दिल्ली से 1, उच्चतर माध्यमिक शिक्षा मंडल दिल्ली से 1, उत्तराखंड बोर्ड ऑफ हायर स्कूल इंटरमीडिएट एजुकेशन देहरादून से 1 स्टूडेंट ऐसा शामिल है, जिसकी 10वीं की मार्कशीट फर्जी मिली है. हरियाणा विद्यालय बोर्ड भिवानी की तरफ से इसको लेकर पंचकूला स्थित क्राइम ब्रांच को शिकायत दी गई थी. अब उन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिन्होंने फर्जी सर्टिफिकेट मुहैया कराया था. इन सभी के खिलाफ एफआईआर हुई दर्ज कर ली गई है. इनमें राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ बोर्ड शामिल हैं.

Last Updated : Aug 11, 2022, 6:37 PM IST
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