पानीपत: खंडरा गांव आज पूरे विश्व के मानचित्र पर दिखने लगा है. इसी गांव के जैवलिन थ्रो खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक क्वालीफाई कर देश, प्रदेश और अपने गांव का नाम सुनहरे अक्षरों में लिख दिया है. पूरे परिवार को विश्वास है कि नीरज चोपड़ा ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर देश की झोली में डालेगा.
कोहनी में चोट लगने के बाद निराश हुए नीरज चोपड़ा ने कड़ी मेहनत और लगन से ओलंपिक क्वालीफाई किया है. साल 2019 में नीरज ने कोहनी का ऑपरेशन करवाया था. ऑपरेशन के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और कड़ी मेहनत की. जिसका फल उन्हें ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करके मिला है.
नीरज के नाम हैं कई खिताब
देश के युवा जैवलिन थ्रो खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने 2016 में अंडर 20 रिकॉर्ड के साथ चैंपियनशिप का खिताब जीता, 2018 में कॉमनवेल्थ में स्वर्ण पदक, 27 अगस्त 2018 को एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता है. नीरज 25 सितंबर 2018 को अर्जुन अवॉर्ड से सुशोभित हो चुके हैं.
साउथ अफ्रीका में 87.86 जैवलिन थ्रो कर जीता गोल्ड
बता दें कि गांव खंडरा के निवासी नीरज चोपड़ा ने साउथ अफ्रीका में 87.86 जैवलिन थ्रो कर गोल्ड मेडल जीतकर कर ओलंपिक क्वालीफाई किया है. नीरज के क्वालीफाई करने के बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल देखने को मिला. परिजनों ने एक दूसरे का मुंह मीठा करवाकर बधाई दी.
नीरज चोपड़ा के चाचा भीम ने कहा कि कोहनी में चोट लगने के बावजूद 2019 में नीरज ने ऑपरेशन करवाया और बेंगलुरु में लगातार अभ्यास और कड़ी मेहनत की. हमें बड़ी खुशी है उसकी मेहनत रंग लाई हैं.
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भारत के लिए ओलंपिक जीतना है सपना
वहीं पिता सतीश ने भी बेटे की सफलता पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि नीरज का अगला लक्ष्य ओलंपिक मेडल जीतना है. वहीं नीरज चोपड़ा की बहन संगीता और नेहा ने कहा कि कोहनी में चोट लगने के बाद भैया निराश हो गए थे, क्योंकि थोड़े समय के लिए खेल छोड़ना पड़ा थ।. उन्होंने बताया कि नीरज का सपना है कि वो ओलंपिक में मेडल जीते.