पानीपत: वीरवार को तहसील कैंप पानीपत में सिलेंडर ब्लास्ट (cylinder blast in panipat) हो गया. घर में सिलेंडर में आग लगने से पति पत्नी समेत चार बच्चों की जिंदा जलने से मौत हो गई. मरने वालों में अब्दुल करीम (50 साल), अफरोजा (46 साल), इशरत खातून (18 साल), रेशमा (17 साल), अफान (7 साल) और अब्दुल शकुर (10 साल) शामिल हैं. ये सभी मूल रूप से पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के रहने वाले बताए जा रहे हैं. करीब डेढ़ साल पहले ही ये परिवार पानीपत तहसील कैंप में आकर बसा था. यहां पति पत्नी दोनों मजदूरी कर परिवार का भरन पोषण करते थे.
खबर है कि परिवार का मुखिया अब्दुल करीम और उसकी पत्नी अफरोजा अपने दो बेटों के साथ पहले से ही पानीपत में रहते थे. उनकी दोनों बेटियां वेस्ट बंगाल में रहती थीं. करीब एक महीने पहले दोनों बेटियों को यहां बुलाया गया था, क्योंकि अब्दुल करीम अपनी बड़ी बेटी इशरत खातून की शादी पानीपत में करना चाहता था. रविवार को लड़के वाले इशरत खातून को देखने के लिए आने वाले थे. डीएसपी धर्मवीर ने बताया कि पहली नजर में लग रहा है कि गैस लीक होने की वजह से ये हादसा हुआ है. गैस लीक होने की वजह से पूरे कमरे में फैल गई थी. जैसे ही सुबह गैस जलाने की कोशिश की तो ये हादसा हो गया.
पानीपत के डीएसपी धर्मवीर ने बताया कि फिलहाल सभी के शवों को पोस्टमार्टम के लिए पानीपत सिविल अस्पताल भिजवा दिया है. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के आने के बाद मौत की बाकी वजहों का पता चल पाएगा. उन्होंने कहा कि मामले में गहना से जांच की जा रही है. फिलहाल आसपास के लोगों को पूछताछ की जा रही है. इससे पहले भी सोमवार को हरियाणा के रेवाड़ी जिले से सिलेंडर ब्लास्ट की खबर सामने आई थी. जिसमें करीब सात झुग्गियां जलकर राख हो गई थी. सोमवार को बावल रोड स्थित करनावास गांव रेवाड़ी में सिलेंडर ब्लास्ट (cylinder blast in rewari) हो गया था.
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इस ब्लास्ट में बावल रोड पर बनी 2 दर्जन से अधिक झुग्गियों में आग (fire in slum in rewari) लग गई थी. बताया गया कि गैस रिसाव होने की वजह से ये हादसा हुआ. आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक ज्यादातर झुग्गियां जलकर राख हो चुकी थी. इस आगजनी में सारा सामान जलकर राख हो गया. आग लगने की वजह झुग्गी में रखे सिलेंडर की गैस में रिसाव होना बताया गया. जानकारी के अनुसार गांव करनावास के शराब ठेके के निकट झुग्गी झोपड़ी डालकर कोलकाता के 7 मुस्लिम परिवार यहां रह रहे थे.