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राज्यसभा-लोकसभा के पेंशनरों की संख्या में फर्जीवाड़ा! RTI एक्टिविस्ट ने लगाए आरोप - पीपी कपूर के पेंशन देने पर आरोप

पीपी कपूर ने लोकसभा, राज्यसभा और वित्त मंत्रालय में आरटीआई डाली, जिसके आंकड़े अलग-अलग आए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि पेंशनर पूर्व सांसदों की संख्या में भी बड़ा फर्जीवाड़ा है. या फिर ये कहा जा सकता है कि विभागों के पास सही जानकारी नहीं है, जिस वजह से आरटीआई में अलग-अलग आंकड़ें सामने आए हैं.

आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर
आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर
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Published : Mar 5, 2020, 8:11 PM IST

Updated : Mar 5, 2020, 8:17 PM IST

पानीपत: आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने एक बार फिर बड़े आरोप लगाए हैं. उनका आरोप है कि लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को पेंशन देने के मामले में बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है. दरअसल पीपी कपूर का आरोप है कि उन्होंने पेंशन से जुड़ी जो आरटीआई डाली उनके आंकड़े अलग-अलग आए हैं. जो ये दर्शाता है कि राज्यसभा और लोकसभा के पूर्व सांसदों को पेंशन में देने में घपला हुआ है.

पीपी कपूर ने लोकसभा, राज्यसभा और वित्त मंत्रालय में आरटीआई डाली, जिसके आंकड़े अलग-अलग आए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि 2178 पूर्व सांसदों की सालाना पेंशन पर 70.50 करोड़ रूपये खर्च किए जा रहे हैं. पेंशनर पूर्व सांसदों की संख्या में भी बड़ा फर्जीवाड़ा है. या फिर ये कहा जा सकता है कि विभागों के पास सही जानकारी नहीं है, जिस वजह से आरटीआई में अलग-अलग आंकड़ें सामने आए हैं.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

2618 पूर्व सांसदों के बारे में नहीं कोई जानकारी

पूर्व सांसदों की पेंशन बांटने वाला केंद्रीय पेंशन लेखा विभाग दोनों सदनों के पेंशनर पूर्व सांसदों की कुल संख्या 2178 बता रहा है, तो लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय ये कुल संख्या 4796 बता रहे हैं. यहां पर सवाल है कि ये 2618 फर्जी पूर्व सांसद कौन हैं? लोकसभा सचिवालय के उपसचिव के. सोना ने अपने 31 दिसंबर 2019 के पत्र द्वारा लोकसभा पेंशन भोगी पूर्व सांसदों की संख्या 3580 और पारिवारिक पेंशनरों की संख्या 269 सहित कुल संख्या 3849 बताई है. वहीं वित्त मंत्रालय के तहत केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय के जनसूचना अधिकारी विनोद कुमार ने अपने 18 दिसंबर 2019 के पत्र द्वारा ये संख्या सिर्फ 1470 बताई है.

पेंशन भोगियों की संख्या के इस फर्जीवाड़े के खिलाफ कपूर की ओर से अपील करने पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ लेखा अधिकारी जे रघुरामन ने अपने 3 जनवरी 2020 के पत्र द्वारा और लोकसभा सचिवालय के एडिशनल सैक्रेटरी गणपति भट्ट ने अपने 14 फरवरी 2020 के पत्र द्वारा अपने-अपने दावों को ही सही बताया है. इतना ही नहीं पेंशन भोगी पूर्व लोकसभा सांसदों के नामों की सूची और इन्हें दी जा रही मासिक पेंशन का ब्यौरा देने को कोई तैयार नहीं है.

RTI से सामने आए अलग-अलग आंकड़े

लोकसभा सचिवालय ने पेंशनभोगी सांसदों की सूची केंद्रीय पैंशन लेखा कार्यालय में होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया. वहीं केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय ने बताया कि ये ब्यौरा देना संभव नहीं है, जबकि राज्यसभा सचिवालय ने राज्यसभा के सभी पेंशन भोगी पूर्व सांसदों की सूची और मासिक पेंशन के ब्यौरे की सूचना दे दी है, लेकिन यहां भी घपला है.

ये भी पढ़िए: हरियाणा सरकार के पास नहीं है मुख्यमंत्री, राज्यपाल और मंत्रियों के नागरिकता संबंधी दस्तावेज-RTI

केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय के केंद्रीय जनसूचना अधिकारी विनोद कुमार ने अपने 23 दिसंबर 2019 के पत्र द्वारा राज्यसभा के पेंशनर पूर्व सांसदों की संख्या 708 बताई है. तो दूसरी ओर राज्यसभा सचिवालय के निर्देशक पी. नारायणन ने अपने 19 दिसंबर 2019 के पत्र द्वारा ये संख्या 508+219= 847 बताई है.

पीपी कपूर ने लगाया बड़े फर्जीवाड़े का आरोप

कपूर ने आरोप लगाया कि लोकसभा और राज्यसभा के पेंशनर पूर्व सांसदों की संख्या में भारी अंतर है और इनके नामों, पेंशन के ब्यौरे को सार्वजनिक ना करना किसी बड़े फर्जीवाड़े का सूचक है. इसकी जांच होनी चाहिए.

ओपी चौटाला और अजय चौटाला को मिलने वाली पेंशन-

इसके अलावा भ्रष्टाचार के आरोपों में तिहाड़ जेल में कैद हरियाणा के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला 20,000 रुपये और उनके बेटे अजय चौटाला 26,000 रुपये प्रति माह पेंशन प्राप्त कर रहे हैं. गौरतलब है कि पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा के पूर्व विधायक होने की हैसियत से प्रतिमाह 2.22 लाख रूपये पेंशन हरियाणा सरकार से ले रहे हैं. इनके बेटे अजय चौटाला भी पूर्व विधायक होने के नाते 51,750 रूपये प्रतिमाह पेंशन ले रहे हैं.

पानीपत: आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने एक बार फिर बड़े आरोप लगाए हैं. उनका आरोप है कि लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को पेंशन देने के मामले में बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है. दरअसल पीपी कपूर का आरोप है कि उन्होंने पेंशन से जुड़ी जो आरटीआई डाली उनके आंकड़े अलग-अलग आए हैं. जो ये दर्शाता है कि राज्यसभा और लोकसभा के पूर्व सांसदों को पेंशन में देने में घपला हुआ है.

पीपी कपूर ने लोकसभा, राज्यसभा और वित्त मंत्रालय में आरटीआई डाली, जिसके आंकड़े अलग-अलग आए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि 2178 पूर्व सांसदों की सालाना पेंशन पर 70.50 करोड़ रूपये खर्च किए जा रहे हैं. पेंशनर पूर्व सांसदों की संख्या में भी बड़ा फर्जीवाड़ा है. या फिर ये कहा जा सकता है कि विभागों के पास सही जानकारी नहीं है, जिस वजह से आरटीआई में अलग-अलग आंकड़ें सामने आए हैं.

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2618 पूर्व सांसदों के बारे में नहीं कोई जानकारी

पूर्व सांसदों की पेंशन बांटने वाला केंद्रीय पेंशन लेखा विभाग दोनों सदनों के पेंशनर पूर्व सांसदों की कुल संख्या 2178 बता रहा है, तो लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय ये कुल संख्या 4796 बता रहे हैं. यहां पर सवाल है कि ये 2618 फर्जी पूर्व सांसद कौन हैं? लोकसभा सचिवालय के उपसचिव के. सोना ने अपने 31 दिसंबर 2019 के पत्र द्वारा लोकसभा पेंशन भोगी पूर्व सांसदों की संख्या 3580 और पारिवारिक पेंशनरों की संख्या 269 सहित कुल संख्या 3849 बताई है. वहीं वित्त मंत्रालय के तहत केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय के जनसूचना अधिकारी विनोद कुमार ने अपने 18 दिसंबर 2019 के पत्र द्वारा ये संख्या सिर्फ 1470 बताई है.

पेंशन भोगियों की संख्या के इस फर्जीवाड़े के खिलाफ कपूर की ओर से अपील करने पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ लेखा अधिकारी जे रघुरामन ने अपने 3 जनवरी 2020 के पत्र द्वारा और लोकसभा सचिवालय के एडिशनल सैक्रेटरी गणपति भट्ट ने अपने 14 फरवरी 2020 के पत्र द्वारा अपने-अपने दावों को ही सही बताया है. इतना ही नहीं पेंशन भोगी पूर्व लोकसभा सांसदों के नामों की सूची और इन्हें दी जा रही मासिक पेंशन का ब्यौरा देने को कोई तैयार नहीं है.

RTI से सामने आए अलग-अलग आंकड़े

लोकसभा सचिवालय ने पेंशनभोगी सांसदों की सूची केंद्रीय पैंशन लेखा कार्यालय में होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया. वहीं केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय ने बताया कि ये ब्यौरा देना संभव नहीं है, जबकि राज्यसभा सचिवालय ने राज्यसभा के सभी पेंशन भोगी पूर्व सांसदों की सूची और मासिक पेंशन के ब्यौरे की सूचना दे दी है, लेकिन यहां भी घपला है.

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केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय के केंद्रीय जनसूचना अधिकारी विनोद कुमार ने अपने 23 दिसंबर 2019 के पत्र द्वारा राज्यसभा के पेंशनर पूर्व सांसदों की संख्या 708 बताई है. तो दूसरी ओर राज्यसभा सचिवालय के निर्देशक पी. नारायणन ने अपने 19 दिसंबर 2019 के पत्र द्वारा ये संख्या 508+219= 847 बताई है.

पीपी कपूर ने लगाया बड़े फर्जीवाड़े का आरोप

कपूर ने आरोप लगाया कि लोकसभा और राज्यसभा के पेंशनर पूर्व सांसदों की संख्या में भारी अंतर है और इनके नामों, पेंशन के ब्यौरे को सार्वजनिक ना करना किसी बड़े फर्जीवाड़े का सूचक है. इसकी जांच होनी चाहिए.

ओपी चौटाला और अजय चौटाला को मिलने वाली पेंशन-

इसके अलावा भ्रष्टाचार के आरोपों में तिहाड़ जेल में कैद हरियाणा के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला 20,000 रुपये और उनके बेटे अजय चौटाला 26,000 रुपये प्रति माह पेंशन प्राप्त कर रहे हैं. गौरतलब है कि पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा के पूर्व विधायक होने की हैसियत से प्रतिमाह 2.22 लाख रूपये पेंशन हरियाणा सरकार से ले रहे हैं. इनके बेटे अजय चौटाला भी पूर्व विधायक होने के नाते 51,750 रूपये प्रतिमाह पेंशन ले रहे हैं.

Last Updated : Mar 5, 2020, 8:17 PM IST
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