पानीपत: कई समय से लगातार हो रही बारिश के चलते हथनी कुंड बैराज से यमुना नदी में पानी छोड़ा जा रहा है. यही कारण है कि नदी के अंदर खड़ी हजारों एकड़ तरबुज, खरबुजें और सब्जियों की फसले डूब गई है. यमुना के अंदर बोई गई 20 हजार एकड़ फसलों में से 10 हजार एकड़ में बोई गई सब्जियां और तरबुज फसल बर्बाद हो गई है.
हजारों एकड़ फसल के पानी में डूबने से जिले के हजारों किसानों का करोड़ों रुपए का नुकसान का अंदाजा लगाया जा रहा है. यमुना के अंदर बाढ़ के नुकसान पर कोई मुआवजा भी नहीं दिया जाता है.
शनिवार देर रात यमुना का जल स्तर बढ़ना शुरू हुआ, जो रविवार दोपहर बाद ढेड़ लाख क्यूसेक चेतावनी लेवल से 230.00 के नजदीक 229.70 के पास पहुंच गया. इससे यमुना नदी के अंदर खड़ी करीब 20 हजार एकड़ में से 10 हजार एकड़ फसल डूब चुकी है.
ये भी पढ़ें- बारिश से बर्बाद फसलों के मुआवजे को लेकर सिरसा लघु सचिवालय पर किसानों ने दिया धरना
उल्लेखनीय है कि पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश व हथनीकुंड बैराज से लगभग एक लाख 45 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. लगातार यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर को लेकर किसानों की यमुना नदी के अंदर खड़ी घीया, पेठा, मिर्च, ज्वार के अलावा तरबुज, खरबुजे की फसलें पानी में जलमग्र हो गई है.
किसानों का कहना है कि यमुना नदी में फिलहाल पानी उफान पर चल रहा है. अचानक जलस्तर बढ़ने से नदी के अंदर लगे इंजन बड़ी मुश्किल से निकाल कर बाहर लाएं है और उनकी फसलों में पानी भर गया है. अगर लगातार जलस्तर बढ़ता रहा तो पानी के बहाव में फसलें बर्बाद हो सकती हैं.