पानीपत: आजकल के युवा बड़ा बिजनेस बड़ी नौकरी के पीछे दौड़ रहे हैं और आज हम आपको ऐसे युवा से मिलवाने जा रहे हैं जिसने अपने शौंक को ही अपना बिजनेस बना डाला. हम बात कर रहे हैं पानीपत के गांव बडौली के रहने वाले रविंद्र की. रविंद्र एक युवा किसान और पशुपालक है और उसने अपने पास बादल नाम का एक भैंसा पाला है. मुर्रा नस्ल का यह भैंसा आजकल आसपास के क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. इसी भैंसे से रविंद्र काफी कमाई भी कर रहे हैं. रविंद्र इसके सीमन को बेचकर साल भर में 15 लाख रुपए के करीब कमा लेता है. शौक में पाला गया यह भैंसा रविंद्र को अपने बच्चों के जैसा ही प्यारा है.
युवा पशुपालक रविंद्र बताते हैं कि उसने करीब 6 साल पहले घर में दूध के लिए पाली गई भैंस के इस मुर्रा नस्ल के कटड़े को जन्म दिया था. तभी से वह इस भैंसे को पाल रहे हैं. बढ़िया खुराक के साथ-साथ यह कटड़ा जब बड़ा हुआ तो आसपास के लोग इसे देखने आने लगे. इस पैसे की कीमत लगभग 15 करोड़ लग चुकी है पर रविंद्र इसे बेचने के लिए तैयार नहीं हैं. रविंद्र बताते हैं कि इस की खुराक पर रोजाना लगभग एक हजार रुपये का खर्चा आता है और हर महीने में 30 से 32 हजार रुपये तक इस की खुराक पर खर्च हो जाते हैं.
बादल की देखरेख के लिए रविंद्र ने दो नौकरों को भी रखा हुआ है. जो इसकी खुराक से लेकर मालिश तक का ख्याल रखते हैं. यह भैंसा गाजर और दूध का बहुत शौकीन है. जब रविंद्र को पता लगा कि यह शलजम भी बड़े चाव से खाता है तो रविंद्र ने 1 एकड़ में भैसे के खाने के लिए शलजम लगा दिए. जो बादल को रोजाना खाने के दिए जाते है. पशुपालक रविंद्र ने बताया कि इन दिनों में बादल के सीमन की डिमांड बहुत ज्यादा है. वह बादल से महीने में करीब 4 बार सीमन लेते हैं.
निकाले गए सीमन से लगभग महीने में दस हजार ट्यूब तैयार की जाती है और प्रति ट्यूब की कीमत वह 200 रुपये लेते हैं. ट्यूब खरीदने के लिए हरियाणा, यूपी, पंजाब और राजस्थान से पशुपालक उनके पास आते हैं. इन दिनों पशुपालक अपने पशुओं की नस्लों को सुधारने के लिए सीमन खरीदने के लिए आते हैं और आजकल पशुपालक मुर्रा नस्ल की भैंसे और कटड़े रखना पसंद करते हैं. बादल कई बार पशु मेले में बड़ी प्रतियोगिताएं भी जीत चुका है और वह हर बार होने वाली प्रतियोगिताओं में अपना स्थान कायम कर लेता है. लगभग 15 से ज्यादा प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर बादल ने अपना नाम कायम किया हुआ है.