पानीपत: कोरोना संकट की वजह से केंद्रीय वित्त मंत्री ने MSME को तीन लाख करोड़ रुपये के कोलेट्रल फ्री ऑटोमेटिक लोन का ऐलान किया है. सरकार का मकसद है कि लॉकडाउन में घाटे की वजह से कमजोर हो चुके सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को एकबार फिर अपने पैरों पर खड़ा किया जाए, ताकि ये छोटे उद्योग इस संकट की घड़ी में संघर्ष कर सकें और आगे बढ़ सकें. ऐसे में इस पैकेज के ऐलान होने से MSME के अंदर आने वाले पानीपत के उद्योगपतियों को भी बड़ा फायदा होगा.
हरियाणा का पानीपत शहर टेक्सटाइल नगरी के नाम से जाना जाता है. आजादी के बाद स्थापित हैंडलूम और टेक्सटाइल्स इकाइयों ने तेजी से विस्तार करते हुए आधुनिक टेक्सटाइल उद्योग का रूप लिया है. पानीपत की इस इंडस्ट्री में सूक्ष्म और लघु इकाइयों का बोलबाला है. इन इकाइयों की संख्या करीब 8 हजार हैं. कोरोना वायरस ने पानीपत की टेक्सटाइल और हैंडलूम इंडस्ट्री की कमर तोड़कर रख दी है.
पानीपत में स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज का 35000 करोड़ रुपये का घरेलू बाजार है और यहां काम करने वाले मजदूरों की संख्या भी तीन लाख के करीब है. वहीं अगर पानीपत मीडियम उद्योग की इकाइयों की बात करें तो यहां डेढ़ सौ इकाइयां हैं. ये सभी इकाइयां लॉकडाउन की वजह से बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं. ऐसे में MSME में जो केंद्र सरकार की ओर से बदलाव किए गए हैं वो इन इकाइयों के लिए काफी राहत भरे हो सकते हैं.
लघु उद्योग चलाने वाले उद्योगपतियों ने कहा कि ये सरकार का बहुत ही अच्छा फैसला है. लॉकडाउन की वजह से उन्हें मंदी की मार झेलनी पड़ी है. उन्हें कहा कि MSME का दायरा एक करोड़ से जो बढ़ाकार 5 करोड़ का किया गया है, वो एक बहुत बड़ा फैसला है. अगर सरकारी तंत्र ठीक तरीके से काम करेगा तो ये फैसला उद्योगपतियों के लिए बहुत बड़ी राहत लेकर आएगा.
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उद्योगपतियों ने कहा कि सरकार की ओर से फैसले तो बड़े लिए गए हैं, लेकिन इसका फायदा तभी होगा जब सरकार इसे सही तरीके से लागू कराए. सभी उद्योगपतियों को तरीके से लोन मिले. अगर बिना किसी भ्रष्टाचार के काम हुआ तो केंद्र सरकार के ये फैसले मील का पत्थर साबित हो सकते हैं.