रेवाड़ी: हरियाणा को शिक्षा का हब कहा जाता है. लेकिन दक्षिणी हरियाणा के जिले रेवाड़ी में प्रवासी मजदूरों के बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर है. क्योंकि डाक्यूमेंट्स पूरे न होने के कारण इन बच्चों दाखिला सरकारी स्कूल में नहीं हो पता है.
डाक्यूमेंट्स नहीं होने के कारणा बच्चों को नहीं मिलता दाखिला
प्रवासी मजदूर हरियाणा के अलावा दूसरे राज्यों से यहां रोजी-रोटी के लिए अपना घर छोड़ कर आते हैं लेकिन उनके बच्चों को शिक्षा से महरूम रखा जाता है. क्योंकि उनके पास स्थानीय प्रमाण पत्र नहीं होते. जिनकी वजह से सरकारी स्कूलों में इनका दाखिला नहीं होता और ये शिक्षा से वंचित रह जाते हैं.
125 बच्चे पढ़ते हैं खुले आसमान के नीचे
ऐसे में एसएन संस्था इन प्रवासी मजदूरों के बच्चों को पढ़ाती है. यहां 125 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं. एसएन संस्था पिछले कई सालों से यहां अपनी सेवाएं दे रही है. राजेश पायलट चौक स्थित सौर ऊर्जा पार्क में ये पाठशाला लगती है. यहां बच्चे स्कूल की तरह रोज सुबह 9:00 से 2:30 तक शिक्षा ग्रहण करते हैं.
स्कूल अध्यापिका रेखा का कहना है कि शिक्षा सबका अधिकार है लेकिन ये बच्चे कागजात के अभाव में शिक्षा से वंचित रह जाते हैं. इसी को लेकर हमारी एसएन संस्था ने इन्हें शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है और उसे हर हाल में पूरा करेंगे.
3 से 12 साल तक के बच्चे पढ़ते हैं
उन्होंने बताया कि सरकार से कई बार इस विषय में आवेदन भी किया लेकिन समय के अभाव रहते कुछ बच्चों का कई साल खराब ना हो इसलिए इन्हें यहां हम पढ़ा रहे हैं. यहां 3 साल से लेकर 12 साल के बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं.
बच्चे पढ़ कर अधिकारी बनना चाहते हैं
उन्होंने बताया कि यहां कड़कड़ाती ठंड के बीच में इन बच्चों को धरती पर बैठकर पढ़ना पड़ रहा है. ये बच्चे भी बड़ा होकर इंजीनियर और कोई बड़ा अधिकारी बनने की तमन्ना रखते हैं लेकिन इनकी मन की बात मन में ही रह जाती है. क्योंकि गरीबी इनके आगे खड़ी हुई है. इस से उबारने के लिए संस्था इनका सहयोग करती हैं और शिक्षा प्रदान करती है.
बरसात में होती है दिक्कत
स्कूल अध्यापिका रेखा ने बताया कि जब बरसात आती है तो इन बच्चों को यहां पार्क में बनी शेड़ के नीचे बैठाया जाता है. बच्चों को शौचालय जाने की भी परेशानी होती है. उसके लिए नगर परिषद से एक टॉयलेट बाथरूम की भी सुविधा इन बच्चों के लिए संस्था द्वारा की गई है ताकि इन बच्चों को सोच के लिए कोई परेशानी ना हो.
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