पानीपत: भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर और स्टार बल्लेबाज ऋषभ पंत का 30 दिसंबर 2022 की सुबह रुड़की में एक्सीडेंट हो गया था. जिसमें ऋषभ पंत गंभीर रूप से घायल हो गए थे. फिलहाल उनका इलाज मुंबई में चल रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अगले दो हफ्तों में उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है. इस बीच हर कोई ऋषभ पंत के जल्द स्वस्थ्य होने की कामना कर रहा है. इस बीच ऋषभ पंत का ट्वीट चर्चा का विषय बन गया है. सर्जरी के बाद 16 जनवरी की रात करीब 8:16 बजे ऋषभ पंत ने एक ट्वीट किया.
जिसमें उन्होंने उन दो युवकों का धन्यवाद किया, जिन्होंने उन्हें हादसे के बाद एंबुलेंस से अस्पताल तक पहुंचाया था. इस बीच कमेंट में लोगों ने ऋषभ पंत को हरियाणा रोडवेज के उन ड्राइवर और कंडक्टर को याद दिलाया, जिन्होंने उनको कार से निकालकर अलग किया और मौके पर एंबुलेंस को बुलाया. कमेंट में लगातार यूजर्स कह रहे हैं कि आप हरियाणा रोडवेज के उन ड्राइवर और कंडक्टर को भूल गए जिन्होंने आपको कंबल ओढ़ाया और पानी पिलाया था. ऋषभ पंत ने हादसे के बाद सोशल मीडिया पर अपनी पहली पोस्ट शेयर की. घुटने की सफल सर्जरी के बाद उन्होंने इस पोस्ट के जरिए फैंस को धन्यवाद कहा.
ट्वीट में उन्होंने लिखा कि आप सभी के सपोर्ट के लिए धन्यवाद. मुझे आपको बताते हुए खुशी हो रही है कि मेरी सर्जरी सफल रही. मैं जल्द ही रिकवर होने की ओर ध्यान दे रहा हूं. मैं रिकवरी चैंलेज के लिए तैयार हूं. मुश्किल दौर में सपोर्ट करने के लिए BCCI, जय शाह और भारत सरकार का धन्यवाद. इसके बाद उन्होंने लिखा कि मैं रजत और निशु (ऋषभ पंत को अस्पताल लाने वाले) का आभारी रहूंगा. पंत ने लिखा- 'हो सकता है कि मैं पर्सनली सभी का शुक्रिया अदा नहीं कर पाऊं, लेकिन मुझे इन 2 हीरो को धन्यवाद कहना होगा. जिन्होंने हादसे के बाद मेरी मदद की और मुझे सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया. रजत कुमार और निशु कुमार, धन्यवाद. मैं हमेशा आपका आभारी और ऋणी रहूंगा.
जिसके बाद लोगों ने कॉमेंट में लिखा कि आपको हरियाणा रोडवेज बस ड्राइवर और कंडक्टर का सबसे पहले धन्यवाद करना चाहिए. उन्होंने आपकी जिंदगी बचाई है. जिनका आप धन्यवाद कर रहे हैं, ये दोनों बाद में आए थे. आपकों ट्वीट में ड्राइवर और कंडक्टर को मेंशन करना चाहिए. एक अन्य यूजर ने लिखा कि इन दोनों बच्चों का धन्यवाद, लेकिन हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों को आप भूल गए. उन्होंने आपको गाड़ी से बाहर निकाला था. जब आप बेहोश थे और गाड़ी में ही जल सकते थे. उनकी गलती यही है कि वो आपको पहचानते नहीं थे और बस की सवारियों की जिम्मेदारी भी उन पर थी. इसलिए वो एंबुलेंस में साथ नहीं आ पाए.