पानीपत का नया बस अड्डा करीब डेढ़ साल पहले बनकर तैयार हो चुका था, लेकिन अभी तक यहां पुराने बस अड्डे को शिफ्ट नहीं किया गया है. जिसकी वजह से नए बस अड्डे की बिल्डिंग रखरखाव के अभाव में जर्जर हो रही है. शहर के बाहर सिवाह गांव के पास ये बस अड्डा बनाया गया है. ताकि शहर के लोगों को जाम से निजात मिल सके और लंबे रूट की बसें सीधा फ्लाईओवर के ऊपर से पानीपत को क्रॉस कर सके, लेकिन ये परियोजना अधर में लटकी हुई है.
नए बस अड्डे की बिल्डिंग बनकर तैयार है, लेकिन अभी तक पुराने बस अड्डे को यहां पर शिफ्ट नहीं किया गया है. इस मुद्दे को लेकर जब जिला उपायुक्त वीरेंद्र दहिया से बात की गई तो उन्होंने पुराने बस अड्डे के शिफ्ट ना होने की तीन वजहें बताई. पहली ये कि नए बस अड्डे के ऊपर से हाई वोल्टेज तारें गुजर रही हैं. जिसकी वजह से इसे शिफ्ट नहीं किया जा सका. हालांकि उन्हें अब घटा दिया गया है. इसके बाद उन्हें बस अड्डे पर दो गेट बनाने की जगह नहीं मिली.
रोडवेज विभाग की मांग थी कि उन्हें बस का इन और आउट गेट मेन रोड यानी एनएच वन पर ही मिले, लेकिन उन्हें सिर्फ एक ही गेट दिया गया. उसमें ही इन और आउट के लिए कहा गया. जो सही नहीं है. जब एनएचएआई की तरफ से दूसरे गेट को मंजूरी नहीं मिली तो इन गेट के लिए डिपो प्रबंधन ने सिवाह गांव की गली की तरफ से अनुमति मांगी. पैमाइश में ये गली वाली जगह बस स्टैंड प्रबंधन की निकली. बता दें कि लंबे समय से इस गली वाली जगह पर विवाद था.
सिवाह गांव का दावा था कि ये गली उनके गांव में आती है, लेकिन पैमाइश के बाद ये साफ हो गया कि ये गली बस स्टैंड प्रबंधन के हिस्से में आती है. जिला उपायुक्त वीरेंद्र दहिया ने बताया कि अब बस अड्डा प्रबंधन इस गेट को बनाने की तैयारी कर रहा है. उम्मीद है कि अगले महीने बस स्टैंड को यहां शिफ्ट किया जा सकता है. नेशनल हाईवे ऑफ अथॉरिटी की तरफ से नए बस स्टैंड के सामने यूटर्न देने का काम भी इस महीने के अंत तक पूरा किया जा सकता है.
इसी यूटर्न की वजह से पहले भी आउट गेट का ले आउट बिगड़ा था. इसी देरी में नए बस अड्डे की हालत भी खस्ता हो रही है. प्रयोग में ना होने के कारण बिल्डिंग में भी कई जगह दरार आ चुकी है. इस बस स्टैंड को शुरू करने के बाद पानीपत के पुराने बस स्टैंड को लोकल बस स्टैंड में तब्दील किया जाएगा. यहां से लोकल बसें चलाई जाएंगी. बाकी बसें नए बस स्टैंड से संचालित होगी.