पानीपत: आज के दौर में वाहन आम जन की बड़ी जरूरत है. लेकिन क्या आपको पता है कि नई कार, बाइक के रजिस्ट्रेशन करवाने के नए नियम से लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ बढ़ रहा है. बता दें कि साल 2018 में वाहन रजिस्ट्रेशन नियम में बदलाव किया गया था. जिससे लोगों को ₹500 का अधिक शुल्क देना पड़ रहा है. दरअसल 2018 से पहले नए वाहन लेने पर खुद ही एसडीएम कार्यालय, आरटीओ कार्यालय में टैक्स के कागजात तैयार करवा कर वाहन का रजिस्ट्रेशन कराया जाता था.
हरियाणा में साल 2018 के बाद नियम बनाया गया कि वाहन जिस एजेंसी से लिया जाएगा. उसी एजेंसी से कागजात तैयार होकर रजिस्ट्रेशन होगा. वाहन रजिस्ट्रेशन नियम में बदलाव होने के बाद वाहन एजेंसी के मालिक रजिस्ट्रेशन करवाने के नाम पर लोगों से 500 से 1000 रुपए अधिक चार्ज कर रहे हैं. इस बदले गए नियम से आम लोगों की जेब पर बोझ बढ़ रहा है. अगर आप नई कार या बाइक किसी एजेंसी से फाइनेंस पर खरीदते हैं, तो आपके रजिस्ट्रेशन की फीस भी आपके लोन में जोड़ दी जाती है और इस पैसे का भी ब्याज आपको भरना पड़ता है.
जब इस बारे में आरसी क्लर्क ललित कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि साल 2018 में नियमों में बदलाव किया गया और अब हर कार और बाइक का एजेंसी पर ही रजिस्ट्रेशन टैक्स भरवा कर कागजात पूरा कर एसडीएम कार्यालय में या आरटीओ कार्यालय में भेजा जाता है. जहां से आरसी बनने के बाद वापस एजेंसी में भेज दी जाती है. जहां कस्टमर अपनी आरसी एजेंसी से ही ले लेता है. अगर आप स्वयं आरसी बनवाना चाहे तो एजेंसी से टैक्स के कागजात तैयार करवाने के बाद बिना अतिरिक्त शुल्क दिए आप सभी एसडीएम कार्यालय से अपनी रजिस्ट्रेशन को अप्लाई कर सकते हैं.
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परंतु आम जनता को ये नहीं पता होता कि आप से आरसी बनवाने के नाम पर 500 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक का अतिरिक्त शुल्क लिया गया है. चौकी एजेंसी पर काम करने वाले सेल्समैन आपको रजिस्ट्रेशन फीस में 500 रुपए अधिक बताते हैं. अब आप जब भी नए वाहन को खरीदने जाए तो एक बात का ध्यान रखें कि आप अपने वाहन का टैक्स एजेंसी पर ही भुगतान करें और अपनी फाइल लेकर एसडीएम कार्यालय या आरटीओ कार्यालय से ही अपना रजिस्ट्रेशन करवाएं, क्योंकि सीधे तौर पर एजेंसी मालिक आप से ₹500 अधिक चार्ज कर रहे हैं.