पानीपत: आज, शुक्रवार 18 अगस्त 2023 को जीरो शैडो डे है, यानी 'जीरो छाया दिवस' है. यह एक प्रकार की दुर्लभ खगोलीय घटना है. इस दिन कुछ खास समय और पृथ्वी के कुछ खास स्थानों पर किसी भी चीज की परछाई नहीं बनती. हालांकि, सूरज तो होगा लेकिन परछाई नहीं बनेगी. आखिरकार ऐसा कैसे संभव हो सकता है, आइए विस्तार से जानते हैं.
जीरो शैडो क्या है?: ऐसा नहीं है कि इस दिन छाया बिल्कुल गायब ही हो जाती है. दरअसल, जब सूरज ठीक हमारे सर के ऊपर होता है, तो उसकी किरणें हमारे ऊपर पर लंबवत पड़ती हैं. जिस वजह से हमारी परछाई होती है वो थोड़ा इधर-उधर न बनकर बिल्कुल हमारे पैरों के नीचे बनती है. यही कारण है कि सीधे खड़े रहने पर कोई परछाई दिखाई नहीं देती है.
![Zero Shadow Day 2023](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18-08-2023/19294556_zero_shadow_day.jpg)
जीरो शैडो के दौरान परछाई भी नहीं दिखाई देती?: खगोलविदों के अनुसार, जीरो शैडो की विशेष स्थिति, पृथ्वी के घूमने की धुरी के झुकाव के कारण बनती है. पृथ्वी, सूर्य के परिक्रमा तल के लंबवत होने की बजाय उससे 23.5 डिग्री तक झुकी होती है. जीरो शैडो केवल +23.5 अंश से लेकर -23.5 अंश के बीच ही बनती है. यह वजह है कि यह पृथ्वी के अलग-अलग स्थानों से अलग-अलग समय पर दिखाई देती है. इसी वजह से हर दिन दोपहर में सूर्य हमारे सिर के ठीक ऊपर नहीं आ पाता है. लेकिन, कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के स्थान पर पृथ्वी पर साल में 2 बार ऐसा होता है. जब पृथ्वी पर सूरज की रोशनी एकदम लंबवत पड़ती है.
![Zero Shadow Day 2023](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18-08-2023/19294556_zero_shadow_day1.jpg)
ये भी पढ़ें: अगर आप एंड्रॉयड यूजर्स हैं तो सावधान! जासूसी कर रहा ये ऐप, निजी जानकारी हैकर्स को कर रहा शेयर
साल में 2 बार जीरे शैडो: कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के स्थानों पर साल में 2 बार जीरो शैडो डे आता है. बता दें कि जीरो शैडो की स्थिति हर जगह नहीं बनती है. जीरो शैडो डे ट्रॉपिक्स के बीच के स्थानों तक ही सीमित है. यह सिर्फ कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच में बनती है. 18 अगस्त 2023 को बेंगलुरु में जीरे शैडो का समय दोपहर 12:24 बजे है. इस खगोलीय घटना को 1 सितंबर 2023 को कन्याकुमारी, कुडनकुलम, कटचल, नागरकोइल आदि स्थानों पर जीरो शैडो की स्थिति उत्पन्न होगी.