पानीपत: हर सरकार अपने कार्यकाल में नई-नई योजनाएं लेकर आती हैं. कुछ योजनाएं ऐसी होती है या तो लोगों को उनके बारे में पता तक नहीं होता, या फिर वो योजना का लाभ नहीं उठा पाते. ऐसी ही एक योजना है पेंशन योजना. अभी तक आपने बुजुर्ग पेंशन, विधवा पेंशन और दिव्यांग पेंशन और कई तरह के पेंशन भत्तों के बारे में सुना होगा. हम आपको इस योजना से जुड़ी एक रोचक जानकारी बताने जा रहा हैं.
दरअसल हरियाणा में पेंशन योजना के तहत उन महिलाओं को भी पेंशन दी जाती है. जिनके पति को उम्रकैद की सजा हो चुकी हो. उन महिलाओं के साथ उनके दो नाबालिग बच्चों को भी हर महीने 1850 रुपये पेंशन के रूप में दिए जाते हैं. बच्चों को 21 साल की उम्र तक ये वित्तीय सहायता दी जाती है, जबकि महिला को ताउम्र ये पेंशन दी जाती है. इसी तरह हरियाणा में विधवा महिला को और उसके नाबालिग बच्चों को पेंशन देने का प्रावधान है.
2750 रुपये और उनके नाबालिग बच्चों को 1850 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है. बता दें कि बहुत की कम लोगों को इस बारे में पता है. अभी तक लोगों के पास यही जानकारी थी कि सिर्फ विधवा महिला को ही पेंशन मिलती है. जबकि उसके नाबालिग बच्चा भी पेंशन का हकदार है.
कैसे ले सकते हैं लाभ? इन दोनों पेंशन भत्ते का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी सोशल जस्टिस हरियाणा की वेबसाइट से विधवा और बेसहारा स्कीम के बारे में जानकारी ले सकती हैं. विधवा महिला अपने पेंशन आवेदन के साथ अपने दो नाबालिग बच्चों तक का आवेदन कर सकती है. इसके लिए महिला आधार कार्ड, पैन कार्ड, फैमली आईडी, रिहायशी प्रमाण पत्र, बैंक खाते की पास बुक और पति की मृत्यु प्रमाण पत्र सरल केंद्र में जाकर ऑनलाइन आवेदन करवा सकती हैं.
वहीं उम्र कैद की सजा काट रहे कैदी की पत्नी भी सभी प्रमाण पत्र के साथ कोर्ट की सजा के नोटिस के साथ आवेदन कर सकती है. आपको बता दें कि महिला अपने दो बच्चों का ही आवेदन भर सकती है, क्योंकि 2 बच्चों से ज्यादा के लिए ये स्कीम नहीं है. सिर्फ दो बच्चे ही इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. बच्चे नाबालिग होने चाहिए.