पानीपत: कहते हैं कि प्यार धरती पर सबसे खूबसूरत चीज है, जो कोई दिखाई देने वाली चीज तो है नहीं, लेकिन जीवों के व्यवहार में ये साफ नजर आती है. प्यार कोई धर्म मजहब, जात-पात, ऊंच-नीच नहीं देखता. अगर इंसान और जानवरों के बीच प्यार की बात हो तो सबसे पहला नाम पालतू कुत्ते का आता है. इंसानों का सबसे वफादार जानवर कुत्ता ही होता है. ऐसा ही मामला सोमवार को पानीपत में देखने मिला जब एक पालतू कुत्ते की मौत के बाद उसके मालिक ने उसको नम आंखों से विदाई दी और सत्रहवीं (Dog Funeral In Panipat) का आयोजन करवाया.
पानीपत में वफादार कुत्ते शेरू की मौत के बाद मालिक महावीर अहलावत ने सत्रहवीं कर लोगों को भोज करवाया. शेरू की सत्रहवीं पर सैकड़ों लोग पहुंचे और शेरू को श्रदांजलि दी. वहीं मालिक महावीर ने पकवान बनवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इतना ही नहीं घर की महिलाओं ने शेरू की सत्रहवीं के दिन मंगल गीत भी गाए. शेरू की मौत के बाद पूरा परिवार गमगीन हो गया है. परिवार के साथ-साथ ग्रामीणों ने भी शेरू को नम आंखों से विदाई दी.
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शेरू के मालिक महावीर अहलावत ने बताया कि 15 साल पहले वो 15 दिन के शेरू को घर लाये थे. पालतू कुत्ते ने वफादारी से मालिक के घर कारोबार की चौकीदार की तरह रखवाली की, लेकिन जब शेरू की मौत हुई तो तेरहवी की जगह 17 दिन बाद सत्रहवीं का आयोजन करवाया गया और पूरे गांव को भोज करवाया. परिवारवालों ने शेरू की आत्माशांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की.
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