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हरियाणा के किसान ने इस तकनीक से उगाई विदेशी सब्जियां, एक एकड़ से सालाना कमा रहे पांच लाख रुपये - किसान रामप्रताप पानीपत

पानीपत के किसान रामप्रताप करीब 6 एकड़ में सब्जियों की खेती करते हैं. ऑर्गेनिक तरीके से वो विदेशी सब्जियों को भी उगाते हैं. जिससे उन्हें एक एकड़ में सालाना करीब चार से पांच लाख रुपये की बचत होती है.

haryana Kisan rampratap
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Published : Feb 3, 2023, 1:25 PM IST

हरियाणा के किसान ने इस तकनीक से उगाई विदेशी सब्जियां, सालाना एक एकड़ से कमा रहे पांच लाख रुपये

पानीपत: हरियाणा के किसान अब ऑर्गेनिक खेती की तरफ अग्रसर हो रहे हैं. सूबे का एक किसान ऐसा भी है जो ऑर्गेनिक तरीके से विदेशी सब्जियां उगा रहा है. पानीपत के किसान रामप्रताप ने हाल ही में चार रंग के तरबूज उगाए थे. जिसके बाद से वो चर्चा का विषय बने हुए हैं. रामप्रताप 6 एकड़ की जमीन पर सिर्फ फल और सब्जियां ऑर्गेनिक तरीके से उगाते हैं. रामप्रताप ने इन दिनों अपने खेतों में थाईलैंड के टमाटर, बटर नट, और अन्य कई प्रकार की सब्जियों को उगा रखा है. रामप्रताप ने बताया कि उसके खेतों में विदेशी सब्जियों की पौध तैयार हो चुकी है. आने वाले महीने में उन पौध की रोपाई की जाएगी.

haryana Kisan rampratap
किसान रामप्रताप ने अपने खेतों में थाईलैंड के टमाटर लगा रखे हैं.

ईटीवी भारत से बातचीत में रामप्रताप ने बताया कि वो पारंपरिक खेती को छोड़कर कई साल से फल सब्जियों की खेती कर रहे हैं. जिससे उनकी आमदनी तीन गुना हो गई है. रामप्रताप का कहना है कि थाईलैंड की मशहूर सब्जी माने जाने वाली बटन नट की खेती उन्होंने यहां 2 साल पहले शुरू की थी. इस बटर नट की डिमांड बड़े शहरों में ज्यादा है. बटर नट बढ़िया मुनाफा देने वाली सब्जी है. ये 50 रुपये प्रति किलो के भाव से मार्केट में बिकती है. बड़ी बात ये है कि किसान को सब्जियां बेचने के लिए बाजार नहीं जाना पड़ता. लोग उनके फार्म पर ही सब्जियां खरीदने आ जाते हैं.

haryana Kisan rampratap
किसान रामप्रताप 6 एकड़ में सब्जियों की खेती करते हैं.

किसान रामप्रताप ने बताया कि एक एकड़ से उन्हें साल में चार से पांच लाख रुपये तक का मुनाफा होता है. किसान के मुताबिक एक साल में एक एकड़ में सब्जियां उगाने में उन्हें करीब दो लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं. जबकि एक साल में उन्हें मुनाफा 6 से 7 लाख तक का होता है. इस लिहाज से उन्हें एक एकड़ से सालाना चार से पांच लाख रुपये की बचत होती है. किसान रामप्रताप ने बताया कि वो अपने खेत में फल और सब्जियों की बिजाई ना करके उनकी पौध तैयार करते हैं. इसके बाद रोपाई की तकनीक से खेती करते हैं. जिससे पैदावार भी अधिक होती है और क्वालिटी भी अच्छी बनती है.

haryana Kisan rampratap
एक एकड़ से किसान सालाना चार से पांच लाख रुपये कमा लेते हैं.

आपको बता दें कि इजराइल से आए हुए कृषि वैज्ञानिक का डेलिगेशन भी इनकी तकनीक को देखने के लिए इनके फार्म हाउस पर दौरा कर चुका है. इस काम के लिए रामप्रताप को कई बार हरियाणा सरकार द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है. इस किसान ने अपने खेतों में अब तक तीन रंग के तरबूज उगाने की तकनीक विकसित किया है. अब की बार रामप्रताप पांच रंग के तरबूज उगाने के लिए पौध तैयार कर चुके हैं. इन दिनों रामप्रताप के फार्म हाउस पर थाईलैंड के चेरी टमाटर की भरमार है. आम टमाटर इन दिनों बाजार में ₹5 से 10 किलो के भाव से बिक रहा है, वहीं थाईलैंड का टमाटर बाजार में ₹100 प्रति किलो तक बिक रहा है.

ये भी पढ़ें- बिना मिट्टी के हवा में की जा रही आलू की खेती, जानिए क्या है एयरोपोनिक तकनीक

थाईलैंड का चेरी टमाटर सब्जियों की नहीं, बल्कि फ्रूट्स की दुकानों पर बिकता है. रामप्रताप ने ईटीवी भारत के जरिए दूसरे किसानों को संदेश दिया कि वो भी परंपरागत खेती को छोड़कर और तकनीक के साथ खेती करें. इससे वो परंपरागत खेती के मुकाबले एक एकड़ से कई गुना मुनाफा कमा सकते हैं. रामप्रताप ने कहा कि इसमें काम थोड़ा ज्यादा होता है, क्योंकि सब्जियों को देखभाल की ज्यादा जरूरत होती है. जबकि धान और गेहूं जैसी फसल की ज्यादा देखरेख करने की जरूरत नहीं पड़ती.

हरियाणा के किसान ने इस तकनीक से उगाई विदेशी सब्जियां, सालाना एक एकड़ से कमा रहे पांच लाख रुपये

पानीपत: हरियाणा के किसान अब ऑर्गेनिक खेती की तरफ अग्रसर हो रहे हैं. सूबे का एक किसान ऐसा भी है जो ऑर्गेनिक तरीके से विदेशी सब्जियां उगा रहा है. पानीपत के किसान रामप्रताप ने हाल ही में चार रंग के तरबूज उगाए थे. जिसके बाद से वो चर्चा का विषय बने हुए हैं. रामप्रताप 6 एकड़ की जमीन पर सिर्फ फल और सब्जियां ऑर्गेनिक तरीके से उगाते हैं. रामप्रताप ने इन दिनों अपने खेतों में थाईलैंड के टमाटर, बटर नट, और अन्य कई प्रकार की सब्जियों को उगा रखा है. रामप्रताप ने बताया कि उसके खेतों में विदेशी सब्जियों की पौध तैयार हो चुकी है. आने वाले महीने में उन पौध की रोपाई की जाएगी.

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किसान रामप्रताप ने अपने खेतों में थाईलैंड के टमाटर लगा रखे हैं.

ईटीवी भारत से बातचीत में रामप्रताप ने बताया कि वो पारंपरिक खेती को छोड़कर कई साल से फल सब्जियों की खेती कर रहे हैं. जिससे उनकी आमदनी तीन गुना हो गई है. रामप्रताप का कहना है कि थाईलैंड की मशहूर सब्जी माने जाने वाली बटन नट की खेती उन्होंने यहां 2 साल पहले शुरू की थी. इस बटर नट की डिमांड बड़े शहरों में ज्यादा है. बटर नट बढ़िया मुनाफा देने वाली सब्जी है. ये 50 रुपये प्रति किलो के भाव से मार्केट में बिकती है. बड़ी बात ये है कि किसान को सब्जियां बेचने के लिए बाजार नहीं जाना पड़ता. लोग उनके फार्म पर ही सब्जियां खरीदने आ जाते हैं.

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किसान रामप्रताप 6 एकड़ में सब्जियों की खेती करते हैं.

किसान रामप्रताप ने बताया कि एक एकड़ से उन्हें साल में चार से पांच लाख रुपये तक का मुनाफा होता है. किसान के मुताबिक एक साल में एक एकड़ में सब्जियां उगाने में उन्हें करीब दो लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं. जबकि एक साल में उन्हें मुनाफा 6 से 7 लाख तक का होता है. इस लिहाज से उन्हें एक एकड़ से सालाना चार से पांच लाख रुपये की बचत होती है. किसान रामप्रताप ने बताया कि वो अपने खेत में फल और सब्जियों की बिजाई ना करके उनकी पौध तैयार करते हैं. इसके बाद रोपाई की तकनीक से खेती करते हैं. जिससे पैदावार भी अधिक होती है और क्वालिटी भी अच्छी बनती है.

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एक एकड़ से किसान सालाना चार से पांच लाख रुपये कमा लेते हैं.

आपको बता दें कि इजराइल से आए हुए कृषि वैज्ञानिक का डेलिगेशन भी इनकी तकनीक को देखने के लिए इनके फार्म हाउस पर दौरा कर चुका है. इस काम के लिए रामप्रताप को कई बार हरियाणा सरकार द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है. इस किसान ने अपने खेतों में अब तक तीन रंग के तरबूज उगाने की तकनीक विकसित किया है. अब की बार रामप्रताप पांच रंग के तरबूज उगाने के लिए पौध तैयार कर चुके हैं. इन दिनों रामप्रताप के फार्म हाउस पर थाईलैंड के चेरी टमाटर की भरमार है. आम टमाटर इन दिनों बाजार में ₹5 से 10 किलो के भाव से बिक रहा है, वहीं थाईलैंड का टमाटर बाजार में ₹100 प्रति किलो तक बिक रहा है.

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थाईलैंड का चेरी टमाटर सब्जियों की नहीं, बल्कि फ्रूट्स की दुकानों पर बिकता है. रामप्रताप ने ईटीवी भारत के जरिए दूसरे किसानों को संदेश दिया कि वो भी परंपरागत खेती को छोड़कर और तकनीक के साथ खेती करें. इससे वो परंपरागत खेती के मुकाबले एक एकड़ से कई गुना मुनाफा कमा सकते हैं. रामप्रताप ने कहा कि इसमें काम थोड़ा ज्यादा होता है, क्योंकि सब्जियों को देखभाल की ज्यादा जरूरत होती है. जबकि धान और गेहूं जैसी फसल की ज्यादा देखरेख करने की जरूरत नहीं पड़ती.

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