ETV Bharat / state

हरियाणा के इस गांव में कोई नहीं करता सरकारी नौकरी, वजह हैरान कर देगी - हरियाणा की साक्षरता दर

पानीपत में यमुना की तलहटी पर बसे गांव पत्थर गढ़ (Patthargarh Village Panipat) में किसी भी शख्स के पास सरकारी नौकरी नहीं है. इसकी वजह जानकर आप हैरान हो सकते हैं.

Patthargarh Village Panipat
Patthargarh Village Panipat
author img

By

Published : Oct 31, 2021, 2:25 PM IST

पानीपत: कहने को तो हरियाणा में साक्षरता दर (Haryana Literacy Rate) 76 प्रतिशत से ज्यादा है. जो बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान से कहीं बेहतर है. पढ़ाई के क्षेत्र में हरियाणा तेजी से आगे बढ़ रहा है. लेकिन यहां ऐसा गांव भी हैं जहां साक्षरता दर ना के बराबर है. हम बात कर रहे हैं पानीपत में यमुना की तलहटी पर बसे गांव पत्थर गढ़ (Patthargarh Village Panipat) की. मुस्लिम बाहुल्य इस गांव की कुल आबादी कीरब 12 सौ है.

हैरानी की बात ये है कि इस गांव के एक भी शख्स पास आज तक सरकारी नौकरी नहीं (Not a single person has government job) है. इसके पीछे की कई बड़ी वजहे हैं. सबसे पहली ये कि गांव के लोग अपने बच्चों को पढ़ाने में ज्यादा विश्वास नहीं रखते. जैसे ही बच्चे बालिग होते हैं वो उन्हें मजदूरी पर लगा देते हैं, ताकि उनका घर खर्च अच्छे से चल सके. यही वजह है कि इस गांव में बच्चे आठवीं या दसवीं तक ही पढ़े हुए हैं. सरकारी तो दूर यहां के युवाओं के पास प्राइवेट नौकरी भी नहीं है.

हरियाणा के इस गांव में एक भी युवा के पास नहीं सरकारी नौकरी, वजह हैरान करने वाली है

मुस्लिम आबादी के इस गांव में दो मदरसे, एक सरकारी स्कूल और एक प्राइवेट स्कूल है, इसके बाद भी बच्चे एक लिमिट तक ही पढ़ाई करते हैं. जब स्कूल के बच्चों से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने कहा कि हम पढ़ना चाहते हैं और कुछ बनना चाहते हैं.

ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार ने 100 और गांवों को म्हारा गांव जगमग गांव योजना से जोड़ा, 24 घंटे मिलेगी बिजली

गांव के एक युवा ने हाल ही में इंजीनियरिंग की परीक्षा में पास कर नौकरी हासिल की थी, लेकिन वो इस गांव को छोड़ कर बाहर चला गया. अब धीरे-धीरे लोगों को शिक्षा की अहमियत समझ आने लगी है. गांव में बने सरकारी स्कूल के अध्यापक ने बताया कि यहां के निवासी अधिकांश गरीब हैं. जो अपने बच्चों को बालिक होते ही मजदूरी पर लगा देते हैं उनका विश्वास ये रहता है कि काम करने से कुछ पैसे आएंगे और समुदाय विशेष भी एक कारण है. इस समुदाय के लोग अपने बच्चों को पढ़ाने में विश्वास नहीं रखते.

पानीपत: कहने को तो हरियाणा में साक्षरता दर (Haryana Literacy Rate) 76 प्रतिशत से ज्यादा है. जो बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान से कहीं बेहतर है. पढ़ाई के क्षेत्र में हरियाणा तेजी से आगे बढ़ रहा है. लेकिन यहां ऐसा गांव भी हैं जहां साक्षरता दर ना के बराबर है. हम बात कर रहे हैं पानीपत में यमुना की तलहटी पर बसे गांव पत्थर गढ़ (Patthargarh Village Panipat) की. मुस्लिम बाहुल्य इस गांव की कुल आबादी कीरब 12 सौ है.

हैरानी की बात ये है कि इस गांव के एक भी शख्स पास आज तक सरकारी नौकरी नहीं (Not a single person has government job) है. इसके पीछे की कई बड़ी वजहे हैं. सबसे पहली ये कि गांव के लोग अपने बच्चों को पढ़ाने में ज्यादा विश्वास नहीं रखते. जैसे ही बच्चे बालिग होते हैं वो उन्हें मजदूरी पर लगा देते हैं, ताकि उनका घर खर्च अच्छे से चल सके. यही वजह है कि इस गांव में बच्चे आठवीं या दसवीं तक ही पढ़े हुए हैं. सरकारी तो दूर यहां के युवाओं के पास प्राइवेट नौकरी भी नहीं है.

हरियाणा के इस गांव में एक भी युवा के पास नहीं सरकारी नौकरी, वजह हैरान करने वाली है

मुस्लिम आबादी के इस गांव में दो मदरसे, एक सरकारी स्कूल और एक प्राइवेट स्कूल है, इसके बाद भी बच्चे एक लिमिट तक ही पढ़ाई करते हैं. जब स्कूल के बच्चों से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने कहा कि हम पढ़ना चाहते हैं और कुछ बनना चाहते हैं.

ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार ने 100 और गांवों को म्हारा गांव जगमग गांव योजना से जोड़ा, 24 घंटे मिलेगी बिजली

गांव के एक युवा ने हाल ही में इंजीनियरिंग की परीक्षा में पास कर नौकरी हासिल की थी, लेकिन वो इस गांव को छोड़ कर बाहर चला गया. अब धीरे-धीरे लोगों को शिक्षा की अहमियत समझ आने लगी है. गांव में बने सरकारी स्कूल के अध्यापक ने बताया कि यहां के निवासी अधिकांश गरीब हैं. जो अपने बच्चों को बालिक होते ही मजदूरी पर लगा देते हैं उनका विश्वास ये रहता है कि काम करने से कुछ पैसे आएंगे और समुदाय विशेष भी एक कारण है. इस समुदाय के लोग अपने बच्चों को पढ़ाने में विश्वास नहीं रखते.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.