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साइबर अपराधियों ने निकाला ठगी का ये नया तरीका, पानीपत ASP से जानिए कैसे बचाएं अपनी गाढ़ी कमाई - panipat latest news

हरियाणा में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. सबसे खास बात ये है कि कई मामले ऐसे हैं जिन्हें ट्रेस करना पुलिस के लिए भी मुश्किल हो रहा है. साइबर ठगी से बचने का सबसे पहला तरीका यही है कि लोग खुद जागरुक बनें. एटीएम, क्रेडिट कार्ड या फिर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है. ठग इसी का फायदा उठाकर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. पानीपत जिले में साइबर ठगी के कई नये तरह के केस सामने आये हैं. ईटीवी भारत ने इसी मामले को लेकर एएसपी मयंक मिश्रा से बात की.

Panipat cyber crime
Panipat cyber crime
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Published : Apr 19, 2023, 1:37 PM IST

पानीपत ASP से जानिए कैसे बचाएं अपनी गाढ़ी कमाई

पानीपत: साइबर क्राइम के मामले इन दिनों अन्य अपराध की तुलना में ज्यादा सामने आ रहे हैं. रोजाना साइबर ठगी से जुड़े ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिन्हें कई बार ट्रेस करना भी पुलिस के लिए मुश्किल हो जाता है. सबसे खास बात ये है कि साइबर अपराध का दायरा बहुत बड़ा है और हर रोज ठग कोई ना कोई नया तरीका अपनाकर लोगों को ठग रहे हैं.

जनवरी महीने से लेकर 31 मार्च तक पानीपत में 282 लोगों से साइबर ठगी हुई. यह ठगी दो करोड़ पचास लाख रुपए की है. हैरानी की बात तो यह है कि पुलिस इनमें से सिर्फ चार ही मामले ट्रेस कर पाई है. इसका सबसे बड़ा कारण पूरे देश में फैला अपराधियों का नेटवर्क है. साइबर क्राइम के एक मामले में पुलिस को कई राज्यों में रेड डालनी पड़ती है. अंतरराज्यीय मामला होने के चलते पुलिस के लिए ये चुनौती बन जाते हैं.

How to avoid cyber frauds
साइबर ठगों से कैसे बचें.

आजकल साइबर ठग ईमेल आईडी को हैक कर लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं. पहले यह ठग किसी ना किसी एजेंसी या लोन का झांसा देकर डॉक्यूमेंट कलेक्ट करते हैं. उसके बाद मेल आईडी का पासवर्ड हैक करके उसमें सेव कांटेक्ट नंबर निकालते हैं. फिर किसी अन्य नंबर के व्हाट्सएप पर यूजर का फोटो लगाकर रिश्तेदारों और सगे संबंधियों से पैसे की मांग करते हैं. पुलिस के मुताबिक इन दिनों चार से पांच मामले इसी तरह के ठगी के सामने आ रहे हैं. जब तक यूजर को इस बारे में पता लगता है और वो कोई एक्शन ले पाता है, उससे पहले ठग मेल का पासवर्ड बदल देते हैं और यूजर के कांटेक्ट लिस्ट के लोगों से पैसा ऐंठना शुरू कर देते हैं.

ये भी पढ़ें- जामताड़ा से फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले रैकेट का खुलासा, दिल्ली पुलिस ने 6 को दबोचा, 20 हजार सिम बरामद

पानीपत जिले के एएसपी मयंक मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि रोजाना नये-नये तरीके अपनाकर साइबर अपराधी लोगों से ठगी कर रहे हैं. ऐसे में लोगों को जागरूक रहने की बहुत जरूरत है. उन्होंने कहा कि बैंक कार्ड धारक को कभी भी अपने क्रेडिट, डेबिट कार्ड की फोटो कहीं पर पोस्ट नहीं करना चाहिए और ना ही कार्ड पर पासवर्ड अंकित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि पब्लिक और फ्री वाई-फाई इंटरनेट का प्रयोग करते समय अपने बैंक कार्ड की डिटेल ना डालें. कुछ बैंक कार्ड अनसिक्योर होते हैं. इन कार्ड से स्वाइप मशीन पर बिना ओटीपी या पिन के भी ट्रांजेक्शन हो जाता है. ऐसे में बैंक से संपर्क करके कार्ड धारक को अपना कार्ड बदलवा लेना चाहिए.

How to avoid cyber frauds
ठगी से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान.

एएसपी ने कहा कि लोगों को जॉब फॉड से बचना चाहिए. इसमें जालसाज ग्राहक को ई-मेल आइडी व पासवर्ड उपलब्ध करवाता है. ई-मेल के अंदर एक लिंक दिया होता है जिसमें जॉब से संबन्धित जानकारी होने की बात कही जाती है. ई-मेल को मोबाईल में खोलने के बाद दिये गये लिंक पर क्लिक करते ही ग्राहक की गोपनीय जानकारी जालसाज के पास पहुंच जाती है. जिसके बाद अपराधी अकाउंट से पैसा गायब कर देते हैं.

एएसपी मयंक मिश्रा ने बताया की ऐसे ठगों को पकड़ना पुलिस के लिए बहुत ही मुश्किल रहता है. क्योंकि यह एक स्टेट से नहीं बल्कि मल्टीपल स्टेट से ऐसी वारदात को अंजाम देते हैं. उनका किसी अन्य स्टेट की आईडी से रजिस्टर्ड होता है. सिम किसी अन्य स्टेट की आईडी से होता है. यह बैठकर किसी तीसरे स्टेट से इस वारदात को अंजाम देते हैं. जब तक इनके पास पुलिस पहुंचती है. उससे पहले ही ये सभी इस्तेमाल होने वाली जगह और आईडी बदल लेते हैं. ऐसे में लोगों को स्वयं जागरूक होने की बहुत जरूरत है ताकि वो ऐसी ठगी से बच सकें.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में 5 हजार प्रतिशत बढ़ी साइबर अपराध की घटनाएं, जानें 2019 के बाद से कितना बढ़ा क्राइम

पानीपत ASP से जानिए कैसे बचाएं अपनी गाढ़ी कमाई

पानीपत: साइबर क्राइम के मामले इन दिनों अन्य अपराध की तुलना में ज्यादा सामने आ रहे हैं. रोजाना साइबर ठगी से जुड़े ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिन्हें कई बार ट्रेस करना भी पुलिस के लिए मुश्किल हो जाता है. सबसे खास बात ये है कि साइबर अपराध का दायरा बहुत बड़ा है और हर रोज ठग कोई ना कोई नया तरीका अपनाकर लोगों को ठग रहे हैं.

जनवरी महीने से लेकर 31 मार्च तक पानीपत में 282 लोगों से साइबर ठगी हुई. यह ठगी दो करोड़ पचास लाख रुपए की है. हैरानी की बात तो यह है कि पुलिस इनमें से सिर्फ चार ही मामले ट्रेस कर पाई है. इसका सबसे बड़ा कारण पूरे देश में फैला अपराधियों का नेटवर्क है. साइबर क्राइम के एक मामले में पुलिस को कई राज्यों में रेड डालनी पड़ती है. अंतरराज्यीय मामला होने के चलते पुलिस के लिए ये चुनौती बन जाते हैं.

How to avoid cyber frauds
साइबर ठगों से कैसे बचें.

आजकल साइबर ठग ईमेल आईडी को हैक कर लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं. पहले यह ठग किसी ना किसी एजेंसी या लोन का झांसा देकर डॉक्यूमेंट कलेक्ट करते हैं. उसके बाद मेल आईडी का पासवर्ड हैक करके उसमें सेव कांटेक्ट नंबर निकालते हैं. फिर किसी अन्य नंबर के व्हाट्सएप पर यूजर का फोटो लगाकर रिश्तेदारों और सगे संबंधियों से पैसे की मांग करते हैं. पुलिस के मुताबिक इन दिनों चार से पांच मामले इसी तरह के ठगी के सामने आ रहे हैं. जब तक यूजर को इस बारे में पता लगता है और वो कोई एक्शन ले पाता है, उससे पहले ठग मेल का पासवर्ड बदल देते हैं और यूजर के कांटेक्ट लिस्ट के लोगों से पैसा ऐंठना शुरू कर देते हैं.

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पानीपत जिले के एएसपी मयंक मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि रोजाना नये-नये तरीके अपनाकर साइबर अपराधी लोगों से ठगी कर रहे हैं. ऐसे में लोगों को जागरूक रहने की बहुत जरूरत है. उन्होंने कहा कि बैंक कार्ड धारक को कभी भी अपने क्रेडिट, डेबिट कार्ड की फोटो कहीं पर पोस्ट नहीं करना चाहिए और ना ही कार्ड पर पासवर्ड अंकित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि पब्लिक और फ्री वाई-फाई इंटरनेट का प्रयोग करते समय अपने बैंक कार्ड की डिटेल ना डालें. कुछ बैंक कार्ड अनसिक्योर होते हैं. इन कार्ड से स्वाइप मशीन पर बिना ओटीपी या पिन के भी ट्रांजेक्शन हो जाता है. ऐसे में बैंक से संपर्क करके कार्ड धारक को अपना कार्ड बदलवा लेना चाहिए.

How to avoid cyber frauds
ठगी से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान.

एएसपी ने कहा कि लोगों को जॉब फॉड से बचना चाहिए. इसमें जालसाज ग्राहक को ई-मेल आइडी व पासवर्ड उपलब्ध करवाता है. ई-मेल के अंदर एक लिंक दिया होता है जिसमें जॉब से संबन्धित जानकारी होने की बात कही जाती है. ई-मेल को मोबाईल में खोलने के बाद दिये गये लिंक पर क्लिक करते ही ग्राहक की गोपनीय जानकारी जालसाज के पास पहुंच जाती है. जिसके बाद अपराधी अकाउंट से पैसा गायब कर देते हैं.

एएसपी मयंक मिश्रा ने बताया की ऐसे ठगों को पकड़ना पुलिस के लिए बहुत ही मुश्किल रहता है. क्योंकि यह एक स्टेट से नहीं बल्कि मल्टीपल स्टेट से ऐसी वारदात को अंजाम देते हैं. उनका किसी अन्य स्टेट की आईडी से रजिस्टर्ड होता है. सिम किसी अन्य स्टेट की आईडी से होता है. यह बैठकर किसी तीसरे स्टेट से इस वारदात को अंजाम देते हैं. जब तक इनके पास पुलिस पहुंचती है. उससे पहले ही ये सभी इस्तेमाल होने वाली जगह और आईडी बदल लेते हैं. ऐसे में लोगों को स्वयं जागरूक होने की बहुत जरूरत है ताकि वो ऐसी ठगी से बच सकें.

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