पानीपत:उद्योग की नगरी पानीपत में रोजाना हजारों टन पुराने कपड़े से धागा बनाया जाता है. पुराने कपड़े से धागा बनाने के लिए एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. भीड़भाड़ वाले पानीपत जिले में हजारों धागा बनाने की फैक्ट्री है और धागा बनाने वाली फैक्ट्रियों में कपड़े की ढुलाई का काम ट्रैक्टर ट्रॉली के द्वारा किया जाता है. ट्रैक्टर ट्रॉली में मात्रा से ज्यादा अधिक कपड़ा भरकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है.
यह ट्रैक्टर ट्रॉली इस भीड़भाड़ वाले जिले में लंबे जाम का कारण बनती है. कई कपड़े से भरी इन ट्रैक्टर ट्रॉली से बड़े हादसे भी हो चुके हैं. बता दें ट्रैक्टर ट्रॉली का रजिस्ट्रेशन कृषि के कार्य हेतु किया जाता है. इस रजिस्ट्रेशन पर अन्य वाहनों के मुकाबले कम खर्च आता है. परंतु इस ट्रैक्टर-ट्रॉली को किसी भी कमर्शियल रूप में प्रयोग में नहीं लाया जा सकता है. उद्योग में माल ढुलाई के लिए यह ट्रैक्टर ट्रॉली सड़कों पर सरपट दौड़ती नजर आती हैं.
इनके मालिक अपनी ट्रैक्टर ट्रॉली को फैक्ट्री में किराए पर लगाकर रखते हैं और उनसे फैक्ट्री मालिक माल ढुलाई का काम लेता है. इतना ही नहीं एग्रीकल्चर में रजिस्ट्रेशन होने के चलते इन ट्रैक्टर ट्रॉली के ऊपर कोई टोल टैक्स भी नहीं लगता. दूसरा इन पर कोई भी रजिस्ट्रेशन नंबर की प्लेट को लगाया जाता. जिले में ट्रैक्टर ट्रॉली तो अनफिट है जो सड़कों पर दौड़ते नजर आते हैं.
ये भी पढ़ें: नकली फिंगर प्रिंट के जरिए बैंक से रुपये निकालने वाले गिरोह का पर्दाफाश, मुख्य आरोपी समेत दो गुर्गे गिरफ्तार
जब इस बारे में पानीपत के पुलिस अधीक्षक अजीत शेखावत से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि पानीपत में जाम एक बड़ी जटिल समस्या है और वह अपने अधिकारियों से रोड सेफ्टी सप्ताह में एक मीटिंग कर जल्द ही ओवरलोड वाहनों और नॉन कमर्शियल वाहनों पर शिकंजा कसेंगे. जल्द ही पानीपत शहर को जाम मुक्त कराया जाएगा. उन्होंने हिदायत देते हुए कहा कि ऐसे वाहन चालक या तो सुधर जाएं वरना कानूनी कार्रवाई की जाएगी.