पानीपत: दसवीं क्लास की छात्रा तनुजा ने ताइक्वांडो चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल कर इतिहास रचा है. तनुजा पर सेल्फ डिफेंस का डेमो देखकर किक और पंच मारने का जुनून चढ़ा. दसवीं की परीक्षा खत्म होते ही तनुजा ने ताइक्वांडो अकैडमी में एडमिशन लिया.
4 साल का कड़ा संघर्ष करने के बाद तनुजा ने इंटरनेशनल प्रतियोगिता में गोल्ड, सिल्वर और नेशनल प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीते हैं. तनुज अब लेबनान में होने वाली इंटरनेशनल प्रतियोगिता के लिए होने वाले ट्रायल के लिए पसीना बहा रही हैं.
इन प्रतियोगिताओं में तनुजा ने जीते हैं मेडल
- साल 2019 में हीरो इंटरनेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल
- साल 2018 में प्रथम इंपेडेंस कप ताइक्वांडो चैंपियनशिप शिमला में गोल्ड मेडल
- साल 2018 में ही प्रथम नेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल
- साल 2017 में वर्ल्ड गेम्स नेपाल में आयोजित प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल
- साल 2017 में पांचवी इंटरनेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप उत्तराखंड में गोल्ड मेडल
- साल 2017 में इंटरनेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप जयपुर में सिल्वर मेडल
- साल 2016 में नेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप में कांस्य पदक़
- साल 2016 में नेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप उत्तराखंड में सिल्वर मेडल
तनुजा ने सबसे पहले साल 2016 में फरीदाबाद में आयोजित पांचवीं ओपन नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर गोल्ड मेडल जीता था. तनुजा ने बताया कि 2020 की शुरूआत में लिवलान में होने वाली इंटरनेशनल प्रतियोगिता के लिए उनका चयन हुआ. उसके बाद लॉकडाउन लग गया था. इसके बाद भी तनुजा ने हिम्मत नहीं हारी. तनुजा ने इंटरनेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता.
पिता की इनकम कम होने के कारण विदेश में होने वाली प्रतियोगिता का खर्च उनके मामा और चाचा ने उठाया. तनुजा भी पार्क में लड़कियों को कोचिंग देकर कुछ पैसे कमा लेती हैं. बता दें की तनुजा के पिता निजी अस्पताल में इलेक्ट्रिशियन का काम करते हैं. आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से तनुजा को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. इसके बाद भी तनुजा देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी भारत का नाम रोशन कर रही हैं.