पानीपत: हरियाणा और यूपी के सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों प्रदेशों के अधिकारियों की बैठक हुई है. हरियाणा-उत्तर प्रदेश सीमा पर किसानों के जमीनी मसले सुलझाने के लिए सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से जिला पानीपत और यूपी के कैराना और बागपत जिला के साथ लगते गांवों का सर्वे किया जाएगा.
पानीपत के उपायुक्त धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि दोनों प्रदेशों की सीमा पर बाउंड्री पिलर के साथ-साथ रैफ्रेंस और सबरैफ्रेंस पिलर भी लगाए जाएंगे. जिससे कि सीमा की सही निशानदेही हो सके.
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बता दें कि यह फैसला सोमवार को लघु सचिवालय में पानीपत के उपायुक्त धर्मेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश के जिला शामली और बागपत के एसडीएम की मौजूदगी में लिया गया. इस बैठक में पानीपत के एसपी शशांक कुमार और समालखा के एसडीएम भी मौजूद रहे.
उपायुक्त धर्मेन्द्र सिंह ने कहा कि देखने में आया है कि आपसी मनमुटाव के कारण दोनों प्रदेश के किसान कई बार झगड़ते हैं. जिससे समस्या का हल नहीं निकल पाता है. खासकर पानीपत और यूपी के गांव नंगला राय,समालखा के खौजकीपुर और यूपी के टांडा गांव के सीमावर्ती क्षेत्रों में यह समस्या बनी रहती है.
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उपायुक्त ने बताया कि इस प्रक्रिया के तहत सर्वे ऑफ इंडिया को जिला प्रशासन पानीपत, शामली और बागपत प्रशासन की ओर से सहमति पत्र भेजा जाएगा. इस सहमति पत्र में सर्वे कर पिलर लगाने के लिए लिखा जाएगा.
इनमें से आधे पिलर उत्तर प्रदेश के दोनों जिला प्रशासन लगवाएंगे. पिलर लगाने का खर्च भी वे स्वयं वहन करेंगे. डीसी धर्मेन्द्र सिंह ने कहा कि आधे पिलर का खर्च जिला प्रशासन पानीपत की ओर से किया जाएगा. इसके लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व से बजट लेने का प्रावधान किया जाएगा. बजट लेने की पूरी व्यवस्था की जा चुकी है.