पानीपत: हरियाणा में क्राइम ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है. बढ़ते अपराधों का कनेक्शन साथ लगते प्रदेशों से भी बताया जाता है. हरियाणा में अधिकतर अवैध हथियारों से वारदात के मामले सामने आते हैं. पानीपत की बात करें तो यूपी, एमपी और बिहार से पानीपत में अवैध हथियार पहुंच रहे हैं. पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी के शामली, मेरठ, मुजफ्फरनगर और मध्य प्रदेश के खरगोन तथा बिहार के मुंगेर जिले से हरियाणा में अवैध हथियारों की सप्लाई होती है.
हथियारों की तस्करी के कोड वर्ड: पुलिस की मानें तो हरियाणा में उक्त प्रदेशों से जो अवैध हथियार सप्लाई किए जाते हैं, वह एक कोड वर्ड के जरिए मांगे जाते हैं. पिस्टल को पोशाक के नाम से और देसी तमंचे को हैंडपंप और कारतूस को पेट दर्द की गोली का कोड वर्ड दिया गया है. पानीपत में पिछले 10 महीनों में 80 हथियार जब्त किए गए हैं. जबकि 125 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है.
हथियारों की तस्करी का तरीका: पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हथियार सप्लाई के तरीके में सबसे ज्यादा सुरक्षित रेल को माना गया है. सप्लायर किसी छोटे रेलवे स्टेशन से ट्रेन में दाखिल होते हैं. जहां मेटल डिटेक्टर नहीं होते और न ही किसी प्रकार की कोई चेकिंग की जाती है. जिस बैग में हथियार को रखा जाता है, उसे ट्रेन के अंदर सीट के नीचे रख देते हैं. ताकि चेकिंग होने पर यह कह दे कि बैग उसका नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, देसी पिस्टल की कीमत 30 से 35 हजार रुपये होती है. जबकि देसी कट्टे की कीमत 3 से 5 हजार रुपये तक बताई गई है.
मजदूरों द्वारा सप्लाई: पुलिस द्वारा ज्यादातर लोग जो पकड़े गए हैं, उन्होंने बताया कि दूसरे राज्य से आने वाले हथियार पानीपत में काम करने वाले मजदूर द्वारा सप्लाई किया जाता है. थोड़े से लालच में मजदूरों के बैग में यह रख दिया जाता है और यहां पर बताए गए स्थान पर अपराधी इनसे हथियार ले लेते हैं.
क्या कहती है पुलिस: पानीपत जिला पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत का कहना है कि अवैध हथियारों की तस्करी पर वह लगातार काम कर रहे हैं. बिहार, यूपी और एमपी से पानीपत में ज्यादातर हथियारों की सप्लाई होती है. पकड़े गए आरोपियों से बनाने वाले लोगों तक भी पुलिस पहुंच चुकी है. कहीं लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. 10 करोड़ से मिले इनपुट के चलते कई हथियार बनाने वाले लोगों को भी काबू किया गया है. हथियार बनाने वाले लोगों पर भी पुलिस इस समय कड़ा प्रहार कर रही है. पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी हथियार बनाने वाले लोगों पर रेड कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है.