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अगर आप एंड्रॉयड यूजर्स हैं तो सावधान! जासूसी कर रहा ये ऐप, निजी जानकारी हैकर्स को कर रहा शेयर - हैकिंग ग्रुप बहामुट

डिजिटल होते इस देश में साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. हैकर्स कोई ना कोई नई तरकीब लगाकर लोगों को चूना लगा रहे हैं. अब एक ऐप के जरिए हैकर्स आप पर नजर रखे हुए हैं. अगर आपके फोन में भी ये ऐप है. तो इसे तुरंत अनइंस्टॉल कर दें.

cyber crime in haryana
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Published : Aug 17, 2023, 1:15 PM IST

पानीपत: अगर आप एंड्रॉयड यूजर्स हैं, तो आपकी प्राइवेसी शायद खतरे में है. हाल ही में एक ऐसा मैलवेयर ऐप सामने आया है, जो एंड्रॉयड यूजर्स के प्राइवेट मैसेजिंग ऐप जैसे फेसबुक, टेलीग्राम और व्हाट्सएप को ट्रैक कर सकता है. ये मैलवेयर आपके द्वारा किए गए सभी मैसेज पढ़ सकता है. साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे को देखते हुए गूगल ने भी इस ऐप को प्ले स्टोर से हटा दिया है. क्योंकि ये ऐप आपकी जासूसी करता है.

ये भी पढ़ें- Chandigarh Crime News: वर्क फ्रॉम होम का झांसा देकर लोगों से करीब 3.97 करोड़ ठगे, 9 आरोपी गिरफ्तार

अगर आप भी इस ऐप का इस्तेमाल करते हैं, तो अपने फोन से तुरंत इसे अनइंस्टॉल कर दें. Cyfirma नाम की साइबर कंपनी ने जांच रिपोर्ट में बताया है कि Safechat का इस्तेमाल करने वाले एंड्रॉयड यूजर्स के लिए ये ऐप सुरक्षित नहीं है. भले ही इसका नाम सेफ चैट हो, पर ये यूजर्स के लिए सेफ नहीं है. ये ऐप यूजर्स की जासूसी करता है और उसके प्राइवेट मैसेज को रीड करता है. जिससे हैकर्स आपको ब्लैकमेल कर सकते हैं.

हकिंग ग्रुप बहामुट का हाथ? कंपनियों का मानना है कि इस ऐप के पीछे भारत के हैकिंग ग्रुप बहामुट का हाथ है. जिस फोन में सेफ चैट इंस्टॉल है. हैकर्स उस यूजर्स की सोशल मीडिया एक्टिविटी पर नजर रखते हैं. इसके अलावा उनके फोन के टेक्स्ट मैसेज और जीपीएस लोकेशन को भी रीड करते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में इसी भारतीय हैकर ग्रुप ने लोगों की ट्रैकिंग और जासूसी के लिए डमी वीपीएन ऐप्स डिजाइन किए थे.

Cyfirma साइबर फर्म की रिपोर्ट के अनुसार यदि Bahamut ग्रुप का स्पाइवेयर इनेबल है. तो किसी भी डिवाइस को रीमोटली कंट्रोल किया जा सकता है. इस ग्रुप के स्पाइवेयर की मदद से यूजर्स के फोन की एक-एक जानकारी हासिल की जा सकती है. Safechat जैसी मेलवेयर ऐप के जरिए हैकर्स यूजर्स के इंटरनेट कनेक्शन, सिम कार्ड, सीरियल नंबर, आईपी एड्रेस आदि की जानकारी भी हासिल कर सकते हैं.

सॉफ्टवेयर इंजीनियर तनुज रोहिल्ला ने बताया कि मैलवेयर खुद ही किसी ऐप के अंदर इंस्टॉल हो जाते हैं. जो की एंड्रॉयड यूजर और कंप्यूटर के लिए सेफ नहीं होता. जैसे ही ये मैलवेयर आपके कंप्यूटर और फोन में इंस्टॉल होता है, तो ये तुरंत आपका डाटा हैकर्स तक पहुंचने लगता है. इस डेटा का इस्तेमाल हैकर्स सिर्फ पैसा कमाने के लिए करता है.

ये भी पढ़ें- Panipat News: सवारियों को ई-रिक्शा में बैठाने के बाद चोरी की वारदात को अंजाम देने वाला शातिर गिरफ्तार, सोने के गहने बरामद

साइबर एक्सपर्ट संदीप तोमर ने बताया कि जब भी आपके फोन का डाटा हैकर्स द्वारा ऐप के जरिए चोरी किया जाता है, तो आपका फोन खुद ब खुद ही कुछ वेबसाइट ओपन करने लग जाता है, तो समझ जाइए कि आपका फोन सेफ नहीं है. तुरंत ही उन ऐप को अनइंस्टॉल कर दें, जो मल्टी चैट का काम करती हैं.

पानीपत: अगर आप एंड्रॉयड यूजर्स हैं, तो आपकी प्राइवेसी शायद खतरे में है. हाल ही में एक ऐसा मैलवेयर ऐप सामने आया है, जो एंड्रॉयड यूजर्स के प्राइवेट मैसेजिंग ऐप जैसे फेसबुक, टेलीग्राम और व्हाट्सएप को ट्रैक कर सकता है. ये मैलवेयर आपके द्वारा किए गए सभी मैसेज पढ़ सकता है. साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे को देखते हुए गूगल ने भी इस ऐप को प्ले स्टोर से हटा दिया है. क्योंकि ये ऐप आपकी जासूसी करता है.

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अगर आप भी इस ऐप का इस्तेमाल करते हैं, तो अपने फोन से तुरंत इसे अनइंस्टॉल कर दें. Cyfirma नाम की साइबर कंपनी ने जांच रिपोर्ट में बताया है कि Safechat का इस्तेमाल करने वाले एंड्रॉयड यूजर्स के लिए ये ऐप सुरक्षित नहीं है. भले ही इसका नाम सेफ चैट हो, पर ये यूजर्स के लिए सेफ नहीं है. ये ऐप यूजर्स की जासूसी करता है और उसके प्राइवेट मैसेज को रीड करता है. जिससे हैकर्स आपको ब्लैकमेल कर सकते हैं.

हकिंग ग्रुप बहामुट का हाथ? कंपनियों का मानना है कि इस ऐप के पीछे भारत के हैकिंग ग्रुप बहामुट का हाथ है. जिस फोन में सेफ चैट इंस्टॉल है. हैकर्स उस यूजर्स की सोशल मीडिया एक्टिविटी पर नजर रखते हैं. इसके अलावा उनके फोन के टेक्स्ट मैसेज और जीपीएस लोकेशन को भी रीड करते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में इसी भारतीय हैकर ग्रुप ने लोगों की ट्रैकिंग और जासूसी के लिए डमी वीपीएन ऐप्स डिजाइन किए थे.

Cyfirma साइबर फर्म की रिपोर्ट के अनुसार यदि Bahamut ग्रुप का स्पाइवेयर इनेबल है. तो किसी भी डिवाइस को रीमोटली कंट्रोल किया जा सकता है. इस ग्रुप के स्पाइवेयर की मदद से यूजर्स के फोन की एक-एक जानकारी हासिल की जा सकती है. Safechat जैसी मेलवेयर ऐप के जरिए हैकर्स यूजर्स के इंटरनेट कनेक्शन, सिम कार्ड, सीरियल नंबर, आईपी एड्रेस आदि की जानकारी भी हासिल कर सकते हैं.

सॉफ्टवेयर इंजीनियर तनुज रोहिल्ला ने बताया कि मैलवेयर खुद ही किसी ऐप के अंदर इंस्टॉल हो जाते हैं. जो की एंड्रॉयड यूजर और कंप्यूटर के लिए सेफ नहीं होता. जैसे ही ये मैलवेयर आपके कंप्यूटर और फोन में इंस्टॉल होता है, तो ये तुरंत आपका डाटा हैकर्स तक पहुंचने लगता है. इस डेटा का इस्तेमाल हैकर्स सिर्फ पैसा कमाने के लिए करता है.

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साइबर एक्सपर्ट संदीप तोमर ने बताया कि जब भी आपके फोन का डाटा हैकर्स द्वारा ऐप के जरिए चोरी किया जाता है, तो आपका फोन खुद ब खुद ही कुछ वेबसाइट ओपन करने लग जाता है, तो समझ जाइए कि आपका फोन सेफ नहीं है. तुरंत ही उन ऐप को अनइंस्टॉल कर दें, जो मल्टी चैट का काम करती हैं.

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