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कुलगाम में शहीद हुए दीपक कुमार का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव, श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ी लोगों की भीड़ - कुलगाम शहीद दीपक कुमार

कुलगाम में शहीद हुए दीपक कुमार का पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा जहां उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई.

rewari martyr deepak kumar dead body
कुलगाम में शहीद हुए दीपक कुमार का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव
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Published : Jan 29, 2021, 5:53 PM IST

रेवाड़ी: बुधवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम के शमसीपोरा में शहीद हुए दीपक कुमार का पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके पैतृक गांव जुडडी पहुंचा. शहीद दीपक का पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा और उनको अंतिम विदाई देने के लिए भारी संख्या में लोग शामशान घाट में पहुंचे. शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए सेना के अधिकारियों के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों समेत सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल मौके पर पहुंचे.

कुलगाम में शहीद हुए दीपक कुमार का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव

ये भी पढ़ें: फरीदाबाद: हेलीकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए कर्नल ऋषभ शर्मा को दी गई अंतिम विदाई

दीपक की शहादत के बाद उनके परिवार का बुरा हाल है. शहीद दीपक का एक 10 वर्षीय बेटा है और इसके अलावा उनके घर में उनकी दो बहनें भी हैं. शहीद के बेटे का कहना है कि वो भी बड़ा होकर भारतीय सेना में शामिल होगा और देश की सेवा करेगा.

शहीद दीपक कुमार को श्रद्धांजलि देने पहुंचे सहकारिता मंत्री बनवारी लाल ने कहा की सरकार की तरफ से 50 लाख रूपये और एक सरकारी नौकरी के साथ ही अन्य सुविधाएं भी शहीद के परिवार को उपलब्ध कराई जाएंगी. उन्होंने कहा कि कोसली क्षेत्र सैनिकों की खदान माना जाता है. यहां से हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में युवा सेना में भर्ती होते हैं. मंत्री ने कहा कि आज हमें दीपक की शहादत पर गर्व है.

ये भी पढ़ें: अंबाला का बहादुर जवान पाकिस्तान की फायरिंग में शहीद, परिवार में पसरा मातम का माहौल

आपको बता दें कि दीपक कुमार 23 जून 2005 को 12 आमर्ड रेजिमेंट में बतौर सैनिक भर्ती हुए थे, इनके पिता स्व श्रीकृष्ण भी सीआरपीएफ से सेवानिवृत रह चुकें हैं. इसके बाद सितंबर 2019 से दीपक कुलगाम में 24 आरआर बटालियन में तैनात थे. वहीं बुधवार को हाईवे पर गश्त कर रहे सुरक्षाबलों के दस्ता आईईडी विस्फोट की चपेट में आ गया, जिसमें दीपक कुमार शहीद हो गए और 3 जवान घायल हो गए थे.

रेवाड़ी: बुधवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम के शमसीपोरा में शहीद हुए दीपक कुमार का पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके पैतृक गांव जुडडी पहुंचा. शहीद दीपक का पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा और उनको अंतिम विदाई देने के लिए भारी संख्या में लोग शामशान घाट में पहुंचे. शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए सेना के अधिकारियों के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों समेत सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल मौके पर पहुंचे.

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दीपक की शहादत के बाद उनके परिवार का बुरा हाल है. शहीद दीपक का एक 10 वर्षीय बेटा है और इसके अलावा उनके घर में उनकी दो बहनें भी हैं. शहीद के बेटे का कहना है कि वो भी बड़ा होकर भारतीय सेना में शामिल होगा और देश की सेवा करेगा.

शहीद दीपक कुमार को श्रद्धांजलि देने पहुंचे सहकारिता मंत्री बनवारी लाल ने कहा की सरकार की तरफ से 50 लाख रूपये और एक सरकारी नौकरी के साथ ही अन्य सुविधाएं भी शहीद के परिवार को उपलब्ध कराई जाएंगी. उन्होंने कहा कि कोसली क्षेत्र सैनिकों की खदान माना जाता है. यहां से हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में युवा सेना में भर्ती होते हैं. मंत्री ने कहा कि आज हमें दीपक की शहादत पर गर्व है.

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आपको बता दें कि दीपक कुमार 23 जून 2005 को 12 आमर्ड रेजिमेंट में बतौर सैनिक भर्ती हुए थे, इनके पिता स्व श्रीकृष्ण भी सीआरपीएफ से सेवानिवृत रह चुकें हैं. इसके बाद सितंबर 2019 से दीपक कुलगाम में 24 आरआर बटालियन में तैनात थे. वहीं बुधवार को हाईवे पर गश्त कर रहे सुरक्षाबलों के दस्ता आईईडी विस्फोट की चपेट में आ गया, जिसमें दीपक कुमार शहीद हो गए और 3 जवान घायल हो गए थे.

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