पानीपत: जिले से सटे ग्रामीण क्षेत्रों से गुजरती यमुना नदी का जलस्तर इन दिनों कम होने के चलते चोर, नशा तस्कर और पशु तस्करों की चांदी हो रही है. नदी में पानी कम होने की वजह से कच्चे रास्ते से लगते घाटों पर तस्करी बढ़ गई है. नदी किनारे खेती करने वाले किसानों का कहना है कि उन्हें हर समय डर लगा रहता है कि कही उनकी फसल चोरी न हो जाए, खेत में लगी मोटर, ट्यूबवेल और अन्य सामान चुराकर ना ले जाए.
पुलिस पर बदमाशों से रिश्वत लेने के आरोप
किसानों का कहना है की यहां रोजाना हरियाणा से यूपी और यूपी से हरियाणा में खुलेआम नशे की खेप, चोरी की मोटरसाइकल और पशुओं को इधर से उधर किया जा रहा है. बदमाशों की डर की वजह से किसान चाहकर भी रात को अपने खेतों में पहरेदारी नहीं कर सकते. वहीं कुछ लोगों द्वारा पुलिस पर ये आरोप लगाए जा रहे है कि अगर पुलिस नदी किनारे किसी चोर या नशा तस्कर को पकड़ भी ले तो कुछ देर बाद रुपये लेकर उन्हें छोड़ दिया जाता है. ये लोग हरियाणा सहित अन्य राज्यों में भी नशा सप्लाई करते है, जिसमें स्मैक, काली अफीम और भी कई नशीले पदार्थ शामिल हैं. हरियाणा सहित उत्तरप्रदेश के कैराना, शामली कांधला से लेकर मध्यप्रदेश तक इनके तार जुड़े हुए हैं.
यमुना नदी के जरिए इधर से उधर हो रहा है चोरी का सामान
यमुना नदी के साथ पानीपत के 15 गांव हैं, जोकि हरियाणा और उत्तर प्रदेश से सटे हुए. अब नदी का जलस्तर कम हो गया है तो घाट के पास बैठे नाविक 40-50 रुपये लेकर इन्हें नदी पार करवा देते है. अब चाहे उस दौरान कोई बदमाश या तस्कर प्रदेश की सीमा में क्यों ना दाखिल हो जाए. ईटीवी भारत के कैमरों में कैद तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि नाव के जरिए उत्तर प्रदेश से बिना नंबर प्लेट की बाइक हिरयाणा में दाखिल हुई और इनसे पूछताछ करने वाला कोई नहीं है. यो मोटरसाइकिल चोरी की है या किसी वारदात करने के लिए इस्तमाल की गई हैं, इस बारे में अंदाजा लगाना मुश्किल है और ऐसे ही रोजाना सैकड़ों वाहन गुजरते हैं.
सड़क पर पुलिस तैनात और यमुना में तस्करों का कब्जा
पुलिस द्वारा हरियाणा और उत्तर प्रदेश बॉर्डर सनौली नाके पर सख्ती जरूर कि गई है, लेकिन पुलिस को शायद अंदाजा नहीं है कि आप सड़क पर बेशक कितनी भी सख्ती कर लिजिए लेकिन बदमाश वहां यमुना नदी के जरिए आराम से अवैध कारोबार को जोरों पर चला रहें हैं. वहीं इस बारे में पानीपत डीएसपी सतीश वत्स का कहना है कि ये मामला ईटीवी भारत के माध्यम से उनके संज्ञान में आया है, वहां पर गश्त बढ़ाई जाएगी और पुलिस इन घाटों पर लगातार निगरानी रखेगी.
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पानीपत के डीएसपी साहब का कहना है कि वहां पुलिस गश्त लगाती रहती है तो दूसरी तरफ स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस आती तो जरूर है लेकिन महज औपचारिकता करके चली जाती है. अब देखना ये होगा की आने वाले समय में यमुना किनारे पुलिस द्वारा कितनी सख्ती की जाती है और स्थानीय लोग पुलिस की कार्यशैली से कितने संतुष्ट होंगे.