रेवाड़ी: चीन का रवैया आज भी तिब्बत वासियों के लिए ठीक नहीं है. आज भी तिब्बत वासी आत्मदाह करने को मजबूर हैं. इसलिए चीन को अपना रवैया बदल कर उसमें सुधार करना चाहिए ताकि सभी को जीने का समान अधिकार मिले. तिब्बत के सांसद आचार्य हिंशे फुंचोग ने ये बात कही है.
प्रवासी तिब्बत वासियों का वार्षिक उत्सव समारोह
प्रवासी तिब्बत वासियों के वार्षिक उत्सव समारोह में मंगलवार को रेवाड़ी पहुंचे तिब्बत के सांसद आचार्य हिंशे फुंचोग और पूर्व स्पीकर तिब्बत सरकार गेरी डोलमा ने कहा कि तिब्बत के प्रवासी लोग रोजी रोटी कमाने भारत में शीत मार्केट लगाते हैं और ये मार्केट हरियाणा के 10-12 जिलों में साल में करीब 4 महीने के लिए लगाई जाती है. समारोह में सांसद और पूर्व स्पीकर का तिब्बती नृत्य के साथ स्वागत किया गया.
'चीन का रवैया आज भी तिब्बत के प्रति ठीक नहीं'
तिब्बत सरकार के सांसद आचार्य हिंशे फुंचोग ने कहा कि आज भी चीन का रवैया तिब्बत वासियों के प्रति ठीक नहीं है जिसके चलते आज भी तिब्बती लोग आत्मदाह करने को मजबूर हैं. तिब्बती प्रवासी लोग हरियाणा सहित भारत के अन्य हिस्सों में शीत बाजार लगाकर अपना व्यवसाय चलाते हैं जो भारत में पूरी तरह से महफूज हैं. उन्होंने कहा कि हम हरियाणा सरकार से अपने तिब्बत प्रवासियों को सहयोग करने की अपील करेंगे ताकि परिवार अपना ठीक से गुजर बसर कर सके.
इस अवसर पर गेरी डोमला पूर्व स्पीकर निर्वासित तिब्बत सरकार ने कहा कि कानून बनता है लेकिन उस पर इंप्लीमेंट भी जरूर होना चाहिए जो लोग गलत कर रहें है वो ये सब अपनी मां, अपनी बहन या बेटी के लिए नहीं चाहेंगे तो वो दूसरों के साथ भी ना करें उन्हें भी अपने घर की महिलाओं की तरह सम्मान दें. ताकि महिलाएं सुरक्षित रह सकें.
हरियाणा के कई राज्यों में प्रवासी तिब्बती अपना व्यवसाय करने के लिए आते हैं और वह यहां अपनी संस्कृति की छाप छोड़ कर जाते हैं. जो एक अच्छा संकेत है भारत में हमें और हमारे तिब्बती वासियों को पूरा मान-सम्मान मिलता है इसके लिए हम भारत सरकार का शुक्रिया करते हैं
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