पानीपत: जिले में जीएसटी के बड़े-बड़े घोटाले सामने आए हैं. इन घोटालों में सी फार्म का मामला उजागर हुआ है. बताया जा रहा है कि गोविंद शर्मा नाम के एक व्यापारी ने पारस इंटरप्राइजेज के नाम से फर्जी फर्म बनाई और उसमें करोड़ों रुपए का लेन-देन कर चुका है. पारस इंटरप्राइजेज ने फर्जी तरीके से फॉर्म रजिस्टर्ड कराई थी. ईटीओ देविक शर्मा, टैक्स इंस्पेक्टर इंद्रावती का शामिल होना स्पष्ट पाया गया है.
'गहन जांच में कई बड़े नेता-अधिकारी फंसेंगे'
जीएसटी और वैट संबंधित कई मामलों को उजागर करने वाले अजय सिंगला का कहना है कि सरकार ने एक अच्छा काम किया हैं, लेकिन अभी इसमें 740 करोड़ और घोटाला है, जिसमें हरियाणा सरकार के उच्च अधिकारी के रिश्तेदार भी शामिल हैं. अभी जांच हो रही है. वो भी जांच पूरी कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें.
दर्ज हुआ मुकदमा
विभाग ने पारस इंटरप्राइजेज जिला पानीपत के थाना चांदनी बाग में मुकदमा दर्ज करा दिया है. देविक शर्मा ईटीओ, इंस्पेक्टर इंद्रावती की विभागीय जांच चल रही है. जांच में सामने आया कि ईटीओ देवीक शर्मा के पकड़े जाने के डर से फार्म रद्द किए.
आबकारी कराधान आयुक्त राजा राम नैन ने मामले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि फार्म घोटाले की जांच की गई थी. जांच के आधार पर अधिकारियों को दोषी पाया गया. उच्चाधिकारियों में मुख्यमंत्री के आदेश पर ईटीओ देवी शर्मा, इंस्पेक्टर इंद्रावती और व्यापारी गोविंद शर्मा के खिलाफ चांदनी बाग थाने में मुकदमा दर्ज करवा दिया है.
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