पानीपत: हरियाणा में जमीन की रजिस्ट्रियों का खेल कैसे चलता है. उसका एक उदाहरण पानीपत में देखने को मिला. जहां 17 सौ गज की जमीन पर कब्जा करने का आरोप पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी के पति सुरेंदर रेवड़ी के पति सहित कई लोगों पर लगा है.
इस भूमि पर कई लोगों की रजिस्ट्री रिकार्ड में देखने को मिल रही है. इसको लेकर एक पक्ष मीडिया के सामने आया और मामला बताया. बता दें कि रोहिता रेवड़ी खट्टर 1.0 में पानीपत से बीजेपी विधायक चुनी गई थी.
20 साल पहले ली थी जमीन
पीड़ित रामनिवास ने बताया कि 20 साल पहले वो तीन लोगों के साथ ये जमीन ली थी. जिसकी 20 साल पहले की उनके पास 5 रजिस्ट्री है, लेकिन जैसे ही जमीन पर वो कुछ काम करने या निर्माण करने के लिए जाते हैं. तो वहां पर पुलिस प्रसासन के साथ पूर्व विधायक पति सुरेन्द्र रेवड़ी भी उन्हें धमकाने पहुंच जाते है.
पुलिस नहीं लेने दे रही उनकी ही जमीन पर कब्जा
पीड़ित पक्ष के मुताबिक आलम ऐसा हो चुका है कि उनका कोई भी साथ नहीं दे रहा है. अब वो धरना देने व आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं. पीड़ित पक्ष ने पूर्व विधायक पति रोहिता रेवड़ी के पति सुरेंदर रेवड़ी पर पुलिस दबाव बनाने का आरोप लगाया है. जिसके चलते पुलिस उन पर ही दबाव बना रही है और उन्हें अपने ही जमीन पर कब्जा नहीं लेने दे रही.
सिविल मामले में पुलिस का कोई लेना-देना नहीं: डीएसपी
इस बारे में जब डीएसपी सतीस वत्स से बात की तो उन्होंने बताया कि ये सिविल मामला है. जिसमे पुलिस का कोई लेना देना नहीं है. अगर कुछ कार्यवाही पुलिस की बनती है तो उसकी जांच पड़ताल के बाद कार्यवाही अमल में लायी जाएगी. साथ ही संबंधित थाने के एसएचओ पर लगाये गए आरोप पर कहा कि अगर एसएचओ द्वारा किसी दबाव में कार्यवाही की जा रही होगी तो उसकी भी जांच करवाई जाएगी.
गौरतलब है कि पीड़ित किरपाल निवासी रिसपुर, रामनिवास निवासी ईदगाह कालोनी और ओम प्रकाश निवासी छाजपुर तीनों ने प्रेस वार्ता में दावा किया है कि जमीन उनकी हैं.
बरहाल मामले का खुलासा जांच पड़ताल के बाद ही हो पायेगा की जमीन किसके नाम है, लेकिन एक ही जमीन कई लोगों के नाम होना बहुत बड़े सवाल खड़े करता है. बता दें कि, बीते कुछ दिनों पहले हरियाणा में रजिस्ट्रियों में गड़बड़ झाले को लेकर खूब सुर्खियां बनी थी और कई अधिकारी सस्पेंड भी किये थे.
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