पानीपत: पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी के कारण असर मैदानी इलाकों पर भी (haryana cold winter) पड़ रहा है. इन दिनों जहां किसानों के लिए लगातार बढ़ रही ठंड गेहूं की फसल के लिए अच्छी साबित जो रही है. वहीं बागवानी करने वाले और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. इन दिनों न्यूनतम तापमान हरियाणा के कई जिलों में 1 डिग्री तक पहुंच गया है. जिसके चलते कई सब्जियों की फसलें पाले के कारण खराब (vegetables Damage due to cold in haryana) हो रही है.
पालों में सबसे ज्यादा नुकसान मटर, धनिया के साथ-साथ हरी मिर्च और बैंगन की फसलों (vegetables Damage due to cold) को हो रहा है. ठंड के कारण सब्जियों के पौधे काले पड़ जाते हैं हालांकि पोली हाउस जैसे उपाय उसे किसान ठंड के कारण अपनी फसलों को खराब होने से बचा भी सकते हैं. अगर टमाटर की फसल की बात की जाए तो तीन से चार न्यूनतम तापमान पर टमाटर की फसल (vegetables Damage due to cold in haryana) खराब होने लगती है, लेकिन इन दिनों हरियाणा में न्यूनतम तापमान 1 तक पहुंच गया है.
सब्जी उगाने वाले किसानों का कहना है कि इन दिनों गेहूं की फसल तो इस पाले में अच्छी होगी लेकिन सब्जी की फसलें इस बार बिल्कुल ही खराब हो रही है. साथ ही जो सब्जियां सही है उन सब्जियों का मार्केट में रेट नहीं मिल रहा. किसानों पर ऐसी मार पड़ी है कि अब उन्हें अपने मवेशियों को चारे के रूप में सब्जियां खिलानी पड़ रही है.
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कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर दीपक मान का मानना है कि पाले से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए पोली प्लांट बनाकर ही सब्जी की खेती की जाए तो बेहतर है. ऐसे में पॉलीहाउस का तापमान बाहर के तापमान से थोड़ा ज्यादा रहता हैं. जिस कारण पाले का असर सब्जियों के पौधे पर कम असर करता है. पॉलीहाउस या कवर प्लांट लगाने से पौधा भी अधिक बढ़ता है और पैदावार भी अधिक होती है.
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