रेवाड़ी: जिले के सरकारी हॉस्पिटल से बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. दरअसल बुधवार को एक गर्भवती महिला की हॉस्पिटल के बाहर ही डिलिवरी कराई गई. हैरान करने वाली बात यह है कि महिला की डिलिवरी के वक्त ना ही कोई हॉस्पिटल का स्टाफ मौजूद था और ना ही कोई डॉक्टर दिखाई दिया. इसके बावजूद हॉस्पिटल प्रशासन ने महिला मरीज के परिवारवालों पर ही देरी से उसे हॉस्पिटल लाने का दोष मढ़ दिया.
मिली जानकारी के मुताबिक बीकानेर की रहने वाली सुषमा को बुधवार तड़के लेबर पेन शुरू हो गया था. महिला की सास ने बताया कि वे सुबह से ही एंबुलेंस को फोन कर रहे थे लेकिन एंबुलेंस ने पहुंचने में डेढ़ घंटे का वक्त लगा दिया. सुषमा की सास ने बताया कि सिविल हॉस्पिटल आने के बाद वह सुषमा को भर्ती कराने के लिए अस्पताल में इधर-उधर भटकती रही लेकिन उसे नर्स या डॉक्टर नहीं मिले.
करीब 15 मिनट तक चक्कर लगाने के बाद सुषमा की प्रसव पीड़ा और बढ़ गई. इसी बीच अस्पताल से एक स्ट्रेचर लाकर गेट के पास मौजूद कुछ महिलाओं ने कपड़े की आड़ में सुषमा की डिलीवरी कराई. सुषमा ने बच्ची को जन्म दिया है. परिजन अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. उनका आरोप है कि स्टाफ ने मदद करना तो दूर दर्द से कराह रही उनकी बहू को देखने वाला तक नहीं था. वहीं दूसरी ओर अस्पताल की डॉक्टर अर्चना ने बताया कि सुषमा को सुबह 5 बजे से ही लेबर पेन शुरू हो गया था. उसे अस्पताल लाने में उसके परिजनों ने ही देरी की है.
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