ETV Bharat / state

क्षेत्रीय बोलियों के संवर्धन और विकास के एम्बेसडर बने नीरज चोपड़ा, बोले- मातृ बोली को सम्मान देना जरूरी

Neeraj Chopra Regional Dialect Ambassador: गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने क्षेत्रीय बोलियों को सम्मान दिलवाने का फैसला किया है. इस मुद्दे को लेकर नीरज अपने गांव खंडरा में 26 नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.

Neeraj Chopra Regional Dialect Ambassador
हरियाणा की बोलियों को प्रमोट करेंगे नीरज चौपड़ा
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 24, 2023, 3:52 PM IST

पानीपत: टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने क्षेत्रीय बोलियों को मान सम्मान दिलवाने का फैसला किया है. अपनी मातृ बोली को कैसे मान-सम्मान दिलवाया जाए. कैसे युवा अपनी बोली पर गर्व महसूस करें, इन सब मुद्दों को लेकर नीरज अपने गांव खंडरा में 26 नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. इस कॉन्फ्रेंस का समय सुबह दस बजे रखा गया है जो गांव के ही संस्कृति स्कूल में प्रस्तावित है.

बताया जा रहा है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीरज चोपड़ा बताएंगे कि किस प्रकार से हम अपनी क्षेत्रीय बोलियों को मान सम्मान दिलवा सकते हैं. नीरज चोपड़ा ये भी बताएंगे कि भविष्य में इस अभियान को लेकर उनकी क्या योजनाएं हैं. नीरज ने कहा कि वो गांव में पैदा हुए हैं. गांव में पले बढ़े हैं. हरियाणा ने ही उनको ये पहचान दिलाई है. इसलिए नीरज चोपड़ा चाहते हैं कि क्षेत्रीय बोलियों को भी मान सम्मान दिया जाए.

घर और गांव में हम अपनी बोली में बात करते हैं. अपने सुख दुख और अन्य भावनाएं इसी बोली में प्रदर्शित करते हैं. पर शहर में हम इसे बोलने में हिचकिचाते हैं. भले ही बोलियों का कोई व्याकरण नहीं है, पर किस्से, कहानियां, लोक कथाएं, सब बोलियों का अभिन्न अंग हैं. जितना साहित्य बोलियों में मिलता है. उतना अन्य किसी भाषा में नहीं मिलता.- नीरज चोपड़ा, भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीट

नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत जिले के खंडरा गांव में हुआ. नीरज के पिता सतीश कुमार किसान हैं. उनकी माता सरोज देवी एक गृहणी हैं. जैवलिन थ्रो में नीरज की रुचि तब हुई जब वो केवल 11 साल के थे. वेट ज्यादा होने के कारण उन्होंने नीरज को खेल के मैदान में भेजा. नीरज ने वहां कुछ खिलाड़ियों को जैवलिन की प्रैक्टिस करते देखा. जिसके बाद से नीरज जैवलिन की प्रैक्टिस करने लगे. टोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा देश के पहले और एकमात्र ट्रैक एंड फील्ड एथलीट बने. इसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

ये भी पढ़ें- Neeraj Chopra Exclusive Interview: एशियन गेम्स में गोल्ड के बाद एक बार फिर ओलंपिक में स्वर्ण पर रहेगी नीरज चोपड़ा की नजर

ये भी पढ़ें- Neeraj Chopra को वर्ल्ड एथलीट ऑफ द ईयर 2023 के लिए किया गया नॉमिनेट, जानिए आप कैसे डाल सकते हैं वोट?

पानीपत: टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने क्षेत्रीय बोलियों को मान सम्मान दिलवाने का फैसला किया है. अपनी मातृ बोली को कैसे मान-सम्मान दिलवाया जाए. कैसे युवा अपनी बोली पर गर्व महसूस करें, इन सब मुद्दों को लेकर नीरज अपने गांव खंडरा में 26 नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. इस कॉन्फ्रेंस का समय सुबह दस बजे रखा गया है जो गांव के ही संस्कृति स्कूल में प्रस्तावित है.

बताया जा रहा है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीरज चोपड़ा बताएंगे कि किस प्रकार से हम अपनी क्षेत्रीय बोलियों को मान सम्मान दिलवा सकते हैं. नीरज चोपड़ा ये भी बताएंगे कि भविष्य में इस अभियान को लेकर उनकी क्या योजनाएं हैं. नीरज ने कहा कि वो गांव में पैदा हुए हैं. गांव में पले बढ़े हैं. हरियाणा ने ही उनको ये पहचान दिलाई है. इसलिए नीरज चोपड़ा चाहते हैं कि क्षेत्रीय बोलियों को भी मान सम्मान दिया जाए.

घर और गांव में हम अपनी बोली में बात करते हैं. अपने सुख दुख और अन्य भावनाएं इसी बोली में प्रदर्शित करते हैं. पर शहर में हम इसे बोलने में हिचकिचाते हैं. भले ही बोलियों का कोई व्याकरण नहीं है, पर किस्से, कहानियां, लोक कथाएं, सब बोलियों का अभिन्न अंग हैं. जितना साहित्य बोलियों में मिलता है. उतना अन्य किसी भाषा में नहीं मिलता.- नीरज चोपड़ा, भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीट

नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत जिले के खंडरा गांव में हुआ. नीरज के पिता सतीश कुमार किसान हैं. उनकी माता सरोज देवी एक गृहणी हैं. जैवलिन थ्रो में नीरज की रुचि तब हुई जब वो केवल 11 साल के थे. वेट ज्यादा होने के कारण उन्होंने नीरज को खेल के मैदान में भेजा. नीरज ने वहां कुछ खिलाड़ियों को जैवलिन की प्रैक्टिस करते देखा. जिसके बाद से नीरज जैवलिन की प्रैक्टिस करने लगे. टोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा देश के पहले और एकमात्र ट्रैक एंड फील्ड एथलीट बने. इसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

ये भी पढ़ें- Neeraj Chopra Exclusive Interview: एशियन गेम्स में गोल्ड के बाद एक बार फिर ओलंपिक में स्वर्ण पर रहेगी नीरज चोपड़ा की नजर

ये भी पढ़ें- Neeraj Chopra को वर्ल्ड एथलीट ऑफ द ईयर 2023 के लिए किया गया नॉमिनेट, जानिए आप कैसे डाल सकते हैं वोट?

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.