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रेवाड़ी: कोरोना काल में बीपीएल परिवार परेशान - रेवाड़ी बीपीएल परिवार परेशान

कोरोना काल के दौरान रेवाड़ी में बीपीएल परिवार दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं. बीपीएल परिवार के लोगों का आरोप है कि राशन कार्ड की सूची से उनका नाम काट दिया गया है. जिसके कारण उन्हें अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.

BPL family is facing problems in Rewari
कोरोना काल में बीपीएल परिवार परेशान
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Published : Aug 25, 2020, 7:24 PM IST

रेवाड़ी: कोरोना वायरस संक्रमण के चलते गरीब परिवारों पर रोजी -रोटी का संकट गहराता जा रहा है. राज्य और केंद्र सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिए मुफ्त राशन आवंटित कर रही है. ताकि गरीब परिवारों की परेशानी को कुछ हद तक कम किया जा सके. लेकिन कमीशन खोरी के चलते सरकारी स्कीम का लाभ गरीब परिवारों तक नहीं पहुंच पा रहा है.

वहीं बीपीएल परिवार की महिलाएं अपनी समस्या को लेकर जिला सचिवालय पहुंची. लेकिन लॉकडाउन के चलते सभी कार्यालय बंद होने के कारण उन्हें सचिवालय में प्रवेश नहीं करने दिया गया. लॉकडाउन में ड्यूटी दे रहे अधिकारियों और कर्मचारियों ने इन गरीब परिवारों के लोगों को आश्वासन देकर घर वापस भेज दिया. लेकिन अभी तक इस गरीब परिवारों को राशन उपलब्ध नहीं करवाया गया है. बताया जा रहा है कि जमाखोरी के चलते ये गरीब परिवार भूख से लड़ने को मजबूर हैं.

रेवाड़ी: कोरोना काल में बीपीएल परिवार परेशान

बीपीएल परिवार काट रहे दफ्तरों के चक्कर

बच्चों की भूख इन गरीब परिवारों को रेवाड़ी के विधायक चिरंजीव राव के दफ्तर तक खिंच लाई. लेकिन विधायक विपक्ष का होने के कारण इन लोगों को केवल आश्वासन से ही काम चलाना पड़ा. बीपीएल कार्ड धारकों का कहना है कि वो लॉकडाउन के शुरू से ही अधिकारियों के सामने फरियाद कर रहे हैं. लेकिन आज तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है. उनका कहना है कि बीपीएल सूची से उनका नाम कट दिया गया है. जिसके चलते उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बताया जा रहा है कि जिन लोगों को वास्तव में बीपीएल सूची में शामिल किया जाना चाहिए आज वो अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं. ताकि उनका नाम बीपीएल की सूची में शामिल किया जा सके. वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो बीपीएल सूची के हकदार नहीं हैं. लेकिन उनका नाम बीपीएल सूची में शामिल किया गया है. वहीं इन गरीब परिवारों की शिकायत सुनने के बाद जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी अशोक रावत ने निमोठ गांव, भुड़ला और मालाखेड़ा के राशन डिपो को रद्द कर दिया था. लेकिन रामपुरा गांव के डिपो पर आज भी धांधली का आरोप है. जिसको लेकर विभाग द्वारा जांच चल रही है.

राशन डिपो धारकों को चेतावनी

जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि राशन डिपो प्रतिदिन खुलना चाहिए और सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए सभी बीपीएल परिवारों को राशन उपलब्ध करवाया जाना चाहिए. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कोई डिपो धारक इन नियमों का ठीक से पालन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें: सीएम मनोहर लाल के बाद कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा भी कोरोना पॉजिटिव

देश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसके चलते गरीब परिवार दाने दाने को मजबूर हो रहे हैं. सरकार लगातार ऐसे लोगों तक सहायता पहुंचाने का काम कर रही है. लेकिन कमीशन खोरी के चलते कुछ गरीब परिवारों तक सरकार की ये सहायता नहीं पहुंच पा रही है.

रेवाड़ी: कोरोना वायरस संक्रमण के चलते गरीब परिवारों पर रोजी -रोटी का संकट गहराता जा रहा है. राज्य और केंद्र सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिए मुफ्त राशन आवंटित कर रही है. ताकि गरीब परिवारों की परेशानी को कुछ हद तक कम किया जा सके. लेकिन कमीशन खोरी के चलते सरकारी स्कीम का लाभ गरीब परिवारों तक नहीं पहुंच पा रहा है.

वहीं बीपीएल परिवार की महिलाएं अपनी समस्या को लेकर जिला सचिवालय पहुंची. लेकिन लॉकडाउन के चलते सभी कार्यालय बंद होने के कारण उन्हें सचिवालय में प्रवेश नहीं करने दिया गया. लॉकडाउन में ड्यूटी दे रहे अधिकारियों और कर्मचारियों ने इन गरीब परिवारों के लोगों को आश्वासन देकर घर वापस भेज दिया. लेकिन अभी तक इस गरीब परिवारों को राशन उपलब्ध नहीं करवाया गया है. बताया जा रहा है कि जमाखोरी के चलते ये गरीब परिवार भूख से लड़ने को मजबूर हैं.

रेवाड़ी: कोरोना काल में बीपीएल परिवार परेशान

बीपीएल परिवार काट रहे दफ्तरों के चक्कर

बच्चों की भूख इन गरीब परिवारों को रेवाड़ी के विधायक चिरंजीव राव के दफ्तर तक खिंच लाई. लेकिन विधायक विपक्ष का होने के कारण इन लोगों को केवल आश्वासन से ही काम चलाना पड़ा. बीपीएल कार्ड धारकों का कहना है कि वो लॉकडाउन के शुरू से ही अधिकारियों के सामने फरियाद कर रहे हैं. लेकिन आज तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है. उनका कहना है कि बीपीएल सूची से उनका नाम कट दिया गया है. जिसके चलते उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बताया जा रहा है कि जिन लोगों को वास्तव में बीपीएल सूची में शामिल किया जाना चाहिए आज वो अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं. ताकि उनका नाम बीपीएल की सूची में शामिल किया जा सके. वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो बीपीएल सूची के हकदार नहीं हैं. लेकिन उनका नाम बीपीएल सूची में शामिल किया गया है. वहीं इन गरीब परिवारों की शिकायत सुनने के बाद जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी अशोक रावत ने निमोठ गांव, भुड़ला और मालाखेड़ा के राशन डिपो को रद्द कर दिया था. लेकिन रामपुरा गांव के डिपो पर आज भी धांधली का आरोप है. जिसको लेकर विभाग द्वारा जांच चल रही है.

राशन डिपो धारकों को चेतावनी

जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि राशन डिपो प्रतिदिन खुलना चाहिए और सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए सभी बीपीएल परिवारों को राशन उपलब्ध करवाया जाना चाहिए. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कोई डिपो धारक इन नियमों का ठीक से पालन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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देश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसके चलते गरीब परिवार दाने दाने को मजबूर हो रहे हैं. सरकार लगातार ऐसे लोगों तक सहायता पहुंचाने का काम कर रही है. लेकिन कमीशन खोरी के चलते कुछ गरीब परिवारों तक सरकार की ये सहायता नहीं पहुंच पा रही है.

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