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मां ने लोगों से मांग कर दिव्यांग बेटे की फीस भरी, आज बेटे ने स्कूल में टॉप कर पूरा किया सपना

विकास ने जिन हालातों में रहकर दसवीं कक्षा में टॉप किया है वह भी जानना प्रेरणादायी है. दो कमरों के घर में रहकर विकास ने यह मुकाम हासिल किया है. घर की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है की छत किसी भी वक्त गिर सकती है.

panipat village aasan divyang vikas got 93.03 percent in haryana board
मां ने लोगों से मांग कर दिव्यांग बेटे की फीस भरी
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Published : Jul 15, 2020, 11:10 PM IST

पानीपत: कोरोना महामारी के बीच आखिरकार भिवानी बोर्ड ने दसवीं कक्षा का रिजल्ट घोषित किया. जिसमें प्रदेश की अनेकों लड़कियों और लड़कों ने टॉप करके अपने स्कूल और प्रदेश का नाम रोशन किया. ऐसे ही पानीपत के गांव आसन कला में एक हाथ से और एक पैर से दिव्यांग विकास ने 93.3 प्रतिशत हासिल किए हैं.

विकास ने ना सिर्फ स्कूल में टॉप किया बल्कि पूरे गांव में सबसे ज्यादा नंबर लेकर अपने गांव के साथ-साथ अपने मां-बाप का नाम रोशन किया. विकास का कहना है कि टीचर्स और अपनी कड़ी मेहनत के चलते 500 में से 467 नंबर हासिल किया.

मां ने लोगों से मांग कर दिव्यांग बेटे की फीस भरी, देखिए वीडियो

विकास अनेजा की कहानी यहीं खत्म नहीं हो जाती. विकास ने किन हालातों में रहकर दसवीं कक्षा में टॉप किया है वह भी जानना प्रेरणादायी है. दो कमरों के घर में रहकर विकास ने यह मुकाम हासिल किया है. घर की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है की छत किसी भी वक्त गिर सकती है. जिस टूटे-फूटे बेड पर विकास का परिवार सोता है. उसको भी ईंटों पर खड़ा किया गया है. क्योंकि बेड भी टूटी फूटी अवस्था में खड़ा है.

फीस भरने के पैसे नहीं थे, मांग कर पढ़ाया- विकास की माता

विकास की माता ने बताया कि दुख की घड़ी में उनके बेटे ने स्कूल में टॉप करके उन्हें खुशी का मौका दिया है. जिसके चलते वो आज बेहद खुश हैं. उन्होंने बताया कि उनके पास तो विकास की बोर्ड फीस भरने के लिए 750 रुपये भी नहीं थे, लेकिन उन्होंने किसी से विकास के स्कूल की वर्दी, किसी से किताबें, तो कुछ टीचर्स का सहयोग मांग मांगकर विकास को पढ़ाने का काम किया.

ये भी पढ़िए: करनाल: CBSE 12वीं में 99.6 अंक लेकर पुलकित अग्गी ने जिले में किया टॉप

पानीपत: कोरोना महामारी के बीच आखिरकार भिवानी बोर्ड ने दसवीं कक्षा का रिजल्ट घोषित किया. जिसमें प्रदेश की अनेकों लड़कियों और लड़कों ने टॉप करके अपने स्कूल और प्रदेश का नाम रोशन किया. ऐसे ही पानीपत के गांव आसन कला में एक हाथ से और एक पैर से दिव्यांग विकास ने 93.3 प्रतिशत हासिल किए हैं.

विकास ने ना सिर्फ स्कूल में टॉप किया बल्कि पूरे गांव में सबसे ज्यादा नंबर लेकर अपने गांव के साथ-साथ अपने मां-बाप का नाम रोशन किया. विकास का कहना है कि टीचर्स और अपनी कड़ी मेहनत के चलते 500 में से 467 नंबर हासिल किया.

मां ने लोगों से मांग कर दिव्यांग बेटे की फीस भरी, देखिए वीडियो

विकास अनेजा की कहानी यहीं खत्म नहीं हो जाती. विकास ने किन हालातों में रहकर दसवीं कक्षा में टॉप किया है वह भी जानना प्रेरणादायी है. दो कमरों के घर में रहकर विकास ने यह मुकाम हासिल किया है. घर की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है की छत किसी भी वक्त गिर सकती है. जिस टूटे-फूटे बेड पर विकास का परिवार सोता है. उसको भी ईंटों पर खड़ा किया गया है. क्योंकि बेड भी टूटी फूटी अवस्था में खड़ा है.

फीस भरने के पैसे नहीं थे, मांग कर पढ़ाया- विकास की माता

विकास की माता ने बताया कि दुख की घड़ी में उनके बेटे ने स्कूल में टॉप करके उन्हें खुशी का मौका दिया है. जिसके चलते वो आज बेहद खुश हैं. उन्होंने बताया कि उनके पास तो विकास की बोर्ड फीस भरने के लिए 750 रुपये भी नहीं थे, लेकिन उन्होंने किसी से विकास के स्कूल की वर्दी, किसी से किताबें, तो कुछ टीचर्स का सहयोग मांग मांगकर विकास को पढ़ाने का काम किया.

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