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ना जाने इन्हें कब मिलेगी 'मौत' से मुक्ति? चप्पल घिस गए अधिकारियों के चक्कर काट कर - khukhrana village shift

यहां पानी इतना गंदा है कि उसके आगे आरओ भी फेल हो गए हैं. पूरे गांव में हर वक्त थर्मल पावर पावर प्लांट से उड़ने वाली राखी और सीमेंट फैक्ट्री से निकलने वाली महीन धूल उड़ती रहती है. जो इन गांव वालों के सांस और भोजन के जरीए शरीर में पहुंच रही है. इस गांव में रहना इन लोगों के लिए मौत से बद्तर हो चुका है. ये चाहते हैं तो बस किसी तरह इस 'मौत' से मुक्ति मिल जाए.

ना जाने इन्हे कब मिलेगी 'मौत' से मुक्ति?
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Published : Nov 15, 2019, 9:42 PM IST

पानीपत: करीब एक दशक से पानीपत के खुखराना गांव के लोग मौत के साए में जी रहे हैं. ये कहने में कोई हिचक नहीं कि इन ग्रामीणों को ये 'मौत' पिछले एक दशक में मौजूद सरकारों और प्रशासन की तरफ से बांटी गई है. दरअसल ये गांव पानीपत के थर्मल पावर और सीमेंट प्लांट क्षेत्र के पास है. पूरे गांव में हर वक्त थर्मल पावर पावर प्लांट से उड़ने वाली राखी और सीमेंट फैक्ट्री से निकलने वाली महीन धूल उड़ती रहती है. जो इन गांव वालों के सांस और भोजन के जरीए शरीर में पहुंच रही है.

हालांकि लंबी लड़ाई और बड़ी जद्दोजहद के बाद प्रशासन और सरकार ने इस गांव को शिफ्ट करने का फैसला भी ले लिया था. इस गांव को सौंधापुर में शिफ्ट करने की तैयारी भी कर ली. बकायदा तत्कालीन परिवहन और जेल मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने स्थानीय प्रशासन के साथ गांव में हवन किया और आधारशिला रखी. उस समय कृष्ण लाल पंवार ने गांव वालों को भरोसा भी दिलाया थी कि ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं के लिए 9 करोड़ रुपये भी दिए जाएंगे.

रिपोर्ट: ना जाने इन्हें कब मिलेगी 'मौत' से मुक्ति? देखिए वीडियो

गांव शिफ्ट करने के लिए फाइलें चलीं, सरकार और प्रशासन ने हवन यज्ञ कर अपने सिर से बोझ तो उतार दिया, लेकिन परिणाम हुआ ढाक के तीन पात. अभी भी गरीब ग्रामीणों को उनका आशियाना नहीं मिला, जिससे लोगों में नाराजगी है. गुरुवार को खुखराना की महिलाएं उपायुक्त से मिलने पहुंची, लेकिन उपायुक्त के नहीं होने से के चलते उनकी मुलाकात नहीं हो पाई.

ये खबर पढ़ें- पानीपत: इस वजह से शिफ्ट किया जा रहा है खुखराना गांव, बर्बाद हो गई थी जिंदगियां

युवाओं की शादी भी नहीं हो रही
यहां पानी इतना गंदा है कि उसके आगे आरओ भी फेल हो गए हैं. प्रदूषण के कारण ना कोई पिता अपनी बेटी की शादी इस गांव में करना चाहता है और ना ही कोई लड़की इस गांव में आना चाहती है. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन और सरकार की तरफ से ढील की जा रही है. गांव वाले उम्मीद लगाए बैठे है कि उनका गांव जल्द शिफ्ट होगा और उनके घरों में भी शहनाई बजेगी.

ये पढ़ें- इस गांव में युवाओं की नहीं हो रही शादी, वजह जानकर आप हैरान हो जाएंगे

बीमारी के डर से ग्रामीण कर चुके हैं पलायन
गांव खुखराना में 250 परिवारों में से करीब 100 से ज्यादा परिवार पलायन कर चुके हैं. गांव के लोगों का कहना है कि गांव में बने सीमेंट प्लांट के कारण कोई भी व्यक्ति अपनी लड़की की शादी यहां करना भी पसंद नहीं करता. इसके आलावा हर ग्रामीण किसी ना किसी बीमारी से ग्रस्त है. ग्रामीणों में चर्म रोग, खुजली, दमा, आखों की बीमारियां, बच्चों में टीबी की बीमारी और कैंसर जैसी बीमारियां फैल चुकी हैं. ये बीमारियां किसी प्राकृतिक कारणों से नहीं है. इन ग्रामीणों को ये बीमारी बांटी गई है.

पानीपत: करीब एक दशक से पानीपत के खुखराना गांव के लोग मौत के साए में जी रहे हैं. ये कहने में कोई हिचक नहीं कि इन ग्रामीणों को ये 'मौत' पिछले एक दशक में मौजूद सरकारों और प्रशासन की तरफ से बांटी गई है. दरअसल ये गांव पानीपत के थर्मल पावर और सीमेंट प्लांट क्षेत्र के पास है. पूरे गांव में हर वक्त थर्मल पावर पावर प्लांट से उड़ने वाली राखी और सीमेंट फैक्ट्री से निकलने वाली महीन धूल उड़ती रहती है. जो इन गांव वालों के सांस और भोजन के जरीए शरीर में पहुंच रही है.

हालांकि लंबी लड़ाई और बड़ी जद्दोजहद के बाद प्रशासन और सरकार ने इस गांव को शिफ्ट करने का फैसला भी ले लिया था. इस गांव को सौंधापुर में शिफ्ट करने की तैयारी भी कर ली. बकायदा तत्कालीन परिवहन और जेल मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने स्थानीय प्रशासन के साथ गांव में हवन किया और आधारशिला रखी. उस समय कृष्ण लाल पंवार ने गांव वालों को भरोसा भी दिलाया थी कि ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं के लिए 9 करोड़ रुपये भी दिए जाएंगे.

रिपोर्ट: ना जाने इन्हें कब मिलेगी 'मौत' से मुक्ति? देखिए वीडियो

गांव शिफ्ट करने के लिए फाइलें चलीं, सरकार और प्रशासन ने हवन यज्ञ कर अपने सिर से बोझ तो उतार दिया, लेकिन परिणाम हुआ ढाक के तीन पात. अभी भी गरीब ग्रामीणों को उनका आशियाना नहीं मिला, जिससे लोगों में नाराजगी है. गुरुवार को खुखराना की महिलाएं उपायुक्त से मिलने पहुंची, लेकिन उपायुक्त के नहीं होने से के चलते उनकी मुलाकात नहीं हो पाई.

ये खबर पढ़ें- पानीपत: इस वजह से शिफ्ट किया जा रहा है खुखराना गांव, बर्बाद हो गई थी जिंदगियां

युवाओं की शादी भी नहीं हो रही
यहां पानी इतना गंदा है कि उसके आगे आरओ भी फेल हो गए हैं. प्रदूषण के कारण ना कोई पिता अपनी बेटी की शादी इस गांव में करना चाहता है और ना ही कोई लड़की इस गांव में आना चाहती है. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन और सरकार की तरफ से ढील की जा रही है. गांव वाले उम्मीद लगाए बैठे है कि उनका गांव जल्द शिफ्ट होगा और उनके घरों में भी शहनाई बजेगी.

ये पढ़ें- इस गांव में युवाओं की नहीं हो रही शादी, वजह जानकर आप हैरान हो जाएंगे

बीमारी के डर से ग्रामीण कर चुके हैं पलायन
गांव खुखराना में 250 परिवारों में से करीब 100 से ज्यादा परिवार पलायन कर चुके हैं. गांव के लोगों का कहना है कि गांव में बने सीमेंट प्लांट के कारण कोई भी व्यक्ति अपनी लड़की की शादी यहां करना भी पसंद नहीं करता. इसके आलावा हर ग्रामीण किसी ना किसी बीमारी से ग्रस्त है. ग्रामीणों में चर्म रोग, खुजली, दमा, आखों की बीमारियां, बच्चों में टीबी की बीमारी और कैंसर जैसी बीमारियां फैल चुकी हैं. ये बीमारियां किसी प्राकृतिक कारणों से नहीं है. इन ग्रामीणों को ये बीमारी बांटी गई है.

Intro:एंकर --पानीपत थर्मल पावर पावर प्लांट से उड़ने वाली राखी व सीमेंट फैक्ट्री से निकलने वाली धूल से लंबे समय से परेशान है खुखराना वासी , जिसको लेकर प्रशासन ने अब गांव को शिफ्ट करने का फैसला लिया था, और सोंधापुर में स्थापित करने की तैयारी जोरों से चल रही है लेकिन अभी भी कुछ गरीब लोगों को उनका आशियाना नहीं मिला है ,जिससे लोगों में नाराजगी है आज इसको लेकर खुखराना की महिलाएं उपायुक्त से मिलनेपहुंची , लेकिन उपायुक्त के न होने से के चलते उनकी मुलाकात नहीं हो पाई, एसडीएम ने उन्हें कल मीटिंग के लिए बुलाया है,
Body:
वीओ --पानीपत के खुखराना वासियों की लंबे समय से मांग थी कि उन्हें शिफ्ट किया जाए ,ताकि उन्हें थर्मल व सीमेंट फैक्ट्री से उड़ने वाली धूल मिट्टी से बचाया जा सके, इसको लेकर प्रशासन ने सोंधापुर के पास गांव को शिफ्ट करने का फैसला लिया और तैयारी चल रही है, लेकिन अभी भी गरीब लोगों को उनका आशियाना नहीं मिलने से उनमें लगातार नाराजगी है उनका कहना है कि अमीर लोगों ने तो अपने मकान बना लिया लेकिन उनके लिए अभी तक छत का रास्ता नहीं मिला ,जिसके चलते आज नाराज महिलाएं पानीपत उपायुक्त से मिलनेपहुंची , लेकिन उपायुक्त के न होने से के चलते उनकी मुलाकात नहीं हो पाई, एसडीएम ने उन्हें कल मीटिंग के लिए बुलाया है,

Conclusion:बाईट -- फूलो ,खुखराना वासी
बाईट - विजय कालड़ा , समाजसेवी
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