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Hydroponic Farming: बिना मिट्टी के महिला किसान ने पानी में उगाई टमाटर की बंपर फसल, इस तकनीक से हो रही अच्छी कमाई

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Published : Jun 11, 2023, 3:22 PM IST

भारत कृषि प्रधान देश है और यहां की अधिकांश आबादी खेती-बाड़ी से ही अपना गुजारा चलाती है, लेकिन बदलते समय और बढ़ती तकनीकों के साथ अब खेती के भी नए रूप देखने को मिल रहे हैं. आजकल हाइड्रोपोनिक फार्मिंग से किसान अच्छी कमाई कर रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इसके लिए न तो मिट्टी की जरूरत है और ना ही जमीन की. आखिर हाइड्रोपोनिक तकनीक क्या है और कैसे इस तकनीक से खेती करते हैं, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (Hydroponic Farming in Panipat)

Hydroponic Farming in Panipat
पानीपत में हाइड्रोपोनिक खेती
बिना मिट्टी के महिला किसान ने पानी में उगाई टमाटर की बंपर फसल

पानीपत: बदलते युग में हर वह चीज संभव होती जा रही है जिसकी पहले सिर्फ कल्पना की जा सकती थी विज्ञान हो या कृषि हर क्षेत्र में इंसान दिन प्रतिदिन प्रगति करता जा रहा है. कृषि विविधीकरण द्वारा अब किसान भी स्मार्ट खेती की तरफ अग्रसर हो रहा है अब किसान हवा में आलू पानी में टमाटर उगा कर अपनी आय को तो दुगना कर ही रहे हैं वही पानी जैसी अमूल्य वस्तु की बचत कर रहे हैं.

Hydroponic Farming in Panipat
हाइड्रोपोनिक खेती करने वाली हरियाणा की पहली महिला किसान हैं गुंजन भाटिया.

अब हवा और पानी से ही किसान कर रहे खेती: क्या आप जानते हैं बिना मिट्टी के भी सब्जियां उगाई जा सकती हैं. बिना मिट्टी के टमाटर गोभी बैंगन पालक जैसी हरी सब्जियां उगाई जा सकती हैं. ऐसा कर दिखाया है पानीपत की रहने वाली महिला किसान गुंजन भाटिया ने. गुंजन भाटिया प्रदेश की ऐसी पहली महिला हैं, जिन्होंने सिर्फ पानी में खेती की है. गुंजन भाटिया ने बताया कि इस तकनीक को हाइड्रोपोनिक तकनीक कहा जाता है और इस तकनीक से भूमि पर उगाए गए पौधे से ज्यादा प्रोडक्शन ली जा सकती है गुंजन भाटिया ने अभी सिर्फ 5 एकड़ में हाइड्रोपोनिक यूनिट लगाई है और इस यूनिट में सिर्फ टमाटर की खेती की है.

Hydroponic Farming in Panipat
5 एकड़ में हाइड्रोपोनिक फार्मिंग कर कर रहीं हैं गुंजन भाटिया.

पानीपत में हाइड्रोपोनिक की पहली यूनिट: पानीपत जिले में हाइड्रोपोनिक की यह पहली यूनिट है जहां पर सब्जियों का उत्पादन शुरू हो चुका है. पानीपत की पहली हाइड्रोपोनिक यूनिट का निर्माण कार्य दिसंबर 2022 में पूरा हो गया था जिसके बाद इसमें सबसे पहले टमाटर की मौत को लगाया गया टमाटर की फसल बेचने से लेकर मार्केटिंग का काम कॉन्ट्रैक्ट पर दिया गया है.

Hydroponic Farming in Panipat
पानीपत में हाइड्रोपोनिक तकनीक से टमाटर की खेती.

क्या है हाइड्रोपोनिक तकनीक: हाइड्रोपोनिक्स एक ग्रीक शब्द है. इसका मतलब है बिना मिट्टी के सिर्फ पानी के जरिए ही खेती करना. वातानुकूलित पॉलीहाउस में लंबी लाइन वाले पानी के चेंबर में छोटी सुराख वाले गमले में पौधे लगाए जाते हैं. पौधे को सहारा देने के लिए पानी को ऑब्जर्व करने वाले छोटे कंकड़ गमले में डाल दिए जाते हैं और वाल्व द्वारा लंबी लाइन वाले वाटर चेंबर में पानी को भरा जाता है.

Hydroponic Farming in Panipat
पानीपत में हाइड्रोपोनिक खेती

हाइड्रोपोनिक खेती में तापमान: हाइड्रोपोनिक खेती में तापमान 15-30 डिग्री के बीच रखा जाता है और आद्रता को 80-85 फीसदी रखा जाता है. पौधों को पोषक तत्व भी पानी के जरिए ही दिए जाते हैं. यह खेती पाइपों के जरिए होती है इनके ऊपर की तरफ से छेद के जाते हैं. उन्हीं छेदों में पौधे उगाए जाते हैं. पाइप में पानी होता है और पौधों की जड़ें में उसी पानी में डूबी रहती हैं. इस पानी में उन सभी पोषक तत्व को घोला जाता है जिसकी पौधों को जरूरत होती है. बागवानी विभाग के विशेषज्ञ के अनुसार हाइड्रोपोनिक तकनीक छोटे पौधे वाली फसलों के लिए अच्छी है.

Hydroponic Farming in Panipat
तापमान चेक करने के लिए पॉलीहाउस में जगह-जगह थर्मामीटर.

हाइड्रोपोनिक तकनीक में 1 एकड़ में 10,500 पौधे: जब पौधा पानी से सभी पोषक तत्व सोख लेता है तो उस पानी को दोबारा से आरओ द्वारा फिल्टर कर प्रयोग में लाया जाता है. जिससे पानी की खपत भी उतनी ही होती है जितनी एक पौधे को जरूरत होती है. 1 एकड़ में लगभग 10,500 पौधे लगाए जाते हैं. एक पौधा एक सीजन में 14 से 15 किलो तक टमाटर का उत्पादन करता है. हर महीने एक एकड़ से 14,000 किलो टमाटर निकलता है.

हाइड्रोपोनिक तकनीक में नहीं होता कीटनाशक का प्रयोग: गुंजन भाटिया ने बताया कि उनका शुरू से सपना था कि वह लोगों को बिना कीटनाशक और सस्ते में अच्छी चीज उपलब्ध करवाएं तो उन्होंने इक्की कंपनी के संचालक अमित बिश्नोई की पार्टनरशिप से यह यूनिट लगाई है. हाइड्रोपोनिक तकनीक में किसी भी कीटनाशक का प्रयोग नहीं किया जाता.

Hydroponic Farming in Panipat
हाइड्रोपोनिक खेती का निरीक्षण करते हुए महिला किसान गुंजन भाटिया.

हाइड्रोपोनिक तकनीक में पैदावार अधिक: हाइड्रोपोनिक तकनीक से सब्जी की पैदावार भूमिगत खेती के मुकाबले से ज्यादा होती है. आमतौर पर फसल 3 से 4 माह तक चलती है, लेकिन इस तकनीक से फसल लगभग 6 से 7 माह तक चल जाती है. यूनिट में तापमान और आर्द्रता ऑटोमेटिक कंट्रोल होती है. तापमान चेक करने के लिए पॉलीहाउस में जगह-जगह थर्मामीटर लगाए गए हैं. तापमान कंट्रोल करने के लिए सेंसर और मास्टर कंट्रोलर भी लगे हैं.

ये भी पढ़ें: खेत में एक साथ तीन फसलें उगा कर लाखों कमा रहा पानीपत का उन्नत किसान, टिप्स लेने दूर-दूर से आ रहे लोग

100 से अधिक महिलाओं को गुंजन भाटिया ने पॉलीहाउस में दिया रोजगार: गुंजन भाटिया बताती हैं कि उन्होंने हाइड्रोपोनिक यूनिट लगाने से पहले यह सोच लिया था कि वह हार्वेस्टिंग से लेकर प्रोडक्शन तक यूनिट में काम करने के लिए पुरुषों को नहीं बल्कि महिलाओं को कार्य देंगी. आज 100 से ज्यादा महिला गुंजन की इस यूनिट में कार्य करती हैं.

Hydroponic Farming in Panipat
5 एकड़ में हाइड्रोपोनिक यूनिट.

क्या कहते हैं बागवानी अधिकारी?: पानीपत जिले के बागवानी अधिकारी शार्दुल शंकर ने बताया कि 4000 वर्ग मीटर यानी कि 1 एकड़ तक हाइड्रोपोनिक यूनिट लगाने की मंजूरी तो हरियाणा बागवानी विभाग द्वारा दी जाती है. हाइड्रोपोनिक यूनिट पर सरकार द्वारा 35 फीसदी का अनुदान भी दिया जाता है, जबकि 1 एकड़ से ज्यादा की मंजूरी राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा दी जाती है. उन्होंने बताया गुंजन भाटिया प्रदेश की पहली महिला किसान है, जिन्होंने 5 एकड़ में हाइड्रोपोनिक यूनिट को लगाया है. वह बताते हैं इसमें टमाटर, खीरा कई रंगों वाली शिमला मिर्च और स्ट्रॉबेरी, बैंगन आदि उगाए जा सकते हैं.

ये भी पढ़ें: सब्जियों की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कर इस गांव के किसान कमा रहे दोगुना मुनाफा, दूसरे किसानों को भी दे रहे सलाह

बिना मिट्टी के महिला किसान ने पानी में उगाई टमाटर की बंपर फसल

पानीपत: बदलते युग में हर वह चीज संभव होती जा रही है जिसकी पहले सिर्फ कल्पना की जा सकती थी विज्ञान हो या कृषि हर क्षेत्र में इंसान दिन प्रतिदिन प्रगति करता जा रहा है. कृषि विविधीकरण द्वारा अब किसान भी स्मार्ट खेती की तरफ अग्रसर हो रहा है अब किसान हवा में आलू पानी में टमाटर उगा कर अपनी आय को तो दुगना कर ही रहे हैं वही पानी जैसी अमूल्य वस्तु की बचत कर रहे हैं.

Hydroponic Farming in Panipat
हाइड्रोपोनिक खेती करने वाली हरियाणा की पहली महिला किसान हैं गुंजन भाटिया.

अब हवा और पानी से ही किसान कर रहे खेती: क्या आप जानते हैं बिना मिट्टी के भी सब्जियां उगाई जा सकती हैं. बिना मिट्टी के टमाटर गोभी बैंगन पालक जैसी हरी सब्जियां उगाई जा सकती हैं. ऐसा कर दिखाया है पानीपत की रहने वाली महिला किसान गुंजन भाटिया ने. गुंजन भाटिया प्रदेश की ऐसी पहली महिला हैं, जिन्होंने सिर्फ पानी में खेती की है. गुंजन भाटिया ने बताया कि इस तकनीक को हाइड्रोपोनिक तकनीक कहा जाता है और इस तकनीक से भूमि पर उगाए गए पौधे से ज्यादा प्रोडक्शन ली जा सकती है गुंजन भाटिया ने अभी सिर्फ 5 एकड़ में हाइड्रोपोनिक यूनिट लगाई है और इस यूनिट में सिर्फ टमाटर की खेती की है.

Hydroponic Farming in Panipat
5 एकड़ में हाइड्रोपोनिक फार्मिंग कर कर रहीं हैं गुंजन भाटिया.

पानीपत में हाइड्रोपोनिक की पहली यूनिट: पानीपत जिले में हाइड्रोपोनिक की यह पहली यूनिट है जहां पर सब्जियों का उत्पादन शुरू हो चुका है. पानीपत की पहली हाइड्रोपोनिक यूनिट का निर्माण कार्य दिसंबर 2022 में पूरा हो गया था जिसके बाद इसमें सबसे पहले टमाटर की मौत को लगाया गया टमाटर की फसल बेचने से लेकर मार्केटिंग का काम कॉन्ट्रैक्ट पर दिया गया है.

Hydroponic Farming in Panipat
पानीपत में हाइड्रोपोनिक तकनीक से टमाटर की खेती.

क्या है हाइड्रोपोनिक तकनीक: हाइड्रोपोनिक्स एक ग्रीक शब्द है. इसका मतलब है बिना मिट्टी के सिर्फ पानी के जरिए ही खेती करना. वातानुकूलित पॉलीहाउस में लंबी लाइन वाले पानी के चेंबर में छोटी सुराख वाले गमले में पौधे लगाए जाते हैं. पौधे को सहारा देने के लिए पानी को ऑब्जर्व करने वाले छोटे कंकड़ गमले में डाल दिए जाते हैं और वाल्व द्वारा लंबी लाइन वाले वाटर चेंबर में पानी को भरा जाता है.

Hydroponic Farming in Panipat
पानीपत में हाइड्रोपोनिक खेती

हाइड्रोपोनिक खेती में तापमान: हाइड्रोपोनिक खेती में तापमान 15-30 डिग्री के बीच रखा जाता है और आद्रता को 80-85 फीसदी रखा जाता है. पौधों को पोषक तत्व भी पानी के जरिए ही दिए जाते हैं. यह खेती पाइपों के जरिए होती है इनके ऊपर की तरफ से छेद के जाते हैं. उन्हीं छेदों में पौधे उगाए जाते हैं. पाइप में पानी होता है और पौधों की जड़ें में उसी पानी में डूबी रहती हैं. इस पानी में उन सभी पोषक तत्व को घोला जाता है जिसकी पौधों को जरूरत होती है. बागवानी विभाग के विशेषज्ञ के अनुसार हाइड्रोपोनिक तकनीक छोटे पौधे वाली फसलों के लिए अच्छी है.

Hydroponic Farming in Panipat
तापमान चेक करने के लिए पॉलीहाउस में जगह-जगह थर्मामीटर.

हाइड्रोपोनिक तकनीक में 1 एकड़ में 10,500 पौधे: जब पौधा पानी से सभी पोषक तत्व सोख लेता है तो उस पानी को दोबारा से आरओ द्वारा फिल्टर कर प्रयोग में लाया जाता है. जिससे पानी की खपत भी उतनी ही होती है जितनी एक पौधे को जरूरत होती है. 1 एकड़ में लगभग 10,500 पौधे लगाए जाते हैं. एक पौधा एक सीजन में 14 से 15 किलो तक टमाटर का उत्पादन करता है. हर महीने एक एकड़ से 14,000 किलो टमाटर निकलता है.

हाइड्रोपोनिक तकनीक में नहीं होता कीटनाशक का प्रयोग: गुंजन भाटिया ने बताया कि उनका शुरू से सपना था कि वह लोगों को बिना कीटनाशक और सस्ते में अच्छी चीज उपलब्ध करवाएं तो उन्होंने इक्की कंपनी के संचालक अमित बिश्नोई की पार्टनरशिप से यह यूनिट लगाई है. हाइड्रोपोनिक तकनीक में किसी भी कीटनाशक का प्रयोग नहीं किया जाता.

Hydroponic Farming in Panipat
हाइड्रोपोनिक खेती का निरीक्षण करते हुए महिला किसान गुंजन भाटिया.

हाइड्रोपोनिक तकनीक में पैदावार अधिक: हाइड्रोपोनिक तकनीक से सब्जी की पैदावार भूमिगत खेती के मुकाबले से ज्यादा होती है. आमतौर पर फसल 3 से 4 माह तक चलती है, लेकिन इस तकनीक से फसल लगभग 6 से 7 माह तक चल जाती है. यूनिट में तापमान और आर्द्रता ऑटोमेटिक कंट्रोल होती है. तापमान चेक करने के लिए पॉलीहाउस में जगह-जगह थर्मामीटर लगाए गए हैं. तापमान कंट्रोल करने के लिए सेंसर और मास्टर कंट्रोलर भी लगे हैं.

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100 से अधिक महिलाओं को गुंजन भाटिया ने पॉलीहाउस में दिया रोजगार: गुंजन भाटिया बताती हैं कि उन्होंने हाइड्रोपोनिक यूनिट लगाने से पहले यह सोच लिया था कि वह हार्वेस्टिंग से लेकर प्रोडक्शन तक यूनिट में काम करने के लिए पुरुषों को नहीं बल्कि महिलाओं को कार्य देंगी. आज 100 से ज्यादा महिला गुंजन की इस यूनिट में कार्य करती हैं.

Hydroponic Farming in Panipat
5 एकड़ में हाइड्रोपोनिक यूनिट.

क्या कहते हैं बागवानी अधिकारी?: पानीपत जिले के बागवानी अधिकारी शार्दुल शंकर ने बताया कि 4000 वर्ग मीटर यानी कि 1 एकड़ तक हाइड्रोपोनिक यूनिट लगाने की मंजूरी तो हरियाणा बागवानी विभाग द्वारा दी जाती है. हाइड्रोपोनिक यूनिट पर सरकार द्वारा 35 फीसदी का अनुदान भी दिया जाता है, जबकि 1 एकड़ से ज्यादा की मंजूरी राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा दी जाती है. उन्होंने बताया गुंजन भाटिया प्रदेश की पहली महिला किसान है, जिन्होंने 5 एकड़ में हाइड्रोपोनिक यूनिट को लगाया है. वह बताते हैं इसमें टमाटर, खीरा कई रंगों वाली शिमला मिर्च और स्ट्रॉबेरी, बैंगन आदि उगाए जा सकते हैं.

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