पानीपत: कारगिल युद्ध में हरियाणा के जवानों ने बड़ा योगदान दिया (Haryana kargil hero)था जिनको कभी भुलाया नही जा सकता. आज भी हरियाणा की जनता को उन सैनिकों पर गर्व है. युद्ध में दुश्मनों को धूल चटाने में जाट रेजीमेंट का बड़ा योगदान रहा था. इसी जाट रेजीमेंट में एक सैनिक का किस्सा आपको बताने जा रहे है जिसने मौत के बाद भी 3 पाकिस्तानी सैनिकों की गर्दन को अपने बाजुओं में जकड़ा हुआ था.
हम बात कर रहे है पानीपत के बबैल गांव के रहने वाले जयवीर सिंह की जिन्हे गांव के रहने वाले उनके ही नाना मोख राम ने गोद लिया (Solider Jaiveer Singh Panipat) था. उनकी पढ़ाई लिखाई बबैल से ही हुई. गांव वालों का कहना है कि जयवीर बचपन से काफी फुर्तीला और ताकतवर था. उसकी ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कुश्ती के दौरान वे दो- दो पहलवानों को एक साथ चित कर देता था. 1990 में वे फौज में भर्ती हुआ था.
पहली बार में नहीं हुआ सिलेक्शन- गांव वाले जयवीर सिंह के सेना में भर्ती होने का भी किस्सा बताते हुए कहा कि साल 1990 में सेना की खुली भर्ती चल रही थी. किसी वजह से जयवीर का सिलेक्शन नहीं हो पाया. इसके बाद जयवीर वहां टेस्ट ले रहे मेजर के पास पहुंचे और उनसे कहा कि मेजर साहब आपने जिन लोगों का सिलेक्शन किया है उनमें से 2 लोग मिलकर भी मुझे कुश्ती में हरा दे तो मैं यहां से चला जाऊंगा. इतना जुनून और जज्बा देखकर जयवीर सिंह को भर्ती कर लिया गया.
![Kargil War Hero Jaiveer Singh](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/15924902_kargil.jpg)
4 हजार 540 फीट ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा- गांव वाले बताते हैं कि कारगिल हीरो जय वीर सिंह (Kargil war Hero Jaiveer Sing) ने युद्ध के दौरान जाट रेजीमेंट में भी अपनी वीरता के जौहर दिखाए. 29 मई को चार हजार पांच सौ चालीस मीटर की चोटी पर तिरंगा फहराया. इसके बाद दुश्मनों से लोहा लेने के जुनून लिए वह ऊपर चढ़ते चले गए. जब वह अपनी टुकड़ी से आगे निकल गए तो वहां घात लगाए बैठे दुश्मनों ने उन पर हमला बोल दिया.
![Kargil War Hero Jaiveer Singh](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/15924902_as.jpg)
बाजुओं में दबा रखा था 3 पाकिस्तानी सैनिको का शव- गांव वालों ने बताया कि दुश्मनो के हमले के दौरान कारगिल वार के हीरो जयवीर सिंह (Kargil War Hero Jaiveer Singh) ने बंदूक को छोड़कर हाथों से ही लड़ना शुरू कर दिया और 3 लोगों की गर्दन दबाकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया. आखरी में सिर में गोली लगने के कारण जय वीर सिंह वीरगति को प्राप्त हो गए. बताया जाता है कि जब जयवीर सिंह का शव उनकी बटालियन को मिला तो उसके साथ तीन पाकिस्तानी सैनिकों के भी शव मिले थे जिनकी गर्दन को जयवीर सिंह ने अपनी बाजुओं में जकड़ा हुआ था.
![Kargil War Hero Jaiveer Singh](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/15924902_kkd.png)
दो दिन तक गांव में नहीं जला चूल्हा- गांव में जैसे ही जयवीर सिंह के शहीद होने की खबर मिली तो पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी. गांव वालो के दु:ख का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जयवीर के शहादत की खबर मिलते ही गांव में किसी के घर दो दिन तक चूल्हा नहीं जला. लोग नम आंखों से बस अपने लाडले के पार्थिव शरीर के इंतजार में खड़े रहे. जैसे ही उनका पार्थिव शरीर जब गांव पहुंचा तो आस-पास के भी गांव के लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंच गए थे.