पानीपत: हरियाणा में पानीपत का सबसे बड़ा गांव सिवाह है. जो जिले में सबसे ज्यादा गैंगवॉर और बदमाशी के लिए मशहूर है. इसी गांव का एक गैंगस्टर की कहानी के बारे में आज हम आपको बता रहे हैं. राकेश उर्फ पम्पु 22 साल की उम्र में इस गैंगवॉर की दलदल में घुसा था और अब धीरे-धीरे क्राइम का पर्याय बन चुका है. पहले छोटे-छोटे क्राइम करने के बाद हत्या, लूट, डकैती जैसी संगीन वारदातों को अंजाम देने लगा. राकेश के पिता एक सरकारी कर्मचारी थे. उनके देहांत के बाद माता को उनकी जगह नौकरी मिल गई.
22 साल की उम्र में राकेश का नाम पहले छोटी मोटी वारदात में शामिल होने लगा. फिर जेल में जाने के बाद वह एक ऐसा क्रिमिनल बनकर उभरा जिसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 7 नवंबर 2015 को सरपंच खुशदिल कादियान के ताऊ के बेटे सतेंद्र और चाचा दलेल की खेत में सोते समय मुंह में गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में अमरजीत गैंग के बदमाशों और राकेश का नाम आया था. जिसके बाद राकेश सुर्खियों में आया. उसके बाद राकेश के निशाने पर उसी के गांव का सरपंच खुशदिल भी है.
जिसको मारने के लिए की गई 6 लोगो की गैंग को सोनीपत पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया था. फिलहाल खुशदिल को पुलिस द्वारा सुरक्षा दी गई है. 17 मार्च 2016 को कबड्डी के नेशनल प्लेयर की हत्या के मामले में पानीपत के राकेश उर्फ पप्पु, जींद के खटकड़ निवासी अनिल उर्फ धौला, सोनीपत के गांव मुडलाना निवासी अनिल उर्फ लीला, रोहतक के इस्माइला निवासी अंकित खत्री व सांपला निवासी परमिंद्र उर्फ भोला शामिल थे. फिर राकेश अमरजीत के साथ मिलकर उसकी गैंग में काम करने लगा अमरजीत की गैंग में शामिल होने के बाद मानो चिंगारी को तेल मिल गया हो.
राकेश ने अमरजीत के शूटरों के साथ मिलकर उसने कुक्की गैंगस्टर के भाई की हत्या कर दी थी. इसके बाद कुक्की के शूटर भठगांव के संजीत ने साथियों के साथ मिलकर 6 जून 2017 को पानीपत में लालबत्ती के पास अमरजीत के चाचा सतबीर पहलवान की गोली मारकर हत्या कर दी थी. दोनों ही गैंग के आठ लोगों की अभी तक हत्या हो चुकी है. राकेश का नाम 12 जुलाई 2017 को तहसील कैंप के फतेहपुरी चौक पर स्कार्पियो सवार राकेश श्योकंद हत्याकांड में भी सामने आया था.
धीरे-धीरे राकेश अन्य जिलों में भी अपने पैर पसारने लगा करनाल, सोनीपत, रोहतक व दूसरे राज्य राजस्थान में भी लूट और हत्या जैसी वारदात को अंजाम देने लगा. धीरे-धीरे राकेश की गैंग में कम उमर के गुर्गे शामिल होने लगे और राकेश की गैंग बढ़ती चली गई. साल 2017 में गिरफ्तार होने के बाद पानीपत से गुजरात कोर्ट में पेश करने के लिए जा रही थी. तो दूसरे गैंग ने पुलिस की गाड़ी पर हमला कर दिया था. जिसमे राकेश की छाती में एक गोली भी लगी थी. पुलिस की बंदूक से जब गोली नहीं चली तो राकेश ने कहा तुम मेरे हाथ खोल दो और मुझे बंदूक देदो.
पंपु पर हत्या लूट जानलेवा हमला अपहरण जबरन वसूली व रंगदारी मांगने सहित कई जगह 16 मामले दर्ज है. सन 2020 में जमानत पर आने के बाद राकेश भगोड़ा साबित हो गया. वो फिर से क्राइम को अंजाम देने लगा, दिसंबर 2022 में पानीपत के 1 कार सेल परचेज व्यापारी से राकेश उर्फ पंप्पु ने विदेशी नंबर से 10 लाख रुपए की रंगदारी की मांग की. पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद राकेश को 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया. कुख्यात पंपु की सूचना देने के लिए पानीपत पुलिस द्वारा सीआईए वन प्रभारी इंस्पेक्टर राजपाल 7056000111, सीआईए टू प्रभारी इंस्पेक्टर वीरेंद्र 7056000112, सीआईए थ्री प्रभारी इंस्पेक्टर अंकित 7056000402, थाना किला प्रभारी इंस्पेक्टर जाकिर हुसैन 7056000136, एंटी व्हीकल थेप्ट इंचार्ज सब इंस्पेक्टर संदीप 7419600124 के नंबर जारी किए हैं.
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