ETV Bharat / state

अपंग पति का सहारा बनी पत्नी, बाइक पर बेचती हैं दूध, कमाती हैं एक लाख रुपये महीना

आमतौर पर देखा जाता है कि घर के बाहर से जुड़ा काम पुरुष करते हैं जबकि घर का काम महिलाएं करती हैं. हालांकि बीते दशकों में इसमें काफी बदलाव भी आया है. काम का क्षेत्र कोई भी हो अब हर फील्ड में महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चलती हुई दिखाई देती हैं. ऐसी ही एक कहानी है हरियाणा की रहने वाली जानो नाम की महिला की जिसने मुसीबत पड़ने पर दूध बेचने जैसे मुश्किल काम को चुन लिया.

Woman Sells Milk On Bike In Panipat
Woman Sells Milk On Bike In Panipat
author img

By

Published : Apr 23, 2022, 5:06 PM IST

Updated : Apr 25, 2022, 8:30 AM IST

पानीपत: मुसीबत से तू ज्यादा डर या खौफ न रख, तुझे जीत मिलेगी एक दिन बस हौंसला रख...। किसी शायर की लिखी हुई यह शायरी हरियाणा के पानीपत की रहने वाली जानों नाम की इस महिला पर पूरी तरह से सटीक बैठती है. दरअसल कुछ साल पहले जानो के पति एक हादसे का शिकार हो गए. इस हादसे मे वे पूरी तरह से अपंग हो गए. हालात ने जानो इस कदर लाचार कर दिया कि उन्हें लगने लगा कि अब तो सब कुछ खत्म हो गया, लेकिन वे इसको मानने के लिए तैयार नहीं थी. उनका मानना था कि अगर मैं ही टूट जाउंगी तो मेरे परिवार का क्या होगा. एक गृहणी होने के बावजूद महिला ने दूध बेचने जैसे मुश्किल काम को चुन लिया.

जानो दिखने में किसी साधारण महिला की तरह ही है पर उनकी कहानी असाधारण और लोगों को प्रेरित करने वाली है. मुस्लिम समुदाय की जानो रोजाना 90 लीटर दूध कंटेनरो में भरकर बाइक से पानीपत का रुख करती हैं. हर कोई सोचता है ये दूध बेचने का काम तो मर्दों का है. पर यहां तो चट्टान से भी ज्यादा मजबूत इरादों वाली एक महिला हर मुश्किल हालातों से जूझते हुए ये काम पूरी शिद्दत से करती हैं. पशुपालन के काम से जुड़ी जानो का दूध बेचने का यह व्यवसाय उनका खुद का है. पहले ये काम उनके पति करते थे.

अपंग पति का सहारा बनी पत्नी, मोटरसाइकिल पर बेचती हैं दूध, कमाती हैं एक लाख रुपये महीना

जानो ने बताया कि उसके पति कुछ समय पहले एक्सीडेंट में अपंग हो गए थे. उस दौरान उनका बेटा पांच साल का था. वो भी बीमार था. इसके बाद परिवार की सारी जिम्मेदारी उसके ऊपर आ गई. तब से उसने अपने पति के इस व्यवसाय को खुद ही संभालने की ठान ली. इसके बाद जीवन में आई हर मुश्किलों से लड़ते हुए वे आज अपने पूरे परिवार की जिम्मेवारी संभाल रही हैं.

महिला का कहना है कि उनके पास 60-70 भैंसे हैं. जिनसे वह रोजाना सौ लीटर दूध बेचकर एक से डेढ़ लाख रुपये कमा लेती हैं. इसके बाद वे सारे दिन अपने पशुओं के साथ नगला गांव के साढे 700 एकड़ पड़ी खाली पंचायती जमीन में अपनी भैंसों को चराती है. महिला से जब पूछा गया कि बीहड़ो में आपको कभी डर नही लगता तो महिला का जवाब था कि वह ऐसे जंगलों में कई सालों से ही अपने जानवरों को चरती आई है. ये उसका रोजाना का कार्य बन चुका है.

बता दें कि जहां मुस्लिम समुदाय में औरतों को बुर्के में रहने और परदे में रहने की हिदायत दी जाती है. ऐसे में यह महिला उन पर्दों में रहने वाली महिलाओं को आत्मनिर्भर का संदेश देती हैं. साथ ये उन महिलाओं को भी संदेश दे रही है जो घर में रहकर एक चारदीवारी में कैद होकर रह जाती हैं.

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP

पानीपत: मुसीबत से तू ज्यादा डर या खौफ न रख, तुझे जीत मिलेगी एक दिन बस हौंसला रख...। किसी शायर की लिखी हुई यह शायरी हरियाणा के पानीपत की रहने वाली जानों नाम की इस महिला पर पूरी तरह से सटीक बैठती है. दरअसल कुछ साल पहले जानो के पति एक हादसे का शिकार हो गए. इस हादसे मे वे पूरी तरह से अपंग हो गए. हालात ने जानो इस कदर लाचार कर दिया कि उन्हें लगने लगा कि अब तो सब कुछ खत्म हो गया, लेकिन वे इसको मानने के लिए तैयार नहीं थी. उनका मानना था कि अगर मैं ही टूट जाउंगी तो मेरे परिवार का क्या होगा. एक गृहणी होने के बावजूद महिला ने दूध बेचने जैसे मुश्किल काम को चुन लिया.

जानो दिखने में किसी साधारण महिला की तरह ही है पर उनकी कहानी असाधारण और लोगों को प्रेरित करने वाली है. मुस्लिम समुदाय की जानो रोजाना 90 लीटर दूध कंटेनरो में भरकर बाइक से पानीपत का रुख करती हैं. हर कोई सोचता है ये दूध बेचने का काम तो मर्दों का है. पर यहां तो चट्टान से भी ज्यादा मजबूत इरादों वाली एक महिला हर मुश्किल हालातों से जूझते हुए ये काम पूरी शिद्दत से करती हैं. पशुपालन के काम से जुड़ी जानो का दूध बेचने का यह व्यवसाय उनका खुद का है. पहले ये काम उनके पति करते थे.

अपंग पति का सहारा बनी पत्नी, मोटरसाइकिल पर बेचती हैं दूध, कमाती हैं एक लाख रुपये महीना

जानो ने बताया कि उसके पति कुछ समय पहले एक्सीडेंट में अपंग हो गए थे. उस दौरान उनका बेटा पांच साल का था. वो भी बीमार था. इसके बाद परिवार की सारी जिम्मेदारी उसके ऊपर आ गई. तब से उसने अपने पति के इस व्यवसाय को खुद ही संभालने की ठान ली. इसके बाद जीवन में आई हर मुश्किलों से लड़ते हुए वे आज अपने पूरे परिवार की जिम्मेवारी संभाल रही हैं.

महिला का कहना है कि उनके पास 60-70 भैंसे हैं. जिनसे वह रोजाना सौ लीटर दूध बेचकर एक से डेढ़ लाख रुपये कमा लेती हैं. इसके बाद वे सारे दिन अपने पशुओं के साथ नगला गांव के साढे 700 एकड़ पड़ी खाली पंचायती जमीन में अपनी भैंसों को चराती है. महिला से जब पूछा गया कि बीहड़ो में आपको कभी डर नही लगता तो महिला का जवाब था कि वह ऐसे जंगलों में कई सालों से ही अपने जानवरों को चरती आई है. ये उसका रोजाना का कार्य बन चुका है.

बता दें कि जहां मुस्लिम समुदाय में औरतों को बुर्के में रहने और परदे में रहने की हिदायत दी जाती है. ऐसे में यह महिला उन पर्दों में रहने वाली महिलाओं को आत्मनिर्भर का संदेश देती हैं. साथ ये उन महिलाओं को भी संदेश दे रही है जो घर में रहकर एक चारदीवारी में कैद होकर रह जाती हैं.

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP

Last Updated : Apr 25, 2022, 8:30 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.