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Eye Flu Cases In Panipat: बाढ़ के बाद आई फ्लू ने बढ़ाई चिंता, अस्पताल में आ रहे 70 से 80% मरीज

बरसात का मौसम शुरू होने के साथ ही कई तरह की बीमारियां भी साथ में आ जाती है. इस दौरान जल जनित रोगों के साथ-साथ आई फ्लू और डेंगू जैसी बीमारियों के खतरा बहुत ज्यादा रहता है. पानीपत में भी बारिश के साथ ही आई फ्लू के मामले सामने आने लगे हैं. पानीपत सिविल अस्पताल में 70 से 80 फीसदी मरीज इन दिनों आई फ्लू के आ रहे हैं. (eye flu cases in Panipat)

eye flu cases in Panipat
पानीपत में आई फ्लू
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Published : Jul 23, 2023, 7:59 AM IST

पानीपत में आई फ्लू के मामलों में बढ़ोतरी.

पानीपत: बारिश के मौसम के चलते अब उमस और नमी के चलते अब अनेकों प्रकार की बीमारियां भी जन्म लेने लगी हैं. पानीपत सिविल अस्पताल में इन दिनों आई फ्लू से ग्रसित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आलम यह है कि 70 से 80 फीसदी तक ओपीडी आई फ्लू से ग्रसित लोगों की है, जो कि एक चिंता का विषय बना हुआ है. उमस भरे इस मौसम में बैक्टीरिया का जल्दी पनपना और जल्दी मल्टीपल होना इसका मुख्य कारण है. फ्लू के लक्षण सामने आते ही लापरवाही ना बरतें और जल्द से जल्द अस्पताल पहुंच कर अपनी आंखों की जांच कराएं.

ये भी पढ़ें: कलयुग के सर्वोत्तम स्थानों में गिना जाता है पानीपत का चुलकाना धाम, जानें इसका इतिहास

क्या है आई फ्लू?: पानीपत सिविल अस्पताल में आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर शालिनी मेहता ने बताया कि इन दिनों अस्पताल में 70 से 80% मरीज आई फ्लू के सामने आ रहे हैं. इस फ्लू का नाम कंजंक्टिवाइटिस है. यह वायरस तेजी से फैलता है और घर में एक को हो जाने के बाद अगर एहतियात ना बरती जाए तो दूसरे को होना भी स्वाभाविक है. डॉ. शालिनी मेहता ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों में आई फ्लू तेजी से फैल रहा है. इस फ्लू से ग्रसित ज्यादातर लोग ग्रामीण परिवेश से आ रहे हैं.

आई फ्लू के लक्षण: डॉक्टर शालिनी मेहता ने बताया कि, शुरुआती दौर में इसके लक्षण आंखों में खुजली से शुरू होते हैं. फिर आंखों से पानी बहना शुरू हो जाता है. धीरे-धीरे आंखें लाल होती हैं. अगर समय पर उपचार न किया जाए तो आंखों में सूजन आ जाती है. आंखों में चुभन शुरू हो जाती है. फिर लाइट की तरफ देखने में भी समस्या होने लगती है. आई फ्लू होने पर आंखों से बहने वाला पानी गाढ़ा तरल में बदल जाता है जो कि एक गंभीर स्थिति है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में नशा तस्करों की अब खैर नहीं! पुलिस प्रयास कमेटी तैयार करेगी लिस्ट, बनाया फुलप्रूफ प्लान

कैसे करें बचाव: डॉक्टर शालिनी मेहता ने बताया कि, इस फ्लू के लक्षण सामने आते ही तुरंत उपचार के लिए डॉक्टर के पास जाएं. आंखों को बार-बार ताजे पानी से धोएं. अपना इस्तेमाल किया हुआ टिशू पेपर किसी को ना दें. आंखों को छूने के बाद हाथ को पानी से धोएं. उन्होंने कहा कि, आंखें नाजुक अंग होती हैं ऐसे में मुंह धोने के बाद आंखों को रगड़े नहीं बल्कि हल्की हाथ से उसे साफ करें. अगर हो सके तो हाथों को बार-बार सैनिटाइज करें. उन्होंने कहा कि इसमें की गई लापरवाही गंभीर रूप ले सकती है.

पानीपत में आई फ्लू के मामलों में बढ़ोतरी.

पानीपत: बारिश के मौसम के चलते अब उमस और नमी के चलते अब अनेकों प्रकार की बीमारियां भी जन्म लेने लगी हैं. पानीपत सिविल अस्पताल में इन दिनों आई फ्लू से ग्रसित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आलम यह है कि 70 से 80 फीसदी तक ओपीडी आई फ्लू से ग्रसित लोगों की है, जो कि एक चिंता का विषय बना हुआ है. उमस भरे इस मौसम में बैक्टीरिया का जल्दी पनपना और जल्दी मल्टीपल होना इसका मुख्य कारण है. फ्लू के लक्षण सामने आते ही लापरवाही ना बरतें और जल्द से जल्द अस्पताल पहुंच कर अपनी आंखों की जांच कराएं.

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क्या है आई फ्लू?: पानीपत सिविल अस्पताल में आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर शालिनी मेहता ने बताया कि इन दिनों अस्पताल में 70 से 80% मरीज आई फ्लू के सामने आ रहे हैं. इस फ्लू का नाम कंजंक्टिवाइटिस है. यह वायरस तेजी से फैलता है और घर में एक को हो जाने के बाद अगर एहतियात ना बरती जाए तो दूसरे को होना भी स्वाभाविक है. डॉ. शालिनी मेहता ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों में आई फ्लू तेजी से फैल रहा है. इस फ्लू से ग्रसित ज्यादातर लोग ग्रामीण परिवेश से आ रहे हैं.

आई फ्लू के लक्षण: डॉक्टर शालिनी मेहता ने बताया कि, शुरुआती दौर में इसके लक्षण आंखों में खुजली से शुरू होते हैं. फिर आंखों से पानी बहना शुरू हो जाता है. धीरे-धीरे आंखें लाल होती हैं. अगर समय पर उपचार न किया जाए तो आंखों में सूजन आ जाती है. आंखों में चुभन शुरू हो जाती है. फिर लाइट की तरफ देखने में भी समस्या होने लगती है. आई फ्लू होने पर आंखों से बहने वाला पानी गाढ़ा तरल में बदल जाता है जो कि एक गंभीर स्थिति है.

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कैसे करें बचाव: डॉक्टर शालिनी मेहता ने बताया कि, इस फ्लू के लक्षण सामने आते ही तुरंत उपचार के लिए डॉक्टर के पास जाएं. आंखों को बार-बार ताजे पानी से धोएं. अपना इस्तेमाल किया हुआ टिशू पेपर किसी को ना दें. आंखों को छूने के बाद हाथ को पानी से धोएं. उन्होंने कहा कि, आंखें नाजुक अंग होती हैं ऐसे में मुंह धोने के बाद आंखों को रगड़े नहीं बल्कि हल्की हाथ से उसे साफ करें. अगर हो सके तो हाथों को बार-बार सैनिटाइज करें. उन्होंने कहा कि इसमें की गई लापरवाही गंभीर रूप ले सकती है.

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